Digital Life Certificate Campaign: मोदी सरकार ने एक बड़ा कैंपेन लॉन्च किया है. यह डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र कैंपेन है, जिसे लॉन्च कर मोदी सरकार ने एक झटके में ही लोगों की टेंशन को दूर कर दिया है. जैसे ही सरकार ने इस कैंपेन को लॉन्च किया, वैसे ही 1.8 लाख लोगों ने योजना का लाभ उठाया. उनके चेहरे खुशी से खिल उठे, इसलिए सवाल ये है कि आप इसका लाभ उठाने में पीछे क्यों है. ऐसे में आइए जानते हैं कि डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र कैंपेन क्या है.
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1.8 लोगों ने उठाया लाभ
डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र कैंपेन को लेकर कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय ने अहम जानकारी दी है. उसके अनुसार, सरकार की ओर से अब तक के सबसे बड़े कैंपेन के तहत पहले ही दिन 1.8 लाख से अधिक पेंशनभोगियों ने अपने डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (डीएलसी) बनवा लिए हैं. यह उन लोगों के लिए बड़ी राहत है, जिनको इस सर्टिफिकेट को बनवाने के लिए काफी दौड़-धूप करनी पड़ती है.
DoPPW coordinates with Pension welfare Associations to reach out to pensioners #DLCCampaign3@DrJitendraSingh@svoruganti1466@mygovindia@GoI_MeitY@IPPBOnline@PIB_India@DARPG_GoI@DoPTGoI pic.twitter.com/xn8Q3d5fbM
— DOPPW_India (@DOPPW_India) November 1, 2024
कब शुरू किया गया ये कैंपेन
पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र कैंपेन शुरू किया है, जो एक से 30 नवंबर तक चलेगा. ये कैंपने देश के 800 शहरों और जिलों में जारी रहेगा, जिसको लेकर कहा जा रहा है कि ये सबसे बड़ा राष्ट्रव्यापी कैंपेन होगा. कार्मिक मंत्रालय ने कहा, ‘यह अब तक का सबसे बड़ा डीएलसी कैंपेन है. शुक्रवार शाम तक कुल 1.81 लाख डीएलसी तैयार की गईं.
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कैंपेन के पीछे कौन-कौन
डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र कैंपेन को सफल बनाने में सरकार की पूरी मशीनरी लगी हुई है. यह कैंपेन देश के दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले सभी पेंशनभोगियों तक पहुंचने के लिए सीजीडीए, दूरसंचार विभाग, रेलवे, यूआईडीएआई और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के सहयोग से चलाया जा रहा है. वहीं, 19 बैंक, 785 जिला डाकघर और 57 कल्याण संघ भी महीने भर चलने वाले कैंपेन में सहयोग करेंगे.
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कैंपेन का क्या है मकसद
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चेहरे की पहचान करने वाली (फेस रिकग्निशन) तकनीक का इस्तेमाल करके पेंशनभोगियों के डिजिटल सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है.
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बुजुर्ग पेंशन भोगियों के लिए चेहरे की पहचान को अधिक सुविधाजनक बना दिया गया है और इसका उपयोग एंड्रॉइड के साथ-साथ आईओएस पर भी किया जा सकता है.
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यह टेक्नोलॉजी घर बैठे ही स्मार्टफोन कैमरे का उपयोग करके चेहरे के स्कैन द्वारा पेंशनभोगी की पहचान करने में सक्षम बनाती है.
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इससे आसानी से डीएलसी जमा करने की प्रक्रिया पूरी हो जाती है और इसके लिए उन्हें बैंक या डाकघर जाने की जरूरत नहीं होती.
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यूआईडीएआई के फेस रिकग्निशन एप्लीकेशन का उपयोग कर पेंशनभोगियों को डिजिटली सशक्त करना ध्येय है.
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