IPL History : इंडियन प्रीमियर लीग, दुनिया की सबसे अमीर फ्रेंचाइजी क्रिकेट लीग है, जिसमें दुनियाभर के लगभग सभी बड़े खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं. इसकी लोकप्रियता वक्त के साथ बढ़ती ही जा रही है. 2008 में 8 फ्रेंचाइजी के साथ शुरू हुई ये फ्रेंचाइजी लीग में आज 10 टीमें खेलती हैं. ललित मोदी के एक आइडिया से आईपीएल का जन्म हुआ था. आइए आज आपको इंडियन प्रीमियर लीग के बारे में विस्तार से जानते हैं कि इसकी शुरुआत कब और कैसे हुई...
कैसे आया था IPL का आइडिया?
इंडियन प्रीमियर लीग की शुरुआत के बारे में अगर जानना है, तो पहले आपको इंडियन क्रिकेट लीग यानि ICL के बारे में जानना होगा... कम ही लोग इस बारे में जानते हैं कि 2007 में ICL को प्रपोज किया गया था. बीसीसीआई ने आईसीएल के बोर्ड में शामिल होने से समिति के सदस्य कुछ खास खुश नहीं थे. आधिकारिक तौर पर तो बोर्ड ICL खेलने के लिए प्लेयर्स को मना नहीं कर रहा था, लेकिन आईसीएल में शामिल होने से खिलाड़ियों को रोकने के लिए, बीसीसीआई ने घरेलू टूर्नामेंट में अवॉर्ड मनी को बढ़ा दिया था. इतना ही नहीं उस वक्त ICL को बागी लीग माना जाता था. ऐसे में जो भी खिलाड़ी इसमें हिस्सा लेता, उसपर लाइफटाइम बैन लगाने की बात कही गई थी. इस तरह इंडियन क्रिकेट लीग का आइडिया वहीं खत्म हो गया. मगर, इस टी-20 लीग के बाद 2008 में ही ललित मोदी ने बीसीसीआई को टी20 के जैसी ही एक लीग बनाने को कहा. कहीं ना कहीं IPL का ये आइडिया ICL से ही आया.
ललित मोदी लाए IPL का आइडिया
इंडियन क्रिकेट लीग के असफल होने के बाद ललित मोदी ने हार नहीं मानी और आईपीएल का आइडिया शेयर किया... इसलिए ये कहना गलत नहं होगा कि ललित मोदी ने ही देश को इंडियन प्रीमियर लीग दिया और 2008 में ये लीग लॉन्च हुई थी. आपको बता दें, ललित मोदी ने 2007 से आईपीएल की तैयारियां शुरू की थीं और फिर अकेले पूरे वेंचर को खड़ा कर दिया था.
बिजनेसमैन ललित मोदी ने अमेरिका की पेस यूनिवर्सिटी और ड्यूक यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की थी. उस दौरान उन्होंने प्रोफेशनल स्पोर्ट्स लीग को काफी नजदीक से देखा. कहीं ना कहीं, तभी से उन्हें भारत की घरेलू क्रिकेट लीग शुरू करने का आइडिया आ गया था.
100 करोड़ का दिया चेक
ऐसा कहा जा सकता है कि ललित मोदी ने ठान लिया था कि वह भारत में क्रिकेट लीग शुरू करके ही रहेंगे. ऐसे में जब इंडियन क्रिकेट लीग का प्लान फेल हुआ, तो उन्होंने इंडियन प्रीमियर लीग का प्लान शेयर किया. एक रिपोर्ट के अनुसार, 10 सितंबर 2007 को बीसीसीआई के अध्यक्ष शरद पवार ने ललित मोदी को 25 मिलियन का चैक दिया था, जिससे आईपीएल में हिस्सा लेने वाले प्लेयर्स को लाया जा सके. 2 मिलियन डॉलर उस वक्त के हिसाब से 100 करोड़ रुपये थे. हालांकि, बोर्ड ने इसके लिए शर्त भी रखी थी कि उन्हें अपने मुंबई वाले ऑफिस से ही काम करना होगा.
फिर बैन हो गए ललित मोदी
2010 में नई टीमों के टेंडर में गड़बड़ी के बाद ललित मोदी का खराब वक्त शुरू हुआ था. कई संगीन आरोप लगने के बाद ललित मोदी को बीसीसीआई से सस्पेंड कर दिया गया था. बोर्ड ने उनके खिलाफ जांच शुरू की और एक समिति द्वारा उन्हें दोषी पाए जाने के बाद 2013 में उन पर लाइफटाइम बैन लग गया.
8 फ्रेंचाइजी के साथ शुरू हुआ IPL
IPL 2022 से टूर्नाेमेंट में 10 टीमें हिस्सा ले रही हैं. लेकिन जब 2008 में इंडियन प्रीमिय लीग की शुरुआत हुई, तब 8 शहर दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरू, हैदराबाद, जयपुर और मोहाली को चुना गया. फ्रेंचाइजी के लिए नीलामी 24 जनवरी 2008 को शुरू हुई. 20 फरवरी 2008 को पहली बार खिलाड़ियों की नीलामी हुई और सभी टीमों ने खुद को तैयार किया. ज्यादातर टीमें अपने लोकल बॉयज पर फोकस कर रही थीं, लेकिन चेन्नई सुपर किंग्स ने 2007 में टी-20 वर्ल्ड कप जीतने वाले कप्तान एमएस धोनी पर बोली लगाई और उन्हें अपने साथ जोड़ा. जबकि मुंबई ने सचिन, दिल्ली ने सहवाग... आदि सभी टीमों ने मार्की प्लेयर्स पर बोली लगाई.
Source : Sports Desk