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Explainer: DRDO ने नेवी को सौंपी MOC रॉकेट, जानिए कितना घातक है ये हथियार, चीन को मिलेगी कड़ी टक्कर!

भारतीय नौसेना की ताकत में लगातार इजाफा हो रहा है. डीआरडीओ ने इंडियन नेवी को ऐसा रॉकेट सौंपा है, जो राडार को चकमा देने में माहिर है. यह रॉकेट कितना घातक है, जिसके मिलने से भारतीय नौसेना की कितनी ताकत बढ़ेगी. जानें

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Ajay Bhartia
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MOC Rocket

MOC रॉकेट( Photo Credit : Social Media)

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What is MOC Rocket: भारतीय नौसेना की ताकत में लगातार इजाफा हो रहा है. अब उसके सैन्य बेडे़ में एक घातक हथियार शामिल हो गया. डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) ने इंडियन नेवी को ऐसा रॉकेट सौंपा है, जो राडार को चकमा देने में माहिर है. यह रॉकेट कितना घातक है, जिसके मिलने से भारतीय नौसेना की कितनी ताकत बढ़ेगी. साथ ही समंदर में बढ़ते चीन के दबदबे से निपटने के लिए सेना की क्या तैयारियां हैं. आइए इसके बारे में जानते हैं.

डीआरडीओ ने जो रॉकेट भारतीय नौसेना को सौंपी है, उसका नाम माइक्रोवेव ऑब्स्क्यूरेट चैफ रॉकेट (Microwave Obscurant Chaff Rocket) है, जिसे शॉर्ट में MOC रॉकेट भी कहा जा सकता है. भारतीय नौसेना को मिला यह एक ऐसा हथियार है, जो पलक झपकते ही दुश्मन का खेल तमाम कर सकता है. इस रॉकेट के प्रहार से दुश्मन का बच पाना बिल्कुल नामुमकिन है.  अब आइए इस रॉकेट की खूबियां जानते हैं.

एमओसी रॉकेट की खूबियां

- ये मिडिल रेंज का रॉकेट है, जो दुश्मन के राडार में नहीं आता है, इसीलिए ये राडार के चकमा देकर हमला करने में सक्षम है. ये रॉकेट अब भारतीय नौसेना की ताकत बन चुका है. शुरुआती दौर के सभी टेस्ट पूरे होने के बाद इस रॉकेट को इंडियन नेवी में शामिल किया गया है, जिसके बाद भारतीय नौसेना की ताकत और बढ़ गई है. 

- इस रॉकेट में खास तरह के फाइबर का इस्तेमाल किया गया है. जब इस रॉकेट को दागा जाता है तो अपने चारों तरफ माइक्रोवेव ऑब्सक्योर क्लाउड का निर्माण करता है. मतलब ये खास तरह का कवच होता है, जो रेडियो फ्रीक्वेंसी पकड़ने वाले उपकरणों को चकमा देता है. इसी वजह से ये दुश्मन के राडार को धोखा दे सकता है.

इंडियन नेवी के पास हैं कौन-कौन से रॉकेट? 

भारतीय नौसेना की रॉकेट ताकत की बात करें तो उसके पास कई तरह के घातक रॉकेट हैं. ये रॉकेट इतने घातक हैं कि पलभर में दुश्मन का खात्मा करने की ताकत रखते हैं.

1. RGB-60 रॉकेट:  यह सबसे घातक रॉकटे है, जो पानी के अंदर 10 से 500 मीटर तक मार कर सकता है. इसकी रेंज 1500 से 5500 मीटर है. इसे 23 किलोग्राम वॉरहेड से लैस किया गया है. इसी सीरीज के 2 और रॉकेट हैं, जिनके नाम  RGB-12 और RGB-10 हैं. इसमें RGB-10 को 100 किलोग्राम वॉरहेड से लैस किया गया है.

2. 90R रॉकेट:  ये रॉकेट 1000 मीटर पानी के अंदर तक सबमरीन को निशाना बना सकता है.  इसकी रेंज 600 से 4300 मीटर है. इसे 19.5 किलोग्राम वॉरहेड से लैस किया गया है.

इनके अलावा भी भारतीय नौसेना पर कई तरह के रॉकेट हैं.

चीन से मुकाबले की क्या तैयारी? 

समंदर के मोर्चे पर जिस तरह की चुनौतियां मिल रही हैं और चीन जैसा दुश्मन समंदर में अपना दबदबा बढ़ा रहा है. उसे देखते हुए भारतीय नौसेना भी तैयारी कर रही है ताकि दुनिया के मोर्चे पर अगर समुद्री मोर्चे पर जंगी नौबत आई तो भारत भी अपनी समुद्री सीमाओं की रक्षा कर सके और दुश्मन को धूल चटा सके, इसीलिए युद्धपोत से लेकर सबमरीन जैसा हथियारों नौसेना में शामिल किए जा रहे हैं. 

Source : News Nation Bureau

Indian Navy DRDO Microwave Obscurant Chaff Rocket
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