Ekadashi in October 2024: हिंदुओं के लिए रमा एकादशी का व्रत विशेष महत्व रखता है. हिंदू परंपरा में इस एकादशी को सबसे शुभ माना जाता है. इसे रंभा एकादशी और कार्तिक कृष्ण एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. हालांकि, इसकी सही तिथि को लेकर लोगों के मन में सवाल है कि इस बार 27 या 28 अक्टूबर… कब है रमा एकादशी. इसके जवाब के साथ हम ये भी जानते हैं कि क्यों इस रमा एकदशी पर अद्भुत संयोग बन रहा है.
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कब है रमा एकादशी?
रमा एकादशी हिंदू कैलेंडर में कृष्ण पक्ष के दौरान कार्तिक महीने के ग्यारहवें दिन आती है. अमूमन ये एकादशी दीपावली से 4 दिन पहले मनाई जाती है. इस साल दीपावली 31 अक्टूबर को मनाई जा रही है. हालांकि उसकी डेट को लेकर भी कंफ्यूजन था, यही वजह है कि लोगों ये जानना चाहते हैं कि आखिर रमा एकादशी कब (27 अक्टूबर को या फिर 28 अक्टूबर को) मनाएं.
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वैदिक कैलेंडर के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 27 अक्टूबर को सुबह 05:23 बजे शुरू होगी और 28 अक्टूबर को सुबह 07:50 बजे समाप्त होगी. इस साल रमा एकादशी 28 अक्टूबर यानी सोमवार को मनाई जाएगी.
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29 अक्टूबर को पारण (व्रत तोड़ने का) का समय सुबह 05:55 बजे से 08:13 बजे तक है, जबकि पारण के दिन द्वादशी तिथि का अंतिम क्षण 10:31 बजे है. हिंदू परंपरा के अनुसार द्वादशी तिथि के भीतर पारण न करना पाप करने के समान होता है.
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रमा एकादशी पर दुर्लभ है संयोग
बताया जा रहा है कि इस बार की रमा एकादशी बेहद खास है, क्योंकि इस दिन हरिवास का संयोग बन रहा है, जो तब बनाता है जब एकादशी तिथि दिन उदया तिथी में होती है यानी इस बार 27 अक्टूबर को उदयातिथि में एकादशी शुरू होगी और अगले दिन भी उदयाकाल में एकादशी तिथि रहेगी. ऐसे में जो भक्त हरिवासर में व्रत रखेंगे, उनके ऊपर भगवान की असीम कृपा बरसेगी. ऐसा भी सकता है कि उनकी किस्मत ही बदल जाए.
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क्या है रमा एकादशी का महत्व
हिंदू धर्म में रमा एकादशी का बहुत ही विशेष महत्व है. हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, रमा एकादशी का व्रत रखने से लोगों के पापों का नाश होता है. उनको मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है. ऐसा कहा जाता है कि रमा एकादशी का व्रत रखने वाले लोग मृत्यु के बाद भगवान श्री हरि के धाम यानी बैकुंठ धाम में वास पाते हैं. इस दिन लोग भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और उनसे धन, स्वास्थ्य और समृद्धि की प्राप्ति का आशीर्वाद पाते हैं. भगवान विष्णु अपने भक्तों की हर मनोकामनाएं पूरी करते हैं और खुशियों से उनकी झोली भर देते हैं.
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