Haryana election results 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के रूझान बीजेपी के पक्ष में जाते दिख रहे हैं. रूझानों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि बीजेपी राज्य में ऐतिहासिक हैट्रिक की ओर बढ़ रही है. खबर लिखे जाने तक बीजेपी 45 सीटें जीत चुकी हैं, वहीं 4 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं. वहीं कांग्रेस हार की ओर जाती दिख रही है. ऐसे में सवाल ये है कि हरियाणा में कांग्रेस क्यों कमजोर पड़ गई. आइए जानते हैं कि राज्य में उसकी हार के पांच कारण क्या हैं.
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बीजेपी में दौड़ी खुशी की लहर
हरियाणा चुनाव के अबतक नतीजों और रूझानों को देखकर बीजेपी के खेमे में खुशी की लहर दौड़ गई है. हरियाणा के मौजूदा सीएम नायब सिंह सैनी ने कहा, ‘मैं लाडवा की जनता और हरियाणा की 2.80 करोड़ जनता का धन्यवाद करना चाहता हूं. इस जीत का श्रेय पीएम मोदी को जाता है. हरियाणा की जनता ने पीएम मोदी की नीतियों पर मुहर लगाई है.’
#WATCH | #HaryanaElection Haryana CM Nayab Singh Saini says "I want to thank the people of Ladwa and the 2.80 crore population of Haryana. The credit for this victory goes to PM Modi. The people of Haryana have put a stamp on the policies of PM Modi..." pic.twitter.com/2CzsZ6JW9P
— ANI (@ANI) October 8, 2024
कांग्रेस की हार के पांच कारण (Why Congress party loses Haryana)
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10 सालों से हरियाणा की सत्ता से बाहर कांग्रेस चुनाव में लोगों के मुद्दों को असरदार तरीके से नहीं उठा पाई.
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गुटबाजी भी एक बड़ी वजह हो सकती है, इसने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच तालमेल की कमी देखी गई.
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भूपिंदर सिंह हुड्डा, कुमारी शैलजा और रणदीप सुरजेवाला के समर्थकों में अनबन देखी गई, जिसका जनता के बीच अच्छा मैसेज नहीं गया.
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डुड्डा, शैलजा और सुरजेवाला तीनों ही खुद को सीएम पद के रेस में आगे देखना चाहते थे. पार्टी इस घमासान से जूझती रही.
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कांग्रेस का ज्यादा फोकस जाट वोटरों पर रहा है, पार्टी ने प्रदेश में दलितों वोटरों की अहम मौजूदगी को नजरअंदाज किया.
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फिलहाल बीजेपी हरियाणा में लगातार तीसरी बार सरकार की ओर अग्रसर है. बीजेपी के कई प्रत्याशियों ने अब तक जीत दर्ज कर ली है, जबकि कई सीटें ऐसी हैं, जहां कांटे का मुकाबला देखने को मिल रहा है. बता दें कि हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों पर एक चरण में 5 अक्टूबर को वोट डाले गए थे.
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