Electric Energy: इंसानों का जीवन आरामदायक और खुशहाल हो इसके लिए वैज्ञानिक जी जान से जुटे हुए हैं. अब वैज्ञानिकों ने बड़ा कमाल कर दिया है. उन्होंने ऐसी तकनीक खोज निकाली है, जिससे करोड़ों लोगों के बिजली के बिल की टेंशन खत्म हो जाएगा. वैज्ञानिक जल्द ही इस टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर समुद्री लहरों से बिजली बनाएंगे. इस बिजली का इस्तेमाल अमेरिका में घरों को रौशन करने में इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे उनका बिजली का बिल लगभग नाम-मात्र का रह जाएगा. इसे बिल्कुल फ्री में बिजली मिलने जैसा भी कहा जा सकता है.
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समुद्री लहरों से बनाई बिजली
वैज्ञानिकों ने समुद्री लहरों को अक्षय ऊर्जा (जैसे बिजली) में बदलने के लिए परीक्षण की तैयारी में हैं. यूएस डिपार्टमेंट ऑफ एनर्जी ने इस प्रोजेक्ट में $112.5 मिलियन का निवेश किया है. पैसिफिक नॉर्थवेस्ट (Pacific Northwest) में किए जाने वाले इस परीक्षण में समुद्री तरंग ऊर्जा का इस्तेमाल करके बिजली पैदा की जाएगी. अभी इस प्रोजेक्ट का मकसद समुद्री किनारों के पास रहने वाले इलाकों में बिजली मुहैया कराने में किया जाएगा. ये सब कैसे होगा इसको दर्शाने के लिए एक तस्वीर भी शेयर की गई है.
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समुद्री लहर ऊर्जा जल्द ही पवन, सौर और भूतापीय ऊर्जा जैसे अन्य प्राकृतिक ऊर्जा स्रोतों का पर्याय बन सकती है. अनुमान जताया जा रहा है कि अमेरिका में देश की आधी से ज्यादा ऊर्जा जरूरतों को समुद्री लहर ऊर्जा से पूरा किया जा सकता है. सूरज ढलने के साथ ही सौर ऊर्जा खत्म हो जाती है. पवन ऊर्जा हमेशा उपलब्ध नहीं होती है, लेकिन समुद्री लहर ऊर्जा दिन हो या रात हर समय हर स्थिति में रहती है. ये बिजली को उत्पन्न करने का अच्छा साधन है. तरंगें अन्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के लिए बहुत बढ़िया पूरक हैं, क्योंकि यह धीमी और स्थिर है.
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लहरों से बिजली कैसे संभव?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऊर्जा बनाने के लिए पानी का उपयोग करना कोई नहीं बात नहीं है. चीन में 30 ईपू में ही पारंपरिक जल मिलें पाई गई थीं और तब से इंसान पानी के प्रवाह से बिजली बना रहे हैं, लेकिन जल मिलें ज्वार की गति पर निर्भर होती हैं, जबकि वैज्ञानिकों ने अब बनाई तकनीक बहुत अलग है. इसमें समुद्र की सतह पर बनने वाले पैकवेव का इस्तेमाल करके बिजली बनाई जाती है. समुद्र की सतह पर एक बायो की तरह ऊपर-नीचे उछलने वाले उपकरण पानी की नेचुरल गति का इस्तेमाल करते हैं और ऊर्जा को इकट्ठा करते हैं, जिसे पानी के नीचे लगाए गए पाइपों से किनारे पर भेजा जाता है. बाद में इस ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदल दिया जाता है.