Explainer: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के दो दिवसीय रूस (PM Modi Russia Visit) दौरे के बाद से ही रूस से कई बड़ी खबरें सामने आई हैं. दोनों दोस्त देशों के बीच इस दौरान कई करार हुए हैं. खास तौर पर भारत रक्षा क्षेत्र में बड़े कदम उठा रहा है. इसी कड़ी में अब भारत रूस की मदद से भारत में दुनिया का शक्तिशाली Su-30 फाइटर जेट (Su-30 Fighter Jet) बनाने जा रहा है. जी हां अब ये ताकतवर लड़ाकू विमान भारत में ही तैयार होगा. इसके लिए राज्य और शहर भी तय कर लिया गया है. मिली जानकारी के मुताबिक रूस के साथ मिलकर भारत इस लड़ाकू विमान को भारत में ही तैयार करेगा. बता दें कि बीते कुछ वर्षों में भारत में अत्याधुनिक हथियार तैयार किए जा रहे हैं. इन हथियारों को अब विदेशों को निर्यात भी किया जा रहा है. आइए जानते हैं कि दुनिया के ताकतवर सू-30 फाइटर जेट की क्या है खासियत.
महाराष्ट्र के नासिक में तैयार होगा ये जेट
भारत के महाराष्ट्र राज्य के नासिक शहर में विश्व का शक्तिशाली Su-30 फाइटर जेट तैयार होने वाला है. बता दें कि नासिक की इसी फैक्ट्री में पहले MiG-21 फाइटर जेट्स बनाए जाते थे.
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दुनिया में भेजे जाएंगे ये फाइटर जेट
भारत और रूस शुरू से ही एक दूसरे के सहयोगी रहे हैं. फिर चाहे वो कोरोना काल हो या फिर युद्ध का वक्त इन दोनों ही मित्र देशों ने दुनिया की परवाह किए बिना एक दूसरे की दिल खोलकर मदद की है. जब युद्ध चल रहा था तो अमेरिका ने भारत पर दबाव बनाया था कि वह रूस से तेल न लें, लेकिन भारत ने इस दबाव की परवाह नहीं की और साफ शब्दों में यह कह दिया कि वह रूस से अपने व्यापारिक और दोस्ताना संबंध खराब नहीं करेगा. अब भारत के लिए रूस ने एक कदम बढ़ाया है दुनिया के शक्तिशाली जेट को बनाने में सहयोग कर रहा है.
मिली जानकारी के मुताबिक सू-30 फाइटर जेट न सिर्फ भारत में तैयार किया जाएगा बल्कि इसे भारत में बनाकर दुनिया भर में भेजा भी जाएगा.
किन देशों में बनाए जाते हैं Su-30 फाइटर जेट?
Su-30 यानी सुखोई विमानों को कई देशों में तैयार किया जाता है. ये अलग-अलग तकनीक पर बेस्ड होते हैं. सू-30 फाइटर जेट की बात की जाए तो यह दुनिया के 10 देशों में तैयार होते हैं. दुनियाभर अलग-अलग देशों की वायुसेना के लिए ये किसी कीमती हथियार की तरह हैं युद्ध के दौरान ये विमान किसी भी देश की ताकत को बढ़ाने का माद्दा रखते हैं. ये लड़ाकू जेट खासतौर से मिडिल ईस्ट, अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका में तैयार किए जाते हैं.
क्या है Su-30 फाइटर जेट की खासियत
- दुनिया का सबसे शक्तिशाली लड़ाकू विमान
- एक मल्टीरोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट है
- हवा से जमीन और हवा से हवा में एकसाथ टारगेट भेदने में सक्षम
- तेज और धीमी गति में हवा में कलाबाजियां खाते हुए दुश्मन को धोखा देने में माहिर
- 30mm की ग्रिजेव-शिपुनोव ऑटोकैनन लगी है जो एक मिनट में 150 राउंड फायर करती है
- दुश्मन का विमान, ड्रोन या हेलिकॉप्टर इसकी मार से बचना मुश्किल
- 12 हार्ड प्वाइंट्स लगे हैं जो 4 तरह के रॉकेट्स लगा सकते हैं
- जेट में 4 तरह की मिसाइल, 10 तरह के बम लग सकते हैं
- इस ताकतवर जेट में एक साथ मिसाइलों और बमों का मिश्रण भी लगा सकते हैं
- इस जेट में 14 अलग-अलग हथियायर लगाए जा सकते हैं
- 8130 किलोग्राम वजन उठाने में सक्षम
ब्रह्मोस जैसी मिसाइलें भी इस विमान में होती हैं तैनात
Su-30 के अंदर लगे हार्डप्वाइंट्स इससे हथियारों को दागने में इसकी ज्यादा मदद करते हैं. इस जेट में मल्टीपल रैक्स लगा दिए जाएं तो यहां एक दो नहीं बल्कि 14 हथियारों को फिट किया जा सकता है. ब्रह्मोस मिसाइलें भी तैनात हो सकती हैं.
भारत को क्या फायदा
निश्चित रूप से भारत के लिए ये डील काफी कारगर और फायदेमंद साबित हो सकती है. एक तो इस विमान की ताकत दुनिया में मानी जाती है ऐसे में भारतीय हथियारों के बेड़े में पॉवर और बढ़ेगा. इसके साथ ही इन विमानों को जब दूसरे देशों में भेजा जाएगा तो इस विमान के चलते भारतीय हथियारों को भी निर्यात करने में मदद मिलेगी.
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⚡️BIG NEWS
🇮🇳🇷🇺 India & Russia may jointly produce Su-30 jets for global export: defence sources
On the heels of Modi-Putin meet in Moscow, Sputnik India has learnt that the Hindustan Aeronautics Ltd factory in Nashik (Maharashtra), known for MiG-21s, could assemble new Su-30s… pic.twitter.com/cuBPrzrjhG
— Sputnik India (@Sputnik_India) July 11, 2024
इस जेट की सबसे बड़ी खासियत क्या है
सुखोई विमानों में Su-30 ही एक मात्र ऐसा फाइटर जेट है जो अलग-अलग देश अपने मुताबिक ढाल सकते हैं. इस विमान को कोई देश अपनी भौगोलिक संरचना के हिसाब से तैनाती करता है. देश की बात की जाए तो Su-30MKI को HAL बनाती है. 1997 में HAL ने इसका लाइसेंस रूस से ही प्राप्त किया था. इसके बाद इस विमान में बदलाव शुरू किए. इसके बाद सुखोई की लंबाई 72 फीट है. विंगस्पैन 48.3 फीट है, जबकि ऊंचाई की बात की जाए तो यह 20.10 फीट है.
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Source : News Nation Bureau