Explainer: महंगाई के इस दौर में अगर आप भविष्य को सिक्योर करना चाहते हैं तो समय रहते आपके लिए जरूरी है कि आप उचित निवेश करें. समय पर किया गया निवेश ही आपने आने वाले कल को सुरक्षित और सुखी बनाता है. कई लोग इस दिशा में काम भी करते हैं लेकिन बदलते वक्त और सरकारी निर्णयों के चलते कई बार निवेश कहां और कैसे किया जाए इसको लेकर कंफ्यूजन हो जाता है. ऐसे में अगर आप भी निवेश करने की प्लानिंग कर रहे हैं और आपको समझ नहीं आ रहा है कि निवेश कहां किया जाए तो घबराएं नहीं. क्योंकि इस लेख के जरिए हम समझेंगे कि आखिर बजट के बाद हुए ऐलान और बदलाव के बाद निवेशक अपना पैसा कहां लगाएं. इस समय शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड, गोल्ड या फिर रियल एस्टेट इनमें से कौनसा जरिए निवेशकों के लिए बेहतर साबित होगा या फिर उन्हें मोटा रिटर्न मिल सकता है.
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बजट के बाद क्या हुआ बदलाव
बजट के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कुछ महत्वपूर्ण ऐलान किए. इन ऐलानों का असर निवेशकों पर भी पड़ा. दरअसल निवेश कहां करना है इसको लेकर असमंजस जैसी स्थिति बन गई क्योंकि हर निवेशक अपनी समझ के मुताबिक निवेश करता है. किसी को शेयर मार्केट तो किसी को सोना-चांदी या फिर प्रॉपर्टी में निवेश रास आता है. लेकिन बजट में हुए ऐलान के बाद कौन सा जरिया ज्यादा बेहतर होगा इसको समझना भी जरूरी है.
बजट में सोना-चांदी की बात की जाए तो सरकार ने कस्मट ड्यूटी घटाकर लोगों को सोना-चांदी खरीदने के लिए आकर्षित किया है. वित्त मंत्री ने बजट भाषण में सोने पर कैपिटेल गेन के लिए होल्डिंग की अवधि में भी बदलाव किया है. पहले जहां ये होल्डिंग 36 महीने होती थी, वहीं इसे घटाकर अब 24 महीने कर दिया गया है. यानी इसमें 12 महीने की कमी देखने को मिली है.
इसके अलावा सरकार की ओर से एलटीसीजी टैक्स की दर में भी कटौती की है. यह टैक्स अब 12.5 फीसदी कर दिया गया है. सरकार के इस फैसले के बाद गोल्ड और सिल्वर के दामों में भी कटौती देखने को मिली है. माना जा रहा है कि अब बड़ी संख्या में गोल्ड खरीद सकते हैं.
प्रॉपर्टी को लेकर क्या हुए ऐलान, क्या पड़ेगा असर
इस बार बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से प्रॉपर्टी यानी संपत्ति को लेकर भी कुछ अहम ऐलान किए गए हैं. इसके तहत प्रॉपर्टी पर इंडेक्शन लाभ को खत्म करने का फैसला लिया गया है. यानी अब अगर मकान या कोई प्रॉपर्टी बेचकर होने वाले मुनाफे पर एक जैसा टैक्स 12.5 फीसदी लागू होगा.
बता दें कि पहले यह टैक्स 20 फीसदी था. एक्सपर्ट्स की मानें तो इससे प्रॉपर्टी बेचने पर टैक्स ज्यादा चुकाना होगा. क्योंकि पहले लगने वाले 20 फीसदी टैक्स पर इंडेक्सेशन का लाभ मिलता था जो अब नहीं मिलेगा.
हालांकि इसमें भी एक अहम निमय है अगर किसी ने प्रॉपर्टी 2001 के बाद खरीदी है तो ही नया निमय लागू होगा उसे विरासत में मिली है या फिर 2001 के पहले की है तो इस पर नया निमय लागू नहीं होगा.
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शेयर या फिर म्यूचुअल फंड के नियमों में क्या बदलाव
वैसे तो इस बजट में सरकार ने शेयर और म्यूचुअल फंड को लेकर भी काफी कड़े नियम लागू किए हैं. इन नियमों के तहत पहले जहां शेयर और म्यूचुअल फंड को बेचने के लिए एक वर्ष उससे कम की अवधि पर शॉर्ट टर्म कैपिटल केन टैक्स लगाया जाता था. इस टैक्स की 15 फीसदी थी, लेकिन सरकार ने बजट में इसको लेकर जो ऐलान किया है उसके तहत टैक्स दर बढ़ाकर 20 फीसदी कर दी गई है. इसी तरह लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स की दरों में भी बदलाव किया गया है. पहले चहां ये दर 10 फीसदी थी, वहीं अब इसे बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया गया है.
कौन जरिया निवेश के लिए बेहतर
बजट में निवेश के मुख्य क्षेत्रों को लेकर हम अब तक जान चुके हैं कि क्या-क्या बदलाव किए गए हैं. इसके बाद अब भी यह सवाल जहन में है कि आखिर किस क्षेत्र में फिलहाल निवेश को बेहतर माना जाए.
ऐसे में इन क्षेत्रों को जानकारों की मानें तो बजट के ऐलान के बाद भी शेयर और म्यूचुअल फंड ही एक ऐसा जरिया है जो निवेशकों के लिए बेहतर साबित हो सकता है. इसकी सबसे बड़ी वजह है कि इसमें मिलने वाला रिटर्न. जी हां टैक्स दर भले ही बढ़ा दी गई हो, लेकिन शेयर और म्यूचुअल फंड से मिलने वाला रिटर्न कई गुना ज्यादा होता है.
इसे शॉर्ट औ लॉन्ग दोनों टर्म में बेहतर ही माना जाता है. हालांकि ये शेयर टू शेयर और म्यूचुअल फंड पर निर्भर करता है. ऐसे में आप अपनी और एक्सपर्ट की मदद से इसमें निवेश कर सकते हैं.
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रही बात गोल्ड-सिल्वर की तो कस्टम ड्यूटी में कटौती की गई है. अब यह 15 की जगह 6 फीसदी ही लग रही है. ऐसे में सोने की कीमतों में 5 हजार रुपए जबकि चांदी के दाम में 8 हजार रुपए तक की गिरावट दर्ज की गई है. लेकिन जानकारों के मुताबिक ये गिरावट आगे भी जारी रह सकती है. ऐसे में फिलहाल इसमें निवेश करना ठीक नहीं होगा. इसमें फिलहाल होल्ड की ही सलाह है.
प्रॉपर्टी में भी फिलहाल निवेश नहीं
इसके साथ ही एक्सपर्ट्स की मानें तो बजट में हुए ऐलान के बाद प्रॉपर्टी में भी फिलहाल निवेश की सलाह नहीं है. क्योंकि बीते दो वर्ष में ज्यादातर शहरों में घरों और दुकान की प्राइज में दो गुना की बढ़ोतरी देखी गई. लेकिन इंडेक्सेशन का प्रॉफिट खत्म होने से टैक्स का बोझ भी बढ़ा है, ऐसे में इस क्षेत्र में भी रिटर्न ज्यादा मिलने की फिलहाल उम्मीद कम है. अभी प्रॉपर्टी की कीमत में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं देखी जा सकती है.
ऐसे में कुल मिलाकर मौजूदा समय में गोल्ड-सिल्वर, प्रॉपर्टी और शेयर में तुलना की जाए तो शेयर और म्यूचुअल फंड ही एक ऐसा जरिया है जहां पर निवेश की सलाह दी जाती है. इसके बाद भी यह व्यक्तिगत तौर पर अलग-अलग हो सकती है.