फीफा विश्व कप (FIFA World Cup) खिताब के लिए 56 साल से चले आ रहे सूखे को खत्म करने के लिए हैरी केन के नेतृत्व में इंग्लैंड (England) की फुटबॉल टीम का सोमवार को ग्रुप बी के पहले मैच में ईरान (Iran) की टीम से मुकाबला था. यह मैच औपचारिकता मात्र था, जिसका परिणाम मैच शुरू होने से पहले हरेक फुटबॉल प्रेमी जानता था. ईरान को इंग्लैंड के तीन शेरों से मुकाबला करना था. फिर भी उसने दो गोल कर शेरों के आगे अपना दमखम दिखाया. इंग्लैंड हालांकि 6-2 से मैच जीतने में सफल रहा, लेकिन चर्चा ईरान की टीम की ज्यादा हो रही है. इसकी वजह बना है खलीफा अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम में मैच से पहले राष्ट्रगान के दौरान पेश आया वाक्या, जब अलीरेजा जहानबख्श के नेतृत्व में ईरान की फुटबॉल टीम के खिलाड़ियों ने राष्ट्रगान गाने से इंकार कर विवाद खड़ा कर दिया. ऐसा उन्होंने ईरान में हिजाब कानून (Anti Hijab Protests) के विरोध में चल रहे आंदोलन के समर्थन में किया.
कप्तान जहानबख्श ने बताया सामूहिक निर्णय
फीफा विश्व कप 2022 में ग्रुप बी के इंग्लैंड के खिलाफ अपने पहले मैच के शुरू होने से पहले 11 ईरानी खिलाड़ियों ने खलीफा इंटरनेशनल स्टेडियम में अपने राष्ट्रगान पर कोई भावना या प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की. यह तब था जब ईरान का राष्ट्रगान पूरे स्टेडियम में गूंज रहा था. ऐसे में स्टेडियम में मौजूद फुटबॉल प्रेमियों समेत दर्शकों के दिमाग में यह सवाल कौंध रहा था कि आखिर ईरानी टीम के सभी 11 खिलाड़ियों ने अपना राष्ट्रगान क्यों नहीं गाया? ईरान फुटबॉल टीम के कप्तान जहानबख्श के अनुसार टीम के सभी सदस्यों ने विश्व कप के पहले मैच में सामूहिक निर्णय के तहत मैच से राष्ट्रगान गाने से इंकार किया.
#BREAKING: Iran national team players choose not to sing national anthem at World Cup match; some of the Iranian crowed booing their own national anthem pic.twitter.com/RYPvgHMNUi
— Amichai Stein (@AmichaiStein1) November 21, 2022
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हिजाब विरोधी आंदोलनकारियों के समर्थन में फैसला
प्राप्त जानकारी के मुताबिक सोमवार को ईरानी खिलाड़ियों ने देश में सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों को अपना समर्थन देने के लिए राष्ट्रगान गाने से इंकार कर दिया. तेहरान में पुलिस हिरासत में 22 वर्षीय महसा अमीनी की मौत के बाद ईरान राष्ट्रीय स्तर पर हिजाब कानून के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन का सामना कर रहा है. अमीनी को इस्लामिक ड्रेस कोड के तहत सलीके से हिजाब नहीं पहनने से जुड़े कानून का कथित रूप से उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. तेहरान में गिरफ्तारी के तीन दिन बाद उसकी मौत हो गई थी. समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक कुछ ईरानी फुटबॉल खिलाड़ियों ने आंदोलनकारियों के समर्थन में राष्ट्रगान नहीं गाने या राष्ट्रीय टीम की जीत का जश्न नहीं मनाने का फैसला किया है.
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एहसान हजसफ ने पहले जताया था विरोध
इससे पहले ईरान फुटबॉल टीम के डिफेंडर एहसान हजसफ देश में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बारे में खुलकर बोलने वाले ईरान की राष्ट्रीय टीम के पहले खिलाड़ी बने थे. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के हवाले से एईके एथेंस क्लब के स्टार फुटबॉलर ने कहा, 'उन्हें पता होना चाहिए कि हम उनके साथ हैं और हम उनका समर्थन करते हैं. हम परिस्थितियों के बारे में उनसे सहानुभूति रखते हैं'. उन्होंने आगे कहा, 'हमें स्वीकार करना होगा कि हमारे देश में हालात सही नहीं हैं और हमारे लोग खुश नहीं हैं. हम यहां हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम उनमें से ही उनकी आवाज नहीं है या हमें उनका सम्मान नहीं करना चाहिए.'
HIGHLIGHTS
- ग्रुप बी में इंग्लैंड से था ईरान का फीफा वर्ल्ड कप में पहला मुकाबला
- मैच शुरू होने से पहले ईरानी खिलाड़ियों ने राष्ट्रगान को नहीं गाया
- हिजाब विरोधी आंदोलनकारियों को इस तरह से दिया अपना समर्थन