यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ कैलासा (Kailasa) के निर्माता स्वयंभू संत और कई बड़े अपराधों के आरोपी स्वामी नित्यानंद (Swami Nityananda) फिर सुर्खियों में है. कई लोग उन्हें एक नए पंथ का जनक भी कहते हैं. वह नित्यानंद ध्यानपीतम के संस्थापक है, जिसके आध्यात्मिक अनुयायियों की एक बड़ी संख्या है और पूरे भारत के कई मंदिरों और गुरुकुलों का स्वामित्व इसके पास है. एक अमेरिकी नागरिक और नित्यानंद भक्त ने उस पर 2010 में पांच साल की अवधि में कई बार यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है उसने तथाकथित धर्मगुरु के खिलाफ कई मुकदमे किए. इन मुकदमों के परिणामस्वरूप उसकी गिरफ्तारी के लिए एक वारंट जारी कर दिया गया. नित्यानंद ने बलात्कार के मामले से संबंधित कई अदालती पेशियों में हाजिर नहीं होने का फैसला कर भारत छोड़ दिया. आध्यात्मिक नेता ने कहा कि वह भारत में नहीं रह सकता क्योंकि उसे जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं. हालांकि उन पर लगे सभी आरोप खारिज कर दिए गए. उन्होंने 2019 में भारत छोड़ने के बाद इक्वाडोर के तट से दूर एक द्वीप पर कैलासा की स्थापना की. इस राष्ट्र का नाम एक हिमालयी चोटी के नाम पर रखा गया है, जिसे भगवान शिव का निवास माना जाता है.
यूएन कैसे पहुंचा यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ कैलासा
संयुक्त राष्ट्र संगठन ने एक घोषणा की कि सभी सदस्यों को आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों के कार्यान्वयन पर समिति को रिपोर्ट देना जरूरी है. साथ ही संयुक्त राष्ट्र ने यह भी कहा कि कोई भी सदस्य राज्य, संगठन या यहां तक कि व्यक्ति भी CESCR की ओर रुख कर सकता है. खासकर यदि उन्हें लगता है कि अनुबंध के तहत उनके दायित्वों का दुरुपयोग किया गया है. इसके अनुसार यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ़ कैलासा के प्रतिनिधि संयुक्त राष्ट्र समिति के समक्ष हाजिर हुए और चर्चा की. 24 फरवरी को जिनेवा में आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों की समिति (CESCR) के एक सत्र में सभी महिला दूतों ने 'निर्णय लेने वाली प्रणालियों में महिलाओं के समान और समावेशी प्रतिनिधित्व' पर संवाद में भाग लिया. उन्होंने कहा कि नित्यानंद को दुनिया भर में परेशान किया जा रहा है और चर्चा के दौरान हिंदू धर्म के सर्वोच्च पुजारी की सुरक्षा का अनुरोध किया है. हालांकि संयुक्त राज्य कैलासा 193 मान्यता प्राप्त राष्ट्रों में से एक नहीं है.
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नित्यानंद ने अमेरिका के 30 से ज्यादा शहरों को इस तरह बरगलाया
फॉक्स न्यूज ने यह दावा किया है कि प्रसिद्ध धर्मगुरु स्वामी नित्यानंद और उनके फर्जी राष्ट्र कैलासा ने 30 अमेरिकी शहरों के साथ धोखेबाजी की. नेवार्क ने कथित तौर पर स्वीकार किया कि उन्हें एक काल्पनिक हिंदू राष्ट्र के साथ सिस्टर सिटी बनने के नाम पर धोखा दिया गया था. थोड़ा पीछे चलते है... अमेरिका में साल 1955 में चुनाव जीतकर ड्वाइट डेविड आइजनहावर राष्ट्रपति बने. द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद अमेरिका की सत्ता संभालने वाले आइजनहावर ने सिस्टर सिटीज इंटरनेशनल के रूप में पहल की. भगोड़े नित्यानंद ने भी अमेरिका के इस सिस्टर सिटी एग्रीमेंट का फायदा उठाया. वास्तव में यह एग्रीमेंट किन्हीं दो देशों के दो शहरों के बीच होता है. इससे इन शहरों के बीच शैक्षणिक, सांस्कृतिक और व्यावसायिक संबंध मजबूत होते हैं. इसी की फायदा उठा नित्यानंद ने अमेरिकी शहरों के साथ अपने फर्जी राष्ट्र कैलासा का अनुबंध कर धोखाधड़ी की. आलम यह था कि नेवार्क के मेयर रास बाराका ने सांस्कृतिक व्यापार समझौते के लिए कैलासा के प्रतिनिधियों को नेवार्क सिटी हॉल में आमंत्रित भी किया. बाद में उन्हें पता चला कि कैलासा एक फर्जी राष्ट्र था. इसके बाद सिस्टर सिटी समझौते की कागजी कार्रवाई को मंजूरी देने के कुछ ही दिनों बाद नेवार्क सिटी काउंसिल ने इसे रद्द कर दिया. रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी शहरों ने जोर देकर कहा कि घोषणा एक समर्थन नहीं है, बल्कि एक अनुरोध की प्रतिक्रिया है. उनमें से अधिकांश ने पुष्टि की कि उन्होंने अनुरोध के तहत बहुत अधिक जानकारी नहीं दी गई. यह इंगित करता है कि कैलासा ने उन्हें ऐसा करने के लिए कहकर समझौते के लिए राजी कर लिया था.
HIGHLIGHTS
- नित्यानंद साल 2019 में भारत छोड़कर भाग गया था
- उसके ऊपर गुजरात समेत कई राज्यों में रेप केस है
- भारत के बाद अब अमेरिका झेल रहा फर्जीवाड़े को