बीते एक दशक में चुनाव आयोग (Election Commission) ने विधानसभा चुनाव में किसी उम्मीदवार के चुनावी खर्च की सीमा में 250 गुना की वृद्धि की है. 2012 विधानसभा चुनाव में कोई उम्मीदवार अपने चुनावी अभियान पर 16 लाख रुपए खर्च कर सकता था, जबकि 2022 विधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly Elections 2022) के लिए यह सीमा 40 लाख रुपए कर दी गई है. इसके साथ ही राजनीतिक पार्टी के चुनावी खर्च की कोई सीमा नहीं है. गौरतलब है कि 2014 और 2019 लोकसभा चुनाव में एक उम्मीदवार की चुनाव खर्च सीमा 70 लाख रुपए थी. हालांकि 2022 में यदि उपचुनाव होते हैं, तो स्वीकृत चुनावी खर्च सीमा 95 लाख रुपए होगी.
उम्मीदवारों को पार्टियां देती हैं खास प्रशिक्षण
उम्मीदवार के चुनावी खर्च प्रबंधन की वैधानिकताओं का प्रबंध देखने वाले एक दिग्गज राजनेता के मुताबिक पहली बार चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों के लिए हम विशेष प्रशिक्षण की व्यवस्था करते हैं ताकि वह सही तरीके से चुनावी खर्च का ब्योरा रख निर्वाचन आयोग के चाबुक से बचे रह सकें. हालांकि जो लोग पहले भी चुनाव लड़ चुके हैं, उन्हें खर्च प्रबंधन करने का अनुभव होता है. इस वजह से उन्हें कोई खास दिक्कत नहीं आती. ज्यादातर मामलों में उम्मीदवारों का चुनावी खर्च स्वीकृत सीमा के पार चला जाता है, तो हम उस खर्च को पार्टी खर्च के मद में डाल देते हैं. इस बीच चुनाव आयोग ने उम्मीदवारों के चुनावी खर्च पर निगाह रखने के लिए व्यापक दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं.
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चुनाव आयोग ने खर्च पर निगाह रखने के लिए उठाए यह कदम
इस प्रक्रिया के तहत चुनाव आयोग ने फ्लाइंग स्क्वॉड्स का गठन करने के साथ वीडियो निगरानी दल भी बना दिए हैं. इसके साथ ही राज्य पुलिस, आयकर विभाग के जांच निदेशालय, केंद्रीय उत्पाद और सीमा शुल्क, प्रवर्तन निदेशालय, वित्तीय जांच दल, रिजर्व पुलिस फोर्स, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, सीमा सुरक्षा बल, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, भारतीय कोस्ट गार्ड, वाणिज्यकर विभाग, नॉर्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और डाक विभाग की भी मदद ले रहा है. राज्य के आबकारी विभाग से शराब के उत्पादन, वितरण, बिक्री, भंडारण पर निगाह रखने को कहा गया है. इसके साथ ही चुनावी प्रक्रिया के दौरान मतदाताओं को मुफ्त सामान देने की प्रक्रिया पर रोक लगाने के लिए भी टीमों का गठन कर दिया गया है.
जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम भी
यही नहीं फ्लाइंग स्क्वॉड्स और सचल दस्तों की कार्यप्रणाली पर नजर रखने के लिए जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम और सी विजिल एप की मदद ली जाएगी. चुनावी खर्च में पारदर्शिता और आसान तरीके से निगाह रखने के लिए उम्मीदवारों से इसके लिए एक अलग से बैंक अकाउंट खोलने को कहा गया है. इस नए बैंक खाते से ही उम्मीदवारों को चुनावी खर्च करने को कहा गया है. इसके अलावा निर्वाचन आयोग ने बैंक को भी लेन-देन पर निगाह रखने को कहा गया है. बैंक को इस बाबत व्यापक दिशा-निर्देश दिए गए हैं.
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2022 में सरकार के खर्च होंगे 450 करोड़ रुपए
गुजरात में स्वतंत्र और निष्पक्ष विधानसभा चुनाव कराने के लिए राज्य के खजाने से 450 करोड़ रुपये खर्च किए जाने की उम्मीद है. इस खर्च पर केंद्रीय निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुरूप गुजरात चुनाव आयोग निगरानी रखेगा. गौरतलब है कि प्रत्येक विधानसभा और लोकसभा चुनाव से पहले राज्य का चुनाव आयोग सरकार से विशेष अंतरिम बजट की मांग करता है. इसके बाद चुनाव प्रक्रिया खत्म हो जाने के बाद अंतिम खर्च की घोषणा करता है, जो अमूमन आवंटित किए गए अंतरिम बजट से कहीं ज्यादा की रकम होती है. इस साल भी विधानसभा चुनाव प्रक्रिया संपन्न कराने के लिए राज्य चुनाव आयोग के अनुमान के आधार पर सरकार ने 2022-23 के बजट में 387 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है. हालांकि सूत्रों का मानना है कि राज्य में विधानसभा चुनाव पर 450 करोड़ रुपये से अधिक ही खर्च होंगे.
बीते दो विधानसभा चुनाव पर सरकार का खर्च
प्राप्त जानकारी के अनुसार 2017 विधानसभा चुनाव प्रक्रिया के लिए 250 करोड़ रुपये का अंतरिम बजट रखा गया था, लेकिन अंतिम खर्च 326 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का हुआ था. यही हाल 2012 विधानसभा चुनाव का रहा था, जिसके लिए 175 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था, लेकिन अंतिम खर्च कहीं ज्यादा आया था. 2022 के चुनाव में भी यही परंपरा दोहराई जाने की उम्मीद है. इसकी वजह चुनावी स्टाफ को दिए जाने वाले भत्तों, चुनाव से जुड़े सामानों की आवाजाही, बूथों और मतदान केंद्रों की संख्या में वृद्धि से खर्च ज्यादा होने की उम्मीद है.
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इस बार पार्टियां भी खर्च करेगी दोगुनी रकम
राजनीतिक पार्टियों के चुनावी खर्च को लेकर कोई सीमा नहीं होती है. इस लिहाज से देखें तो भारतीय जनता पार्टी ने 2017 विधानसभा चुनाव में आधिकारिक स्तर पर 111 करोड़ रुपए खर्च के मद में दिखाए थे. कांग्रेस 18.47 करोड़ रुपए के खर्च के साथ दूसरे स्थान पर रही थी. इस कड़ी में सूत्रों का दावा है राजनीतिक दल इस विधानसभा चुनाव में पहले की तुलना में दोगुने से ज्यादा खर्च करेंगे.
HIGHLIGHTS
- 2012 में उम्मीदवार कर सकता था 16 लाख रुपए खर्च
- 2022 विधानसभा चुनाव के लिए खर्च सीमा 40 लाख की गई
- राजनीतिक पार्टियों के लिए खर्च की कोई स्वीकृत सीमा नहीं
Source : News Nation Bureau