गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 (Gujarat Elections 2022) में नामांकन करने की अंतिम समय सीमा खत्म हो चुकी है. पहले चरण में होने वाले मतदान के लिए उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों की जांच पूरी हो चुकी है, जबकि दूसरे चरण के मतदान में चुनावी समर में उतरने वाले उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों की जांच अभी बाकी है. इस बार भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए गुजरात चुनाव (Gujarat Elections) कई लिहाज से प्रतिष्ठा का प्रश्न है. सबसे पहले तो 2024 लोकसभा चुनाव की वैतरणी पार करने के लिए गुजारत में इस बार जीत जरूरी है. दूसरे गुजरात चुनाव में जीत से कांग्रेस (Congress) और आम आदमी पार्टी (AAP) को पता चल जाएगा कि वह कितने पानी में हैं, इसका सीधा असर 2024 में विपक्षी गठबंधन पर पड़ेगा इसीलिए केसरिया पार्टी ने हर समीकरण साधने की कोशिश की है. 182 विधानसभा सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए बीजेपी ने सबसे ज्यादा अन्य पिछड़ी जातियों के उम्मीदवारों पर भरोसा जताया है. अन्य पिछड़ी जातियों में से कोली, अहीर, ठाकोर, कराड़िया, चौधरी, वघेर, मेर, खरवा, रणगोला, मादी, पंचाल, बरोट, मोदी, मिस्त्री, राबरी और सतवरा समुदाय के 58 लोगों को बीजेपी ने उम्मीदवार बनाया है.
ओबीसी में सबसे ज्यादा ठाकोर पर भरोसा
अन्य पिछड़ी जातियों में सबसे ज्यादा 18 उम्मीदवार ठाकोर हैं, जिन्हें बीजेपी ने अपना प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना है. गौरतलब है कि गुजरात की आबादी का एक बड़ा हिस्सा अन्य पिछड़ी जातियों से आता है. हालांकि फिलवक्त ताजा आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन एक अनुमान के मुताबिक अन्य पिछड़ी जातियों का गुजरात में प्रतिनिधित्व 40 फीसदी के लगभग है. अन्य पिछड़ी जातियों के बाद 45 पाटीदार उम्मीदवार भारतीय जनता पार्टी ने चुनावी समर में उतारे हैं. इनमें से 25 लेउवा पटेल हैं और 20 कदवा पटेल हैं. 2015 में पाटीदार आंदोलन ने 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी पार्टी के जीत के जश्न को फीका कर दिया था. उससे सबक लेते हुए केसरिया पार्टी ने पाटीदार आंदोलन के प्रणेता हार्दिक पटेल को 'अपना' बना विरमगाम सीट से टिकट दिया है. इसके अलावा बीजेपी ने अनुसूचित जनजाति से 28 तो अनुसूचित जाति से 15 उम्मीदवार चुने हैं. हालांकि पार्टी ने महज 16 महिलाओं को ही इस चुनाव में अपना उम्मीदवार बनाया है.
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13 उम्मीदवारों की उम्र 40 से कम
बीजेपी ने युवाओं पर भी भरोसा जताया है और 13 उम्मीदवारों की उम्र 40 साल से कम है. इनमें राज्य के तेज-तर्रार गृह मंत्री हर्ष सांघवी भी हैं, जिनकी उम्र 37 साल है. हर्ष सांघवी मजुरा विधानसभा सीट से किस्मत आजमा रहे हैं. बीजेपी ने 2017 के बाद पार्टी में शामिल हुए नेताओं समेत मौजूदा विधायकों में से 67 पर फिर से विश्वास किया है. इनके अलावा 2017 विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारी से चूके 13 पूर्व विधायकों को भी फिर से चुनाव मैदान में उतारा है. इनमें कांतिलाल अमूर्तिया भी शामिल हैं. कांतिलाल वही विधायक हैं जिनका मोरबी पुल गिरने के बाद लोगों को बचाने के लिए पानी में कूद जाने का वीडियो वायरल हुआ था. उन्हें मोरबी के मौजूदा विधायक और राज्य सरकार में श्रम मंत्री बृजेश मेरजा की जगह उम्मीदवार बनाया गया है.
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राशिवार उम्मीदवार
इसके अलावा बीजेपी ने राशि को भी ध्यान में रखा है. पार्टी से प्राप्त डाटा के अनुसार 182 उम्मीदवारों में से 27 मिथुन राशि के हैं, जबकि 20 उम्मीदवार कुंभ राशि के हैं. गुजरात विधानसभा चुनाव में महज 5 उम्मीदवार कर्क राशि के हैं.
HIGHLIGHTS
- बीजेपी ने इस बार अन्य पिछड़ी जातियों को दिए ज्यादा टिकट
- 28 अनुसूचित जनजाति तो 15 अनुसूचित जातियों को भी टिकट
- बीजेपी ने चुनावी मैदान में उतारी हैं 16 महिला उम्मीदवार भी