Haryana Election 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) फुल जोश में है. कांग्रेस के साथ सीट शेयरिंग का गणित नहीं बैठ पाने पर AAP ने अकेले अपने दम पर चुनाव में उतरने का फैसला किया. अब पार्टी ने चुनाव के लिए अपने उम्मीदवार की चौथी लिस्ट जारी कर दी है, जिसमें 21 कैंडिडेट्स का ऐलान किया गया है. इस तरह एएपी अब तक कुल 61 उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है. ऐसे में सवाल ये है कि क्या अकेले दम पर AAP हासिल कर पाएगी जनाधार?
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किसे कहां से दिया टिकट
आम आदमी पार्टी ने चौथी लिस्ट में जिन उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया है, वो इस प्रकार हैं. अंबाला कैंट से राज कौर गिल, यमुनानगर से ललित त्यागी, कैथल से सतबीर सिंह, करनाल से सुनील बिंदाल, पानीपत रूरल से सुखबीर मलिक, गनौर से सरोज बाला राठी, सोनीपत से देवेंदर सिंह, गोहाना से शिव कुमार रंगीला को टिकट दिया गया है.
साथ ही इनके अलावा, बड़ौदा से संदीप मलिक, सफीदो से निशा देशवाल, तोहाना से सुखविंदर सिंह गिल, कलांवली से जसदेव निक्का, सिरसा से शाम मेहता, उकलाना से नरेंदर उकलाना, नारनौद से राजीव पाली, हांसी से राजेंदर सोरखी, हिसार से संजय सतरोदिया, बादली से हैप्पी लोचाब को उम्मीदवार बनाया है.
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कांग्रेस से नहीं हो पाया गठबंधन
शुरुआत में कांग्रेस और एएपी के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत चल रही थीं. हालांकि सीट शेयरिंग को लेकर पेंच फंस गया और फिर अलायांस नहीं हो पाया. दरअसल आम आदमी पार्टी जितनी सीट चाहती थी, उतनी कांग्रेस उसे देना नहीं चाहती थी. इसके बाद एएपी ने चुनाव में अकेले उतरने का फैसला कर लिया. हालांकि मीडिया रिपोर्ट बताती हैं कि कांग्रेस और एएपी के बीच गठबंधन को लेकर अभी भी बातचीत जारी है.
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AAP हासिल कर पाएगी जनाधार?
आम आदमी पार्टी चुनाव को लेकर जबरदस्त उत्साह में है. 90 विधानसभा सीटों में से अबतक 61 सीटों के लिए कैंडिडेट्स का ऐलान कर चुकी है. कहा ये भी जा रहा है कि पार्टी आज या फिर कल तक अपनी पांचवीं लिस्ट को भी जारी कर देगी. कांग्रेस से गठबंधन नहीं हो पाने की स्थिति में सवाल ये है कि क्या एएपी चुनाव में अकेले दम पर जनाधार हासिल कर पाएगी.
एएपी हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में से कितनी पर जीत दर्ज करती है. इसको लेकर अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी. हालांकि, पार्टी की ओर से प्रदेश में अपनी जमीन मजबूत करने की दिशा में सालों से काम चल रहा है. अरविंद केजरीवाल हरियाणा से हैं. पार्टी की ओर ‘हरियाणा के लाल’ का मुद्दा भी जनता के बीच जोरशोर से पहुंचाया जा रहा है, लेकिन राजनीतिक हैसियत बहुत ज्यादा आम आदमी पार्टी की हरियाणा में फिलहाल नहीं है.
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