Advertisment

Explainer: 30 साल में कैसे सूरज पाल बन गया 'चमत्कारी' भोले बाबा? चौंकाने वाली है कथित चमत्कारों की लिस्ट

हाथरस भगदड़ हादसे के बाद से ही सूरज पाल उर्फ भोले बाबा फरार है. ऐसे में भोले बाबा की कुंडली खंगालते हैं और जानते हैं कि आखिर 30 साल में सूरज पाल कैसे 'चमत्कारी' भोले बाबा बना गया?

Advertisment
author-image
Ajay Bhartia
एडिट
New Update
Bhole Baba  1

भोले बाबा( Photo Credit : Social Media)

Advertisment

Hathras stampede: उत्तर प्रदेश के हाथरस में नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग में हुए भयावह कांड से पूरा देश सदमे में है. अभी तक 121 लोगों की मौत हो चुकी है. घटना के 24 घंटे बाद भोले बाबा का हादसे पर पहला बयान समाने आया. उसने भगदड़ के पीछे असामाजिक लोगों को जिम्मेदार ठहराया है. हालांकि यूपी पुलिस भोले बाबा की तलाश में जुटी हुई है. ऐसे में आइए भोले बाबा की कुंडली खंगालते हैं. 30 साल में सूरज पाल कैसे 'चमत्कारी' भोले बाबा बन गया. पानी से कैंसर का इलाज करने से लेकर आत्मा से परमात्मा का मिलन कराने जैसे दावों के अलावा भोले बाबा के कथित चमत्कारों की लिस्ट चौंकाने वाली है.

Advertisment

मरे हुए लोगों को जिंदा करने का दावा

जिस स्वयंभू संत सूरज पाल उर्फ साकार हरि का 30 साल पहले तक सत्संग या प्रवचन से कोई लेना-देना नहीं था. अचानक वो खुद को भगवान विष्णु का अवतार बताने लगता है. अपने मुंह में भगवान श्रीकृष्ण की तरह ब्रह्मांड दिखाने लगता है. काली चाय से कैंसर का इलाज करने का दावा करता है और तो और मर चुके इंसान को ज़िंदा करने की बात भी कहता है. लेकिन हद तब होती है जब लाखों लोग उसे भगवान मानकर पूजने लगते हैं.

जनता को चमत्कार भरोसे छोड़ा?

Advertisment

बाबा के कथित चमत्कारों के चलते उनके अनुयायियों का उनमें विश्वास बढ़ता चला गया. यही वजह थी कि जब हाथरस में सत्संग का ऐलान हुआ तो बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ वहां जुटने लगी. बाबा ऐसे सत्संगों को कई बार आयोजित करा चुके हैं. उनको ये भी अंदाजा नहीं था कि कितनी भीड़ आती है या कितनी आ सकती है. 

ऐसे में ये सवाल उठना लाजिमी हैं कि क्या ढाई लाख से ज़्यादा लोगों को सिर्फ बाबा के चमत्कार के भरोसे छोड़ दिया? और अगर छोड़ दिया गया तो आखिर वो कौन से कथित चमत्कार हैं, जो बाबा के सत्संग में आते ही लाखों लोगों के दिलो-दिमाग पर हावी हो जाते हैं?

इस विश्लेषण में आज हम आपको बाबा के उन कथित चमत्कारों के बारे में बताएंगे, जिनमें विश्वास के चलते देख के कोने-कोने से लाखों लोगों को खींचकर बाबा के दरबार में पहुंचने के लिए मजबूर हो जाते हैं. 

Advertisment

बाबा के कथित चमत्कारों की लिस्ट

- बाबा आत्मा को परमात्मा से मिलाने का दावा करता है.

- बाबा खुद को भगवान विष्णु का अवतार बताता है.

Advertisment

- दावा है कि बाबा बिना चीर-फाड़ के ऑपरेशन कर देता है.

- बाबा अधर्म के विनाश के लिए प्रलय लाने की बात भी कहता है.

- बाबा भूत-प्रेत से छुटकारा दिलाने का दावा करता है.

Advertisment

- बाबा के दरबार में लगे हैंडपंप के पानी से कैंसर ठीक होने का दम भरा जाता है.

- बाबा के चरणों की धूल से पाप मिट जाने की भी बात कही जाती है.

- दावा है कि बाबा की कृपा से संक्रामक बीमारी वाला वायरस भी दूर भागता है.

- बाबा भगवान कृष्ण की तरह अपना मुंह खोलकर उसमें ब्रह्मांड दिखाने का दावा करता है.

- भोले बाबा यानि नारायण साकार हरि चिलचिलाती धूप में भी बिजली कड़कड़ाने का कथित चमत्कार दिखाता है.

सूरज पाल कैसे बन गया 'चमत्कारी' भोले बाबा?

बाबा पर लोगों के अटूट विश्वास की शुरुआत तब हुई. जब उनके एक रिश्तेदार की बेटी की मौत हो गई. बताते हैं कि बाबा ने लड़की की मौत के बाद उसके शव को अपने घर में रख लिया और उसे जिंदा करने की नाकाम कोशिशें शुरू कर दी. हालांकि बाद में पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव का अंतिम संस्कार करवाया. बताते हैं कि इसके बाद बाबा ने अपने भक्तों में ऐसा माहौल बनाया कि अगर पुलिस अंतिम संस्कार नहीं करवाती तो वो उसे जिंदा कर सकते थे.

बताते हैं कि बाबा के कथित चमत्कार भक्तों पर बुखार की तरह चढ़े हुए हैं. उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में बाबा के लाखों अनुयायी हैं. जो बाबा के सत्संग में भरोसा भी बढ़ाते हैं और चढ़ावा भी चढ़ाते हैं. अब सवाल ये है कि बाबा पर भक्तों को ऐसा अटूट विश्वास आया कैसे?

यहां देखें- बाबा के कथित 'चमत्कारों' पर रिपोर्ट

जानकारी के मुताबिक कांस्टेबल की नौकरी छोड़ने के बाद सूरज पाल उर्फ अब के भोले बाबा ने आध्यात्मिक गुरु बनने का रास्ता अपनाया. शुरुआत में तो ये घूम-घूमकर सत्संग का आयोजन करता था. मगर धीरे-धीरे ये खुद को हरि का शिष्य बताने लगा. इस वजह से इसने अपना नाम सूरजपाल से बदलकर नारायण साकार हरि कर दिया. एक प्रवचन के दौरान जब इसने कहा कि जिस तरह ईश्वर की परछाई नहीं हो सकती है. ठीक उसी तरह उसकी भी परछाई नहीं पड़ती है. बस इसके बाद लोग बाबा को चमत्कारी मानने लगे और इसी के साथ बढ़ने लगी नारायण साकार हरि में लोगों की आस्था, जिसके बाद देश में बाबा के आश्रम बढ़ते चले गए. 

Source : News Nation Bureau

UP News Bhole Baba Hathras stampede
Advertisment
Advertisment