एक के बाद दूसरा रविवार आ पहुंचा है, जब चिर प्रतिद्वंद्वी भारत और पाकिस्तान की टीमें क्रिकेट मैदान पर एक-दूसरे के सामने होंगी. इस बार दोनों टीमें एशिया कप 2022 (Asia Cup 2022) के सुपर 4 ग्रुप का मैच जीतने के लिए खेलेंगी. दोनों ही टीमें सुपर 4 खेलने के लिए ग्रुप ए से क्वालीफाई कर यहां तक पहुंची हैं. भारत (India) ने पाकिस्तान और हांग कांग के खिलाफ दोनों मैच जीते, तो पाकिस्तान (Pakistan) हांग कांग को 155 रनों की करारी हार देकर आया है. जाहिर है अपनी-अपनी प्लेइंग इलेवन टीम के चयन के साथ-साथ रोहित शर्मा (Rohit Sharma) और बाबर आजम (Babar Azam) स्लो ओवर रेट के नियम को लेकर भी पूरी सावधानी बरत अतिरिक्त सक्रियता दिखाएंगे. खासकर बीते रविवार दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में मैच के दौरान इतना कुछ 'झेलने' के बाद.
क्या हुआ था बीते रविवार के मैच में
एशिया कप के ग्रुप ए के पहले मैच में भारत और पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के नए नियम की वजह से निर्धारित समय सीमा के भीतर 20 ओवर नहीं फेंकने पर जुर्माना लगाया गया. परिणामस्वरूप इस नए नियम की वजह से दोनों ही टीमों को प्रत्येक पारी के अंतिम तीन ओवरों में 30 यार्ड के घेरे में एक अतिरिक्त खिलाड़ी तैनात करना पड़ा. इसकी वजह से खेल के पहले छह ओवरों के बाद बाउंड्री पर सामान्यतः पांच खिलाड़ियों के बजाय अंतिम तीन ओवरों में भी चार खिलाड़ी फील्डिंग कर रहे थे. टी20 के मैच में जब खेल आखिरी गेंद तक खिंचता है, फील्डिंग को लेकर यह प्रतिबंध अपना 'खेल' दिखा गया. पाकिस्तान के निचले क्रम के बल्लेबाज इसी का फायदा उठाकर टीम का स्कोर 114/6 से 147 तक ले जाने में सफल रहे. अंततः डेथ ओवरों में आक्रामक खेल की वजह से स्कोर और बड़ा हो गया. दूसरी तरफ भारत की बैटिंग के दौरान पाकिस्तान के भी अंतिम तीन ओवरों में सीमा पर पांच के बजाय चार खिलाड़ी थे. नतीजा यह रहा कि इसका फायदा उठाते हुए रवींद्र जडेजा और हार्दिक पांड्या ने आसानी से छह चौके मार दिए. यही नहीं, छक्का मार कर मैच भी अपने नाम कर लिया.
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आखिर क्या है पूरी नियमावली
आईसीसी का अनुच्छेद 2.22 खिलाड़ियों और खिलाड़ियों के सपोर्ट पर्सनल से जुड़ा है. इसके तहत मैच के दौरान टीम पर जुर्माना लगाया जाता है. अब इसी अनुच्छेद के साथ यह नया नियम भी जोड़ दिया गया है. इस अतिरिक्त नियम को आईसीसी ने इसी साल जनवरी से लागू किया है. गौरतलब है कि खेल की परिस्थितियों के अनुच्छेद 13.8 में स्लो ओवर रेट से जुड़े नियम-कायदे शामिल हैं. इसके तहत फील्डिग कर रही टीम को अंतिम ओवर की पहली गेंद पहले से तय या पुनःर्निधारित समय सीमा जो कि 85 मिनट है के भीतर फेंकनी होगी. अगर टीम ऐसा करने में नाकामयाब रहती है तो जितने ओवर तय समय सीमा के बाद फेंके जाएंगे उस दौरान 30 यार्ड के बाहर उस टीम का एक खिलाड़ी कम रहेगा. इसके साथ ही प्रति स्लो ओवर 20 फीसदी मैच फीस के जुर्माने का भी प्रावधान है. इस तरह देखें तो 85 मिनट की समय सीमा का मतलब यह हुआ कि टी20 मैच में कोई भी टीम 4 मिनट 15 सेंकड से अधिक समय एकओवर फेंकने में नहीं लगा सकती. एक ओवर की शुरुआत उस वक्त से मानी जाती है जब गेंदबाज पहली गेंद फेंकने के लिए तैयार रहता है.
इस नए नियम की जरूरत ही क्यों पड़ी
टी20 मैच के रोमांच के अनुरूप ही है यह नया नियम. स्लो ओवर रेट नियम के तहत निर्धारित समय सीमा के बाद रह गए शेष ओवरों में 30 यार्ड से बाहर एक खिलाड़ी कम रखने से जुड़ा यह नया नियम सिर्फ इसलिए नहीं लाया गया कि क्रिकेट प्रशंसकों और प्रसारणकर्ता को अतिरिक्त समय देना पड़ा. सच तो यह है कि फील्डिंग कर रही टीम इस तरह खेल की गति को धीमा कर बैटिंग कर रही टीम की लय प्रभावित करती है. साथ ही इस समय का सदुपयोग कर फील्डिंग कर रही टीम नए सिरे से रणनीति बना सकती है. ऐसे में स्लो ओवर रेट पर आईसीसी ने अब जुर्माने और एक खिलाड़ी कम रखने का नियम पेश किया. अब फील्डिंग करने वाली टीम को तय समय सीमा के भीतर ही 20 ओवर फेंकने होंगे. इसमें नाकाम रहने पर प्रति ओवर 20 फीसदी मैच फीस का जुर्माना और शेष ओवर में 30 यार्ड के बाहर एक खिलाड़ी कम रखना होगा. इसका फायदा सीधे तौर पर बैटिंग कर रही साइड को मिलेगा.
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फील्डिंग कर रही टीम के वश से बाहर की स्थिति के लिए क्या कहता है नियम
ग्रुप ए के पहले मैच में ही पाकिस्तान की फील्डिंग के दौरान दुबई की तेज धूप की वजह से नसीम शाह और हैरिस राउफ को क्रैंप के चलते टीम की फीजियो को बुलाना पड़ा. इसका मतलब यह भी हुआ कि बाबर एंट टीम निर्धारित 85 मिनट की समय सीमा के भीतर अपने 20 ओवर नहीं फेंक सकती थी. इसके इतर इस नए नियम के बावजूद उपचार के लिए दोनों ही खिलाड़ियों ने जितना समय लिया, उसे गिना नहीं गया. सच तो यह है कि मैदान पर अधिकृत फीजियो द्वारा दिए गए उपचार का समय इस नए नियम में शामिल नहीं किया गया है. इसके लिए फील्डिंग कर रही टीम पर स्लो ओवर रेट नियम के तहत फील्डिंग प्रतिबंध नहीं लगाया जाता. यही नहीं, चोटिल खिलाड़ी के स्थान पर आने वाले खिलाड़ी, डीआरएस रिव्यू, तीसरे अंपायर के फैसला लेने में लगा समय और अन्य ऐसी किसी भी स्थिति के लिए जुर्माने का प्रावधान नहीं है. बशर्ते अंपायर संतुष्ट हो कि अमुक स्थितियों पर किसी का वश नहीं था. इस नए नियम में ऐसी सभी स्थितियों को अपवाद माना गया है.
बल्लेबाजी कर रही टीम भी नहीं कर सकती समय बर्बाद
अगर अंपायर को लग जाए कि बल्लेबाजी कर रही टीम भी जान-बूझ कर समय बर्बाद कर रही है, तो उस पर भी जुर्माना लगाने का प्रावधान यह नया नियम देता है. ऐसी स्थिति में बर्बाद हुआ समय बल्लेबाजी कर रही टीम के ओवर रेट के निर्धारण में काट लिया जाता है. हालांकि यहां एक पेंच है, जिससे आईसीसी को देखना होगा. पहले बल्लेबाजी कर रही टीम पर समय बर्बाद करने की स्थिति में दूसरी पारी में जुर्माना लगाया जाता है. इस नए नियम में दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने वाली टीम की ओर से बर्बाद किए गए समय को लेकर कोई प्रावधान नहीं किया गया है.
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पारी के दौरान खिलाड़ी समय का कैसे रखते हैं ध्यान
गेंदबाजी कर रहे खिलाड़ी की तरफ खड़ा अंपायर मैच शुरू होते ही फील्डिंग और बल्लेबाजी कर रही टीम के कप्तान को तय समय सीमा से अवगत करा देता है. ऐसे में मैच में आने वाले प्रत्येक व्यवधान के बाद टीम को निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन करने की जरूरत होती है. माना जाता है कि अंपायर दोनों टीमों के साथ दूसरे ऑन फील्ड अंपायर को भी इससे अवगत कराता है. तीसरा अंपायर भी प्रत्येक आधे घंटे में समय के बाबत अवगत कराता है. यह समय स्कोर बोर्ड पर भी डिस्प्ले होता रहता है.
HIGHLIGHTS
- अब 85 मिनट में ही फेंकने होंगे टी20 मैच के सभी 20 ओवर
- तय समय के बाद शेष प्रति ओवर पर है जुर्माने का प्रावधान
- शेष ओवरों में एक खिलाड़ी 30 यार्ड के घेरे में ही रहेगा