India Armenia Deal: भारत और आर्मेनिया के बीच हुई एडवांस हथियारों डील से बाजार में हड़कंप मच गया. रूस जैसे पावरफुल देश भी घबरा गए हैं. वजह, रूस हथियारों का बड़ा सप्लायर है, वो दुनिया के कई देशों को हथियार सप्लाई कर करता है. इन देशों में आर्मेनिया भी शामिल था, लेकिन अब उसका हथियार जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत पर भरोसा बढ़ा है. आर्मेनिया भारत को लगातार हथियारों की खरीद के लिए ऑर्डर पर ऑर्डर दे रहा है. इससे रूस खुद को असहज महसूस कर रहा है और सोशल मीडिया के जरिए भारत हथियारों को खराब बताते हुए झूठा प्रोपगेंडा फैला रहा है.
भारत-आर्मेनिया डील क्या
भारत आर्मेनिया का सबसे बड़ा रक्षा आपूर्तिकर्ता (Largest Defense Supplier) बन गया है. वह लगातार भारत से अपनी सैन्य हथियार खरीद रहा है. हाल ही में आर्मेनिया ने भारत से एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) और पिनाका रॉकेट लॉन्चर सिस्टम खरीदे हैं. ये दोनों ही हथियार भारत में बने हैं और काफी अत्याधुनिक माने जाते हैं, जो दुश्मन को घुटने में पर लाने की क्षमता रखते हैं. ATAGS ये दुनिया की सबसे लंबी रेंज वाली होवित्जर तोप है. इसकी मारक रेंज 48 किलोमीटर तक है.
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पिनाका कितना घातक हथियार
वहीं, पिनाका रॉकेट लॉन्चर सिस्टम की जितनी तारीफ करें उतना ही कम है. इसको भारत का सबसे भरोसेमंद रॉकेट सिस्टम बताया जाता है. इसको इतना घातक सिस्टम बताया जाता है कि दुश्मन इसके नाम से कांप उठते हैं. इतना ही नहीं आर्मेनिया ने भारत को और भी कई हथियारों को खरीदने का ऑर्डर दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इनमें आकाश और ब्रह्मोस मिसाइल भी शामिल है, जिनको भारत जल्द ही आर्मेनिया को सप्लाई कर सकता है. बता दें कि भारत ने 2023 में 1.6 बिलियन डॉलर के हथियारों का एक्सपोर्ट किया है. यह लक्ष्य 2025 तक 5 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने का है.
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‘हथियारों को बताया जा रहा खराब’
तरक्की कहीं भी हो ईर्ष्या होना स्वाभिक ही है. भारत और आर्मेनिया के बीच बढ़ती हथियारों की डील ने ये साबित भी कर दिया है. दुनिया के शक्तिशाली देश चाहे वह हमारे मित्र कहे जाएं या प्रतिद्वंदी भारत की बढ़ती ताकत से घबराने लगे हैं. भारत का मित्र देश रूस भी इससे अछूता नहीं है, नाराजगी इतनी बढ़ गई है कि सोशल मीडिया पर भी झूठी खबरें फैलाई जा रही कि भारत द्वारा सप्लाई किए गए हथियार खराब हैं. गौर करने वाली ये बात है कि अगर भारत के हथियार इतने ही खराब होते हैं, तो आर्मेनिया क्यों उसे ऑर्डर पर ऑर्डर देता.
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