India-Bangladesh: बांग्लादेश के साथ बड़ा खेला हो गया है. यूनुस सरकार हर ओर से घिरती जा रही है, जिससे उसकी अक्ल ढीली पड़ गई है. मोहम्मद यूनुस का जब दिमाग ठंडा हुआ तो बांग्लादेश का भारत की ओर वापस झुकने का समय आ गया. तभी तो यूनुस सरकार ने भारत को एक ऐसा ऑफर दे दिया है, जो कट्टरपंथियों को रास नहीं आ रहा है. आलम ये है कि बांग्लादेश में सियासी भूचाल आ गया है.
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भारत-बांग्लादेश के रिश्तों में कड़वाहट
बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद मोहम्मद यूनुस ने सरकार के प्रमुख सलाहकार के रूप में देश की कमान संभाली. इसके बावजूद भी बांग्लादेश में हिंदुओं और अल्पसंख्यकों पर हमले जारी हैं. इन घटनाओं पर भारत सरकार अपना विरोध जता चुकी है. शेख हसीना के प्रधानमंत्री रहते हुए बांग्लादेश के साथ भारत के रिश्तों में काफी मधुरता थी, लेकिन अब इन रिश्तों में कड़वाहट आ गई है.
हसीना को लेकर ट्रंप का बड़ा बयान
बांग्लादेश सरकार की कमान हाथ में लेते ही मोहम्मद यूनुस को जो बाइडेन का साथ मिला था. वहीं, भारत के साथ उनकी दूरी बढ़ती चली गई. हाल ही में अमेरिका में संपन्न हुए राष्ट्रपति चुनावों से सब कुछ बदल गया. डोनाल्ड ट्रंप की सत्ता में वापसी ने मोहम्मद यूनुस की मुश्किलें बढ़ा दीं. शेख हसीना जो इस वक्त भारत में है, सक्रिय होकर वापस बांग्लादेश में अपनी सरकार लाने के प्रयास कर रही हैं. उन्होंने ट्रंप से बातचीत की, जिसमें ट्रंप ने शेख हसीना को बांग्लादेश की असली नेता मानने की बात कही.
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सत्ता में वापसी कर सकती हैं शेख हसीना
वहीं, शेख हसीना समर्थकों ने भी यूनुस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय अदालत में यूनुस सरकार के खिलाफ 800 पन्नों की शिकायत भेजी है और अब सब कुछ शेख हसीना के पक्ष में जाता दिख रहा तो वे फिर से बांग्लादेश में सत्ता में लौट सकती हैं. वहीं, शेख हसीना भारत में रहते हुए बांग्लादेश की राजनीति में अपना खेल जारी रखे हुए हैं. भारत का समर्थन पाकर उनका आत्मविश्वास और भी बढ़ गया है. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार अब हर ओर से घिरी हुई महसूस कर रही क्योंकि उनके पास ना तो खुद को वैध ठहराने का पूरा आधार है ना ही शेख हसीना खिलाफ कानूनी कदम उठाने की पूरी शक्ति है.
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गिरती जीडीपी से दवाब में युनूस सरकार
तख्तापलट के बाद से ही बांग्लादेश की जीडीपी लगातार लुढ़क रही है. बांग्लादेश को भारत के बकाए बिजली बिलों में करीब 8 बिलियन डॉलर का भुगतान करना है, जिससे वहां की अर्थव्यवस्था पर और भी दबाव बन गया है. इतना ही नहीं भारत से आनाज, चीनी और बिजली जैसी जरूरी चीजें आयात करने वाली बांग्लादेश सरकार को भारत से नाराजगी मोल लेना आसान नहीं है.
युनूस सरकार का भारत को बड़ा ऑफर
अब ये बातें हर ओर से घिर चुकी युनूस सरकार को अच्छे से समझ आ चुकी है. जब किसी से साथ नहीं मिला तो उनको भारत की याद आई है, इसलिए व्यापारिक और आर्थिक संबंधों को मजबूती करने के लिए भारत का सहारा लेने की प्लानिंग बना रहे हैं. यही वजह है कि बांग्लादेशी अधिकारियों ने भारत के साथ मिलकर लैंड पोर्ट के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर काम करने का प्रस्ताव दिया है ताकि दोनों देशों के बीच व्यापारी गतिविधियां बढ़ाई जा सके. मगर पाकिस्तान परस्त कटरपंथियों को ये कदम रास नहीं आ रहा है.
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