India China: चीन का खजाना तेजी से खाली हो रहा है. विदेशी निवेशक चीन से अपना पैसा निकाल रहे हैं. बीते तीन दशकों में ऐसा पहली बार हो रहा है. इस वजह से चीनी जीडीपी का पर बुरा असर पड़ा है. उस पर डूबने का खतरा मंडरा रहा है. अब इकॉनोमी की पटरी पर लाने के लिए चीन ने हाल ही में अरबों डॉलर के पैकेज का ऐलान किया. हालांकि, शुरुआती संकेत इस ओर इशारा कर रहे हैं कि चीन का ये कदम नाकाफी साबित होगा. इधर, भारतीय अर्थव्यवस्था ने दुनिया में धमाका मचा रहा है. आइए जानते हैं कैसे?
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भारतीय अर्थव्यवस्था में जबरदस्त तेजी
भारतीय अर्थव्यवस्था में जबदस्त रफ्तार देखी जा रही है. आए दिन भारत को लेकर बड़ी-बड़ी रिपोर्ट्स आती है, जिनमें बताया जाता है कि भारत दुनिया की सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है. ताजा रिपोर्ट जापान से आई है, जिसमें वहां के टॉप अर्थशास्त्रियों ने भारत को लेकर बड़ी बात कही है. उन्होंने कहा है कि 2025 तक भारत जापान को पछाड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. ऐसा ही अनुमान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने जताया है. इस तरह भारत दुनिया में धमाल मचा देगा.
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चीन की अर्थव्यवस्था पर संकट!
चीन से विदेशी निवेशक धड़ल्ले से अपना पैसा निकला रहे हैं. आंकड़ों की माने तो इस साल तीसरी तिमाही में विदेशी निवेशकों ने चीन से 8.1 अरब डॉलर की भारी भरकम रकम निकाली है. विदेशी निवेशकों ने इस साल चीन से 12.8 अरब डॉलर के फंड को निकाला है. ये 1998 के बाद विदेशी निवेशकों की तरफ से चीन से निकाली गई अब तक की सबसे ज्यादा रकम है. अनुमान जताया जा रहा है कि अगर हालात नहीं बदले तो चीन से 1990 के बाद पहली बार FDI का सालाना नेट आउटफ्लो देखने को मिल सकता है.
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तो चीन को लगेगा और बड़ा झटका
चीन की इकॉनोमी 2008 के वित्तीय संकट के बाद सबसे बड़ी मंदी का सामना कर रही है. वहीं, अमेरिका में चीन की वापसी चीन को और भारी पड़ने वाली है. उन्होंने अपने चुनावी भाषणों में चीनी माल पर 60 फीसदी तक इंपोर्ट ड्यूटी लगाने की बात कही थी. अगर डोनाल्ड ट्रंप अपने चुनावी भाषण को पूरा करते हैं तो चीन और बड़ा झटका लगेगा. उसकी जीडीपी की हालत और पतली हो सकती है. चीन का डेट-GDP अनुपात पिछली तिमाही में 366% पहुंच चुका था. इसका मतलब ये हुआ कि चीन की जीडीपी की एक यूनिट पर 3.66 यूनिट कर्ज का बोझ है.
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IMF ने घटाई चीनी की ग्रोथ रेट
आईएमएच ने पहले ही चीन की ग्रोथ रेट घटा रखी है. उसके अनुसार, इस साल चीन की इकोनॉमी 4.8 फीसदी की दर से बढ़ेगी. वहीं जिनपिंग सरकार ने 5% का ग्रोथरेट का टारगेट रखा है. हालांकि, अगले साल चीन की जीडीपी 4.5 फीसदी रहने का अनुमान है. आशंकाएं जताई जा रही हैं कि चीन में जापान जैसा ठहराव आने का संकट आ सकता है. चीन का रियल एस्टेट सेक्टर मंदी की मार से जूझ रहा है. इस संकट का असर उसके बैंकिग सेक्टर भी देखा जा रह है, जिससे पूरी चीनी अर्थव्यवस्था पर डूबने का खतरा है.
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