India Maldives: मालदीव ने एक बार फिर भारत को धोखा दियाा है. मुइज्जू सरकार ने ऐसी चाल दी है, जिससे भारतीयों की पहचान का खतरा मंडरा रहा है. ये भारतीय लोग मालदीव में भारतीय सुरक्षा कर्मियों के तौर पर पहुंचे थे. इन्हीं भारतीय लोगों को लेकर मालदीव सरकार ने एक आदेश दिया है, जिसके चलते उनकी चिंताएं बढ़ी हुई हैं. मालदीव सरकार का ये कदम भारत के साथ तनाव को एक नया अध्याय खोल सकता है. आइए जानते हैं क्या ये पूरा मसला.
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मालदीव सरकार ने दिया आदेश
भारत ने मालदीव को डोनियर और डेलीकॉप्टर्स उपहार में दिए थे. इनको उड़ाने के लिए कुछ असैन्य कर्मी भारत से मालदीव भेजे गए थे. अब उन्हीं कर्मियों की पहचान उजागर होने का खतरा मंडरा रहा है. दरअसल, मालदीव के सूचना आयुक्त कार्यालय ने रक्षा मंत्रालय को उपहार में मिले सैन्य विमानों को ऑपरेट करने वाले भारतीय सैनिकों की जगह आए असैन्य कर्मियों की जानकारियों को अब ऑफिशियल करने का आदेश दे दिया है. मालदीव सरकार का ये आदेश भारत की चिंता बढ़ाने वाला है.
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मालदीव ने क्यों जारी किया आदेश
पहले खबर आई थी कि मालदीव सरकार ने कहा कि वह सैनिकों की वापसी के बारे में भारत के साथ हुए समझौते का खुलासा नहीं करेगी, लेकिन अब ऐसा क्या हुआ जो मालदीव सरकार ने भारत को धोखा दिया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इन भारतीयों के बारे में जानकारी पाने के लिए मालदीव की मीडिया अधादू ने सूचना के अधिकार के तहत एक अर्जी दायर की थी. अधादू ने ऐसा इसलिए किया ताकि पता लग सके कि इन भारतीय ने कैसे सैन्य विमानों को ऑपरेट किया और उनकी पहचान क्या है.
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मालदीव सरकार के रक्षा मंत्रालय ने अधादू को इस मामले में कोई भी सूचना देने से इनकार कर दिया. इसके बाद अधादू ने सूचना आयुक्त कार्यालय से शिकायत की. लंबी सुनवाई के बाद ICOM ने रक्षा मंत्रालय के फैसले को गलत बताया. इसके बाद सूचना आयुक्त अहमद अहीद रशीद ने मालदीव रक्षा मंत्रालय को 5 दिनों के भारत अधादू को पूछी गई सारी जानकारी देने का आदेश दिया. अधादू की इस प्रकिया के चलते अब मालदीव सरकार ने ये आदेश जारी किया.