India-Russia News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी सोमवार को दो दिवसीय यात्रा के लिए रूस पहुंच गए हैं, लेकिन पीएम के दौरे के पहले ही भारत के लिए रूस से बड़ी खबर आ गई थी. उसमें दोनों देशों के बीच फाइनल हुई एक बड़ी डील के बारे में बताया गया. इस डील से भारतीय सेना की ताकत में जबरदस्त इजाफा होगा. यही वजह है कि डील से चीन और पाकिस्तान टेंशन में आ गए हैं. रूस अब भारत में अपनी सबसे घातक मैंगो 'मिसाइल' बनाएगा.
रूस की सरकारी डिफेंस कंपनी रोस्टेक (Rostec) ने पिछले हफ्ते गुरुवार को बताया कि उसने भारत में मैंगो 'मिसाइल' की मैन्युफैक्चरिंग के लिए काम शुरू कर दिया है. इस डील के फाइनल होने के बाद भारत की सैन्य ताकत में और इजाफा होगा. मैंगो 'मिसाइल' एक तरह के शेल्स यानी गोले होते हैं, जिन्हें टैंक की मदद से फायर किया जाता है. इसका पूरा नाम 3वीबीएम17 मैंगो शेल्स है. ये गोले पलभर में ही दुश्मनों के टैंकों और सैन्य वाहनों को भेद का नेस्तनाबूद कर देगा. इनको मैंगो कवच-भेदी टैंक राउंड (Mango armor-piercing tank round) कहा जाता है.
JSC ROSOBORONEXPORT, a Russian defense giant and a key part of the Rostec State Corporation, has launched the production of 3VBM17 Mango armor-piercing fin-stabilized discarding-sabot (APFSDS) rounds in India.
These rounds are designed to penetrate armored vehicles equipped… pic.twitter.com/4NVeDd7m1u
— EurAsian Times (@THEEURASIATIMES) July 6, 2024
रोस्टेक ने बनाया में कहा कि मैंगो कवच-भेदी टैंक गोलों का निर्माण भारत में उसके मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियानों के तहत किया जाएगा. भारत में इन गोलों को निर्माण दोनों देशों के बीच बड़ी रक्षा साझेदारी को दर्शाता है. रूस की मदद से भारत में एकके-203 एसॉल्ट राइफल को बनाया जाता है. ये राइफल अमेठी स्थित कौरवा में बनाई जा रही है.
बारूद उत्पादन को लेकर भी प्लान
रोस्टेक ने बताया कि वो भारत में बारूद के उत्पादन को लेकर भी प्लान बना रही है. 125 मिलीमीटर कैलिबर की टैंक गन से फायर होने वाले ये शैल्स या गोले कवच से लैस आर्मर्ड वाहनों को तबाह करने में सक्षम है. ये गोले मजबूत दीवार को भेद सकते हैं. ये गोले मजबूत से मजबूत टैंक को तबाह कर देंगे. यानी अब युद्ध हुआ तो पाकिस्तान और चीन के लड़ाकू टैंक मिट्टी में मिल जाएंगे.
अच्छे-अच्छे टैंक हो जाएंगे तबाह
जब इसे टैंक से फायर किया जाता है तो ये सबसे पहले टारगेट को फाड़कर अंदर घुसता है और उसके बाद ब्लास्ट हो जाता है. ये शेल्स 2000 मीटर की दूरी तक 60 डिग्री के कोण से 230 मिमीटर के स्टील को भेद सकता है. इसके अलावा सीधे यानी जीरो डिग्री पर फायर करने पर ये 520 मिलीमीटर के स्टील को फाड़ सकता है. इस गोले को टी-72 और टी-90 टैंक से दागा जा सकेगा. दो किलोमीटर तक लक्ष्य को भेदने की इसकी क्षमता है. जाहिर है पीएम मोदी का दौरा रूस और भारत के संबंधों को नया आयाम देगा.
PM मोदी और पुतिन में होगी बातचीत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच आमने-सामने की बातचीत होगी, जिसमें पीएम मोदी में रूस के साथ S400 मिसाइल एयर डिफेंस सिस्टम को लेकर बात सकते हैं. इसके लिए भारत ने रूस 2018 में डील की थी. 2023 में डिलीवरी होनी थी, लेकिन यूक्रेन युद्ध की वजह से इसकी सप्लाई में देरी हुई. रूस भारत का मुख्य हथियार (36%) आपूर्तिकर्ता है. रूस के बाद फ्रांस (33%) भारत का दूसरा सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता है और अमेरिका (13%) भारत के लिए हथियारों का तीसरा सबसे बड़ा सप्लायर है.
Source : News Nation Bureau