Bangladesh Crisis: आरक्षण विरोधी आंदोलन के चलते भड़की हिंसा से बांग्लादेश में नाजुक हालात हैं. 300 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की खबरें हैं. भीड़ की हिंसा अभी भी रुक नहीं रही है. पैदा हुए इन हालातों की भारी मार बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर पड़ी है. कई कंपनियां ठप हैं, रोजमर्रा के काम-काज भी बंद पड़े हुए हैं. आइए जानते हैं कि बांग्लादेश संकट से भारत को क्या फायदे और नुकसान हो सकते हैं. बांग्लादेश के कपड़ा उद्योग पर क्या असर पड़ेगा. इस इंडस्ट्री में भारत के लिए क्या अवसर बन रहे हैं.
यूनुस के लिए आसान नहीं होगी राह
आज (गुरुवार को) भले ही बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का गठन हो जाएगा. नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस अंतरिम सरकार के मुखिया के रूप में कमान संभाल लेंगे. हालांकि, एक बार जब अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर चीजें बेपटरी हो जाती हैं, तो उनको वापस लाने में समय लगता है. ऐसे में यूनुस के लिए भी आर्थिक मोर्चे पर वैसे कमाल कर पाना जल्द मुमकीन नहीं होगा, जैसा शेख हसीना के प्रधानमंत्री रहते था. हिंसा की वजह अर्थव्यवस्था में गिरावट को रोकने की राह यूनुस के लिए भी आसान नहीं होगी. बेरोजगारी और महंगाई जैसी कई चुनौतियां अंतरिम सरकार के सामने होंगीं.
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टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज् पर भारी मार
हसीना सरकार में बांग्लादेश की टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज् को वैश्विक पहचान मिली. दुनियाभर में चीन के बाद बांग्लादेश कपड़ों का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक बनकर उभरा. लेकिन भड़की हिंसा सब चौपट कर दिया है. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हिंसा और तोड़फोड़ के डर से बांग्लादेश गारमेंट मैन्यूफैक्चर्रस एंड एक्सपोर्टर्स एसोशिएशन (BGMEA) ने अपने साथी व्यापारियों को अनिश्चितकाल तक फैक्टरियां बंद रखने की सलाह दी है. ये एसोसिएशन बांग्लादेश में कपड़ा उत्पादकों और व्यापारियों का एक बड़ा समूह है.
हिंसा से सहमे कपड़ा कारोबारी
बांग्लादेश में भड़की हिंसा के चलते BGMEA बुरी तरह से सहम गया है. इस एसोसिएशन के घबराने का मतलब है, बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था का सहमना. हिंसा से कपड़ा कारोबारी बुरी तरह से सहम गए हैं. बांग्लादेश में जारी उथल-पुथल की इस स्थिति से उसके भारत ही नहीं अन्य देशों के साथ व्यापार पर पड़ा है. भारत ने सुरक्षा की दृष्टि से बांग्लादेश से लगती अपनी सीमाओं को बंद कर दिया है. इससे दोनों देशों के बीच व्यापार ठप हो गया. मैरिको, इमामी समेत कई भारतीय कंपनियां प्रभावित हुई हैं.
भारतीय कंपनियों को घाटा
भारतीय कंपनियों के बांग्लादेश के साथ कारोबार में गिरावट दर्ज की गई है. बांग्लादेश में कारोबार करने वाली सफोला खाद्य तेल के लिए मशहूर मैरिको के शेयर में 4%, पर्ल ग्लोबल इंडस्ट्रीज के शेयरों में 3% और इमामी के शेयरों में भी 4% से अधिक की गिरावट आई. बांग्लादेश में मौजूद कई अन्य भारतीय कंपनियां भी तनाव महसूस कर रही हैं. इनमें बेयर कॉर्प, जीसीपीएल, ब्रिटानिया, विकास लाइफकेयर, डाबर, एशियन पेंट्स, पिडिलाइट, जुबिलेंट फूडवर्क्स और बजाज ऑटो शामिल हैं.
भारतीय कपड़ा उद्योग को होगा फायदा
बांग्लादेश में हुए पूरी घटना से वहां कारोबार कर रहीं भारतीय कंपनियों को घाटा हो रहा है. हालांकि, बिजनेस एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारतीय कंपनियों को भले ही घाटा हो रहा है, लेकिन ये कंपनियां इससे जल्द ही उभर जाएंगी. साथ ही भारत की कपड़ा इंडस्ट्री को इसका फायदा हो सकता है. ऐसी संभावाओं के चलते दो दिनों में भारत में कपड़ा बनाने वाली कंपनियों के स्टॉक्स 20 फीसदी तक बढ़ गए हैं. इसी वजह से कहा जा रहा है कि बांग्लादेश में पैदा हुए हालात के बाद भारत के कपड़ा उद्योग को फायदा हो सकता है.
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टेक्सटाइल में युवाओं को मिलेंगे मौके!
एक्सपर्ट्स का मानना है कि बांग्लादेश संकट के चलते वहां से कपड़ा उद्योग का निर्यात का एक बड़ा हिस्सा भारत में शिफ्ट हो सकता है. हिंसा के चलते बांग्लादेश की जो टैक्सटाइल इंडस्ट्रीज् ऑर्डर को पूरी नहीं कर पाई हैं, वे भारत को मिल सकते हैं. अनुमान है कि अगर बांग्लादेश के निर्यात का 10 से 11% हिस्सा भारत में आता है, तो भारत को हर महीने 300 से 400 मिलियन डॉलर का अतिरिक्त कारोबार मिल सकता है. बांग्लादेश को अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय यूनियन जैसे बड़े बाजारों से सबसे ज्यादा ऑर्डर मिलते हैं. अब ये देश भारत को एक मजबूत विकल्प के रूप में देख सकते हैं. ऐसे में इस इंडस्ट्री में युवाओं को बड़े मौके मिलने का अनुमान जताया जा रहा है.
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