Nagastra-1: भारतीय सेना की ताकत में बड़ा इजाफा हुआ है. उसे स्वदेशी ड्रोन नागस्त्र-1 की पहली खेप मिल गई है, जिसमें सेना को 120 ड्रोन सौंपे गए हैं. इस खबर से ही पाकिस्तान और चीन की नींद उड़ गई है. नागस्त्र-1 लोइटरिंग म्यूनिशन ड्रोन है यानी यह एक प्रकार युद्ध में इस्तेमाल किए जाने वाला मानव रहित वाहन (UAV) है. इसे विस्फोटक ले जाने और टारगेटेड मिसाइल की तरह दुश्मनों पर हमला करने के लिए डिजाइन किया गया है. यही वजह है कि इसे आत्मघाती ड्रोन्स (सुसाइड ड्रॉन्स) कहा गया है. सेना को नागास्त्र ड्रोन को मिलने से अब उसके लिए दुश्मन के घर में घुसकर एयरस्ट्राइक करना आसान हो जाएगा. आइए नागास्त्र-1 ड्रोन की खासियतों और इसकी ताकत के बारे में जानते हैं.
नागास्त्र ड्रोन को किसने है बनाया
नागास्त्र-1 ड्रोन को सोलर इंडस्ट्रीज इकोनॉमिक्स एक्सप्लोसिव लिमिटेड (EEL) ने बनाया है. सेना ने इस कंपनी को कुल 450 नागास्त्र ड्रोन बनाने का ऑर्डर दिया है. हालांकि अभी 120 ड्रोन ही ईईएल ने सेना को सौंपे हैं.
Nagastra -1, in a 'kamikaze mode' can neutralize any hostile threat with GPS-enabled precision strike with an accuracy of 2m. The man-portable fixed-wing electric UAV of weight 9 kg has an endurance of 30 min, a man-in-loop range of 15 km and an autonomous mode range of 30 km.…
— ANI (@ANI) June 14, 2024
नागास्त्र-1 ड्रोन की खासियतें
नागास्त्र-1 ड्रोन की कई ऐसी खासियतें हैं, जिनके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे. सबसे बड़ी खूबी तो यही है कि ये ड्रोन उड़ते समय बहुत ही कम आवाज करते हैं, जिससे चुपके से दुश्मन के घर में हमला करवाया जा सकता है. नागास्त्र-1 कामिकेज मोड (kamikaze mode) में 2 मीटर की सटीकता के साथ हमले के साथ किसी भी खतरे को बेअसर कर सकता है. इसमें जीपीएस सिस्टम लगा हुआ है. इस ड्रोन का कुल वजन 30 किलोग्राम है, जो 30 मिनट तक उड़ान भर सकता है. इसकी ऑपरेशनल रेंज 15 किलोमीटर जबकि ऑटोनॉमस मोड रेंज 30 किलोमीटर है.
#WATCH | The first indigenous Loitering Munition, Nagastra–1, developed by Solar Industries, Nagpur, has been delivered to the Indian Army
Nagastra -1, in a 'kamikaze mode' can neutralize any hostile threat with GPS-enabled precision strike with an accuracy of 2m. The… pic.twitter.com/kWeehBMGvW
— ANI (@ANI) June 14, 2024
इन खूबियों के अलावा नागास्त्र-1 एक इलेक्ट्रिक यूएवी है. इसमें मैन-पोर्टेबल फिक्स्ड-विंग हैं, जिनका वजन 9 किलोग्राम है. इसका इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन सिस्टम उड़ान के दौरान कम आवाज करता है. यही वजह है कि 200 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर दुश्मन इसे नहीं पहचान पाता. मतलब ये हुआ कि भविष्य में एयर स्ट्राइक के लिए फाइटर जेट्स की जरूरत नहीं होगी. इसमें डे-नाइट कैमरे भी लगे हुए हैं. इसे टोही हथियार के रूप में भी काम में लिया जा सकता है.
यहां देखें- नागास्त्र-1 ने कैसे किया टारगेट को हिट
'Nagastra-1' loitering munition developed indigenously by #SolarIndustries was live demonstrated at the Infantry Commanders’ Conference today, 450 on order. pic.twitter.com/1XDHN9bSDk
— News IADN (@NewsIADN) November 15, 2023
यह अपने साथ एक किलोग्राम विस्फोटक ले जा सकता है. इसके विस्फोट से 20 मीटर का इलाका खत्म हो सकता है. इसमें रीयल टाइम वीडियो बनता है. यह ड्रोन उड़ान भरते हुए सीधे दुश्मन के टैंक, बंकर, बख्तरबंद वाहनों, हथियार डिपो या सैन्य समूहों पर घातक हमला कर सकता है. इस ड्रोन को ट्राईपॉड या हाथों से उड़ाया जा सकता है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर नागास्त्र के परीक्षण से जुड़ा एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें आप देख सकते हैं कि कैसे ये ड्रोन दुश्मन के इलाके में हमला कर सकेगा.
Source : News Nation Bureau