Infosys Visa: भारत के अरबपति बिजनेसमैन नारायण मूर्ति को तगड़ा झटका लगा है. उनके टेक कंपनी इंफोसिस पर अमेरिका में 283 करोड़ रुपये का भारी-भरकम जुर्माना लगाया गया है. आरोप हैं कि इंफोसिस अेरिका में इमिग्रेशन फ्रॉड (Immigration Fraud) के सबसे बड़े मामले में लिप्त है. हालांकि अब कंपनी इस पूरे मामले से निपटने में जुटी हुई है. ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर ये पूरा मामला क्या है, जिससे चलते इंफोसिस पर इतना तगड़ा जुर्माना ठोका गया है.
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इंफोसिस पर क्या है आरोप
इंफोसिस पर आरोप है कि कंपनी ने सिस्टेमिक विजा फ्रॉड (Systemic Visa Fraud) और यूएस इमिग्रेशन सिस्टम का दुरुपयोग किया है. कंपनी ने ये फ्रॉड अनुचित लाभ कमाने के लिए किया. आरोपों के अनुसार, इंफोसिस ने अपने कर्मचारियों को H-1B Visa के बजाय B-1 विजिटर वीजा जारी करके अमेरिकी वीजा नियमों का उल्लंघन किया. कंपनी ने सख्त वेतन नियमों और इमिग्रेशन आवश्यकताओं को दरकिनार किया. ये सब कंपनी ने लेबर कॉस्ट (Labour Costs) को कम अनुचित लाभ कमाया.
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आरोपों पर इंफोसिस का रूख
इंफोसिस के खिलाफ लगे आरोपों में आगे दावा किया गया है कि कंपनी ने वीजा नियमों का घोर दुरुपयोग किया है. ऐसा कर कंपनी ने फेयर लेबर प्रैक्टिस (fair labour practice) और यूएस इमिग्रेशन सिस्टम की अखडंता को कमजोर किया है. इंफोसिस ने अपने खिलाफ 238 करोड़ रुपये के मुकदमे पर सहमति जताई और भविष्य में इमिग्रेशन कानूनों के उल्लंघन को रोकने और वीजा प्रणाली को पारदर्शिता के साथ अपनाने की प्रतिबद्धतता को दोहराया है. हालांकि, कंपनी ने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों के लिए दायित्व स्वीकार नहीं किया है.
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