Rajouri Attack: जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) की जमीन एक बार फिर आतंकियों (Terrorist) की नापाक हरकतों से लाल हुई है. राजौरी जिले में हुए आतंकी हमले में सेना के चार जवान शहीद हो गए हैं. इस हमले ने एक बार फिर सीमा पार से हो रहे आतंकी हमलों से दहशत का माहौल बनाने की कोशिश की है. इस हमले ने पुलवामा अटैक के जख्म भी हरे कर दिए हैं. हालांकि आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है और इन आतंकियों को ढूंढने के लिए भी सुरक्षाबल के जवानों ने चारों तरफ से इलाके को घेर लिया है.
सेना के जवानों पर यह हमला इतना आसान नहीं था. इसके लिए आतंकियों ने लंबी रेकी की और घात लगाकर अपनी योजना को अंजाम दिया. इन आतंकियों ने छिपकर जवानों पर ना सिर्फ हमला किया बल्कि उनके हथियार तक ले भागे. आतंकियों के हमले ने चार जवानों ने अपनी जान की बाजी लगा दी और देश के लिए प्राण त्याग दिए. आइए जानते हैं कि राजौरी अटैक की इनसाइड स्टोरी.
ये है राजौरी अटैक की इन साइड स्टोरी
अपनी रेगुलर गश्त के लिए सुरक्षाबलों के कुछ जवान दो वाहनों में पुंछ के सुरनकोट की ओर से बढ़ रहे थे. लेकिन उन्हें नहीं पता था कि जिस रास्ते वो निकल पड़े हैं वहां पर आतंकी घात लगाकर उनका इंतजार कर रहे हैं. दरअसल सुरक्षाबल के जवानों को पुंछ इलाके में कुछ आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी, लिहाजा वह अपने जवाबी कार्रवाई के लिए आगे बढ़ रहे थे.
शाम करीब चार बजे के आस-पास जब इन सुरक्षाबलों के कुछ जवानों वाला एक ट्रक और एक जीप रास्ते से गुजर रही थी, उसी दौरान आतंकियों ने ढेरा इलाके की एक गली में ताबड़तोड़ गोलीबारी शुरू कर दी. गोलीबारी के बीच जवानों भी आतंकियों पर जवाबी फायरिंग शुरू कर दी.
दरअसल राजौरी स्थित मंडी के डीकेजी जंगलों में आतंकियों को खदेड़ने के लिए ऑपरेशन जारी है. इसी ऑपरेशन के तहत सुरक्षाबलों के जवानों जंगलों को कॉर्डन किया है ताकि आतंकी यहां से भाग ना सकें. बताया जा रहा है आतंकी इसी वजह से ज्यादा बौखलाए हुए हैं. ऐसे में उन्होंने घात लगाकर सेना के टुकड़ी पर ही हमला बोल दिया.
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इस हमले का सेना के जवानों ने भी मुंहतोड़ जवाब दिया. बताया जा रहा है कि चार आतंकियो को ये पहले से ही पता था कि इस रास्ते से सेना की टुकड़ी गुजरने वाली है. जंगलों में चल रहे ऑपरेशन के बीच ये जवान उन्हें सपोर्ट देने जा रहे थे. सेना की भाषा में इसे रइंफोर्समेंट कहा जाता है. लेकिन ढेरा के बफ्लियाज रोड पर ही आतंकियों ने सेना के वाहनों पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर डाली. जवाबी कार्रवाई में सेना के चार जवान शहीद हो गए. बताया जा रहा है कि आतंकी जवानों के हथियार भी ले भागे.
किसने ली हमले की जिम्मेदारी
इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंच यानी PAFF ने ली है. बता दें कि हमले की जगह से दो जवानों के शव बुरी हालत में मिले हैं. वहीं सड़क पर ही हेमलेट के साथ-साथ वाहनों के टूटे हुए शीशे भी बिखरे दिखाई दिए. इनके वीडियो और तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर सामने आई हैं.
एक बार फिर शुरू हुआ महाऑपरेशन
आतंकियों की इन नापाक हरकत के बाद सेना के जवानों ने शुक्रवार को एक बार फिर आतंकियों के खिलाफ महाऑपरेशन शुरू कर दिया है. बताया जा रहा है कि हमले के बाद आतंकी जिस रास्ते भागे हैं उस इलाके को चारों ओर से घेर लिया गया है. घरों में सर्च ऑपरेशन भी जारी है. किसी भी वक्त इन आतंकियों का खात्मा भी कर दिया जाएगा.
दो वर्ष में 30 से ज्यादा जवान शहीद
बीते दो वर्षों के दौरान राजौरी और पुंछ सेक्टर में हुए आतंकी हमलों में 34 जवान शहीद हो चुके हैं. 11 अक्टूबर 2021 सुरनकोट में ही एक जेएसओ समेत पांच जवान शहीद हुए थे. इसके बाद 14 तारीख को इसी वर्ष मेंढर में चार जवान शहीद हुए, वहीं वर्ष 2022 में ही कुल 16 जवान शहीद हुए हैं. जबकि 2023 में अब तक करीब 10 जवान शहीद हो चुके हैं.
HIGHLIGHTS
- आतंकी हमले से एक बार फिर कांपी घाटी
- जम्मू-कश्मीर के राजौरी में आतंकियों की नापाक हरकत
- घात लगाकर कर रहे थे सेना के जवानों का इंतजार, फिर कर दिया ताबड़तोड़ हमला