बिहार के आईजीपी (पुलिस महानिरीक्षक) अमित लोढ़ा दो कारणों से सुर्खियों में हैं. पहला, नेटफ्लिक्स की बहुचर्चित वेब सीरीज 'खाकी: द बिहार चैप्टर' का कथानक उनके जीवन और किताब 'बिहार डायरीज' से प्रेरणा लेकर गढ़ा गया है. दूसरा, बिहार की विशेष सतर्कता ईकाई ने कथित रूप से 'खाकी' के लिए पैसे लेने के आरोप पर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया है. सतर्कता ईकाई का कहना है वह अभी भी एक सेवारत आईपीएस अधिकारी हैं, कोई स्थापित लेखक नहीं हैं. ऐसे में वह वेब सीरीज के लिए किसी फर्म के साथ कोई करार नहीं कर सकते. अमित लोढ़ा पर सौदे के तहत 12,372 लेने का आरोप है, जबकि उनकी पत्नी कौमिदी के खाते में इस सौदे के तहत 38.25 लाख रुपये जमा किए गए. प्राथमिकी में कहा गया है कि अवैध रूप से अर्जित धन के लेन-देन को सुविधाजनक बनाने के लिए फर्म और कौमिदी के बीच समझौता हुआ था. अमित लोढा ने इन आरोपों के बाद ट्वीट किया, 'कभी-कभी जीवन आपके सामने सबसे कठिन चुनौतियों को लेकर आता है, खासकर जब आप सही होते हैं. ऐसे कठिन चुनौती भरे समय के दौरान ही आपके चरित्र की असल ताकत सामने आती है. इन चुनौतियों से पार पाकर कठिन हालातों पर विजयी होने के लिए आपकी प्रार्थना और समर्थन की आवश्यकता है.'
अमित लोढ़ा से जुड़ी 10 बातें
- जयपुर में जन्मे अमित लोढ़ा ने आईआईटी दिल्ली में पढ़ाई की. सबसे बड़ी बात उन्होंने पहले ही प्रयास में आईआईटी की प्रवेश परीक्षा पास कर ली थी.
- हालांकि उन्होंने एक साक्षात्कार में स्वीकार किया था उनका आईआईटी का अनुभव सुखद नहीं रहा. उन्होंने कहा कि वह आईआईटी के दौरा एक हीन भावना से पीड़ित होने लगे, क्योंकि उन्हें इस उच्च शिक्षण संस्थान के खांचे में फिट होना मुश्किल लगता था.
- आईआईटी जीवन की बेचैनी ने उन्हें यूपीएससी परीक्षा में बैठने के लिए प्रेरित किया और 1988 में वह आईपीएस अधिकारी बन गए.
- लोगों से जुड़ाव की वजह से अमित लोढ़ा जल्द ही एक नामी आईपीएस बन गए, क्योंकि उनकी पहली पोस्टिंग गृह राज्य राजस्थान में हुई थी. वहां लोगों से सीधे जुड़ाव के लिए उन्होंने अपना लैंडलाइन नंबर जारी कर दिया था. इसपर आने वाली शिकायतों का वह त्वरित निस्तारण सुनिश्चित कराते थे.
- इसके बाद अमित लोढ़ा को बिहार पोस्टिंग पर आना पड़ा. ताजा मामले के वक्त वे मगध आईजी थे.
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- शेखपुरा के गब्बर सिंह के मामले ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बख्शी. अमित लोढ़ा ने कुख्यात महतो गैंग यानी पिंटू महतो और अशोक महतो को पकड़ने में सफलता हासिल की थी. महतो गैंग पर दो पुलिस वालों की हत्या कर जेल से भागने समेत तमाम केस दर्ज थे. महतो गैंग पर कुल 15 हत्याओं का मामला दर्ज था.
- अमित लोढ़ा को कई ऑपरेशनों को सफलतापूर्वक अंजाम तक पहुंचाने के लिए के लिए राष्ट्रपति की ओरसे प्रतिष्ठित पुलिस पदक, वीरता के लिए पुलिस पदक और आंतरिक सुरक्षा पदक से सम्मानित किया जा चुका है.
- वर्तमान में 48 वर्षीय आईपीएस अधिकारी बिहार के आईजीपी (पुलिस महानिरीक्षक) पद पर तैनात थे, दब उन्हें भ्रष्टाचार के मामले में सस्पेंड किया गया.
- अमित लोढ़ा की 2018 में प्रकाशित पहली किताब 'बिहार डायरीज'' एक कुख्यात गिरोह का पीछा करने और फिर उसे पकड़ने की पृष्ठभूमि पर केंद्रित थी. हालांकि उन्होंने अपनी किताब में महतो गैंग का नाम नहीं लिया. यही किताब नेटफ्लिक्स की वेब सीरीज 'खाकीः द बिहार चैप्टर' की प्रेरणा बनी.
- अमित लोढ़ा की 2021 में प्रकाशित दूसरी किताब 'लाइफ इन यूनिफार्म' उनके जीवन के उस सफर को सामने लाती है, जो उन्होंने एक इंजीनियर से आईपीएस बनने तक तय किया.
HIGHLIGHTS
- अमित लोढ़ा पर पुलिस सेवा में रहते हुए व्यावसायिक कमाई का आरोप
- स्पेशल विजिलेंस यूनिट ने आरोपों को सही पाने के बाद दर्ज किया केस
- आईपीसी की धारा 120बी और 168 के तहत अमित पर दर्ज हुआ केस