Iran-Israel conflict: ईरानी हमले के बाद इजरायल का गुस्सा सातवें आसमान पर है. इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान को बड़ी धमकी दी है. उन्होंने कहा कि ईरान ने बड़ी गलती की है और उसे इसकी कीमत चुकानी पडेगी. इजरायल, लेबनान, सीरिया और ईरान के तनाव के बीच अमेरिकी मीडिया ने बड़ा दावा किया है. रिपोर्ट के मुताबिक इजरायल जल्द ही ईरान पर बड़ा हमला कर सकता है. इजरायल ईरान की आर्थिक रूप से कमर तोड़ने की तैयारी में है. दावा किया जा रहा है कि इजरायल ईरान की तेल रिफाइनरियों और न्यूक्लियर प्रोजेक्ट्स को निशाना बना सकता है. ऐसे में सवाल ये है कि अगर दोनों इजरायल-ईरान के बीच संघर्ष बढ़ता है तो इसका भारत पर क्या असर (Iran-Israel conflict war impact on India) पड़ेगा.
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अब क्या है इजरायल का प्लान?
इजरायल बदले की आग में जल रहा है. वो ईरान को ऐसी चोट पहुंचाने की तैयारी में है कि जिससे वो कभी उभर न सके. इजरायल अच्छे जानता है कि ईरान की अर्थव्यवस्था बड़े पैमाने पर तेल रिफाइनरियों पर टिकी हुई है. रिपोर्ट हैं कि अब इजरायल ईरान के इन्हें तेल के डिपो को टारगेट कर सकता है. साथ ही इजरायल की नजर ईरान के परमाणु प्रोजेक्ट्स पर भी है. ऐसी कायसें लगाई जा रही हैं कि इजरायल ईरान के परमाणु प्रोजेक्ट्स को जमीदोंज कर सकता है. अगर ऐसा हुआ तो ईरान (Israel Iran News) में जबरदस्त तबाई मचना तय है.
हमले को लेकर भारत ने जताई चिंता
ईरान ने जिस तरह से मंगलवार रात इजरायल पर एक, दो या तीन बल्कि लगभग 180 मिसाइलें दागीं, उससे दुनिया का हर देश हैरान रह गया. भारत ने भी ईरान के इस पहले पर चिंता जताई. विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि, ‘ईरान के इजरायल पर किए गए हमले को लेकर 'बहुत चिंतित' हैं. दोनों पक्षों से संयम बरतने, नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने और सभी मुद्दों का समाधान बातचीत और कूटनीति के जरिए से निकाले जाने का आवाहन किया गया.’
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युद्ध बढ़ा तो भारत पर क्या पड़ेगा असर?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि इजरायल-ईरान संघर्ष का भारत पर अल्पावधि में कोई असर नहीं पड़ेगा. इसकी वजह है कि मौजूदा स्थिति में भारत काफी मजबूत स्थिति में है. भारत के पास किसी भी झटके से निपटने के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है. हालांक, लंबे समय तक संघर्ष चलने की स्थिति में भारत पर इसका असर पड़ सकता है. ईरान पर हमला होने से वैश्विक बाजार में तेल की कीमतें बढ़ सकती हैं, जिससे भारत में उद्योगों पर असर पड़ सकता है, लेकिन जब तक घरेलू कारक मजबूत रहेंगे तब तक भारत की स्थिति मजबूत बनी रहेगी. अगर भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में अस्थिरता आती है तो भारत पर इस संघर्ष का असर पड़ सकता है.
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