किसी भी सभ्य समाज में हर घटना-दुर्घटना के जिम्मेदार को कानून के तहत सजा देने का प्रावधान है. हत्या, लूट बलात्कार के लिए कानूनी धारओं के तहत सजा देने का नियम है, लेकिन कुछ आपराधिक घटनाएं ऐसी होती हैं जिसमें कोई व्यक्तिगत रूप से शामिल नहीं होता है, ऐसे में विभाग का प्रमुख या स्थानीय स्तर पर दुर्घटना के लिए जिम्मेदार को चिंहिंत कर सजा देने का नियम है. लेकिन कुछ दुर्घटनाएं ऐसी होतेी हैं, जिस पर कहा जाता है, इस पर मनुष्य का वश नहीं है. यह ईश्वरीय कृत्य है.
गुजरात में मोरबी पुल के ढह जाने से अब तक 130 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. गुजरात सरकार ने कुछ छोटे स्तर के अधिकारियों और पुल के चौकीदारों को गिरफ्तार किया है. कई लोग इस बात पर बहस कर रहे हैं कि क्या यह दुर्घटना मानवीय भूल से हुई या यह एक अपरिहार्य घटना थी, जो कि मनुष्यों के नियंत्रण में नहीं है.
कई लोग गुजरात पुल के ढहने को 'ईश्वर का कार्य' (Act of God) कह रहे हैं, जबकि अन्य इसे ब्रिटिश काल के पुल के जीर्णोद्धार में शामिल अधिकारियों की गलती बता रहे हैं. यहां आपको ईश्वरीय कृत्य संबंधित कानून (Act of God clause) के कानूनी शब्द अधिनियम के बारे में जानने की जरूरत है.
एक्ट ऑफ गॉड क्लॉज क्या है?
एक्ट ऑफ गॉड एक प्राकृतिक घटना का वर्णन करने के लिए बीमा कंपनियों और कानूनी शब्दजाल में इस्तेमाल किया जाने वाला एक वाक्यांश है, जो मानवीय कार्यों के नियंत्रण से बाहर है. जब कानूनी उपयोग की बात आती है, तो ईश्वर के कार्य को एक प्राकृतिक आपदा के रूप में वर्णित किया जाता है, जिसके लिए किसी व्यक्ति को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है.
परिभाषा के अनुसार, ईश्वर कृत्य एक ऐसे दुर्घटना या घटना कहा जा सकता है जो बिना किसी मानवीय क्रिया या इरादे के होती है, जैसे कि बवंडर, भूकंप या सुनामी. यह खंड बीमा अनुबंध जैसे अनुबंधों में देयता (liability) के अपवाद के रूप में हो सकता है.
कई देशों के कानूनों के अनुसार, किसी भी घटना को ईश्वर का कार्य माना जा सकता है यदि इसमें कोई मानवीय एजेंसी शामिल नहीं है, वास्तविक रूप से बचाव करना संभव नहीं है, और किसी भी दूरदर्शिता, योजनाओं और देखभाल से रोका नहीं जा सकता है.
बीमा एजेंसियों द्वारा एक्ट ऑफ गॉड क्लॉज का इस्तेमाल
एक्ट ऑफ गॉड क्लॉज का इस्तेमाल बीमा एजेंसियों द्वारा कई मामलों में किया जाता है. जब ईश्वरीय कृत्यों की बात आती है तो कई बीमा खंड उनके कवरेज के बारे में बहुत विशिष्ट होते हैं. कुछ बीमा कंपनियां ईश्वरीय कृत्य के कारण हुए नुकसान को कवर नहीं करती हैं.
ईश्वरीय कृत्य के संबंध में हर देश में अलग-अलग कानून
हर देश में ईश्वरीय कृत्य के संबंध में कानून अलग-अलग हैं, जबकि कुछ देश इस शब्द को पूरी तरह से मान्यता नहीं देते हैं. यह बहस तब छिड़ गई जब विपक्ष ने मोरबी की घटना को "धोखाधड़ी का कार्य" करार दिया, जबकि कई लोगों ने कहा कि भारत में पुलों और सड़कों का नष्ट होना जलवायु और ईश्वरीय कृत्य के कारण होता है.
HIGHLIGHTS
- ईश्वर कृत्य ऐसी दुर्घटना है जो बिना किसी मानवीय क्रिया या इरादे के होती है
- हर देश में ईश्वरीय कृत्य के संबंध में कानून अलग-अलग हैं
- मोरबी की दुर्घटना ईश्वरीय कृत्य नहीं मानवीय दुर्घटना है
Source : Pradeep Singh