Israel-iran proxy war: मिडिल ईस्ट में इजरायल कई दुश्मनों से घिरा हुआ है. वह हमास, हिजबुल्लाह, हूती और इनके आका ईरान के कई मौर्चों पर छक्के छुड़ा रहा है. इजरायल की ताकत का अंदाजा उसकी ओर से कई मोर्चों पर लड़ाई से लगाया जा सकता है. लेकिन इसके पीछे ना सिर्फ इजरायल की खुद की ताकत है, बल्कि उसे सुपरपावर अमेरिका के साथ ही नाटो देशों का भी साथ मिल हुआ है. इजरायल को अमेरिका समेत नाटो देशों से नैतिक समर्थन तो हासिल है ही, साथ ही बड़े पैमाने पर खतरनाक जंगी साजो-सामान भी मिल रहे हैं, जिसके दम पर इजरायल ने पूरे मिडिल ईस्ट को अपने इशारों पर नचा रखा है.
हिजबुल्लाह चीफ को किया ढेर
एक हफ्ते पहले ही इजरायल ने लेबनान की राजधानी बेरूत में घुस कर हिजबुल्लाह चीफ रहे हसन नसरल्लाह (Hassan Nasrallah) की कब्र खोद डाली थी. बेरूत में ऊंची इमारतों के एक पूरे ब्लॉक को अमेरिकी बंकर बस्टर बम और अमेरिकी विमान एफ-15 का इस्तेमाल करके ही ध्वस्त कर दिया गया था, जिसके तहखाने में 60 फीट नीचे छिपे नसरल्लाह को जिंदा दफन कर दिया था. इसके लिए इजरायल ने अपने 8 विमानों को 2,000 पाउंड के बमों से लैस किया था, जिन्होंने इस मिशन को अंजाम दिया था.
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कितने खतरनाक ये अमेरिकी बम
इजरायल ने जंग में 2000 पाउंड यानी करीब 900 किलो वजनी बंकर बस्टर बम (Bunker Buster Bomb) का खूब इस्तेमाल कर रहा है. इनमें BLU-109 और MK84 बम शामिल हैं, अमेरिका समेत कई पश्चिमी देश ऐसे खतरनाक बम बनाते हैं. इजरायल की तरफ से इसकी बड़ी खेप की डिमांड अमेरिका को की गई है. हालांकि, मानवाधिकार के नाम पर बाइडेन प्रशासन ने पिछले 4 महीने से इस डिमांड पर चुप्पी साध रखी है, लेकिन बमों की ये खेप जल्द इजरायल भेजे जाने को लेकर अंदरखाने लॉबिंग बेहद तेज हो गई है.
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US से इजरायल को मिल रहे हथियार
इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि लेबनान में अभी चल रहे इजरायल के ग्राउंड ऑपरेशन में भी गाजा जैसी सुरंगे मिल रही हैं, जिन्हें नेस्तनाबूद करने के लिए बड़े पैमाने पर बंकर बस्टर बम चाहिए, जबकि पहले से ही अमेरिका ने मिडिल ईस्ट में बारूद की ढेर लगा रखी है. इजरायल पर ईरान का हमला होते ही अमेरिका ने सैकड़ों फाइटर जेट्स भेजे. इसी साल अप्रैल में इजरायली सैन्य ठिकानों पर हुए ईरान के जवाबी हमले के दौरान भी अमेरिका ने इजरायल को तुरंत 240 फाइटर जेट्स उपलब्ध कराए थे.
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अमेरिका के अलावा फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी और इटली जैसे देश भी इजरायल को सपोर्ट कर रहे हैं. इजरायल तकनीक और मिलिट्री पावर दोनों में बेहद एडवांस है और अपने पड़ोसी मुल्कों से बहुत आगे है. हाल ही में लेबनान में पेजर और वॉकी-टॉकी के सिलसिलेवार अटैक कर उसने ये जता भी दिया है, जिसकी तकनीक पर भौंचकी रह गई दुनिया आज भी रिसर्च ही कर रही है. इतना सक्षम होने के बावजूद दुनिया की कई बड़ी शक्तियां इजरायल के साथ हैं, यही वजह है कि दुश्मनों से घिरे इजरायल पर इसका जरा भी असर नहीं, बड़े हौसले से वो सबकी खबर ले रहा है.
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