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China Pakistan के कब्जे में भारत की कितनी जमीन? जानिए सदन में क्या बोले एस जयशंकर, ड्रैगन को दिया ये संदेश

Jaishankar On China: LAC पर मौजूदा हालातों को लेकर विदेश मंत्री जयशंकर ने राज्यसभा को अवगत कराया है. उन्होंने अपने संबोधन के दौरान बताया कि भारत की कितनी जमीन चीन-पाकिस्तान के कब्जे में है.

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Ajay Bhartia
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Jaishankar on China

China Pakistan के कब्जे में भारत की कितनी जमीन? जानिए सदन में क्या बोले एस जयशंकर, ड्रैगन को दिया ये संदेश

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China Pakistan and India: भारत-चीन संबंधों और लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर मौजूदा हालातों से विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा को अवगत कराया. जयशंकर ने कहा कि 2020 से भारत के चीन के साथ संबंध असामान्य रहे हैं, लेकिन अभी इनमें सुधार आया है. सीमा पर शांति बहाल रहे इसको लेकर चीन से लगातार बातचीत जारी है. इस दौरान जयशंकर ने ये भी सदन को बताया कि भारत की कितनी जमीन चीन और पाकिस्तान के कब्जे में है. साथ ही उन्होंने सदन से चीन को कड़ा संदेश दिया.

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कब्जे में कितनी भारतीय जमीन   

विदेश मंत्री जयशंकर ने राज्यसभा को बताया कि, ‘सदन इस तथ्य से अवगत है कि 1962 के संघर्षों और उससे पहले की घटना के परिणामस्वरूप चीन अक्साई चिन में 38,000 वर्ग किमी भारतीय क्षेत्र पर अवैध कब्जा किए हुए है. इसके अलावा, पाकिस्तान ने 1963 में अवैध रूप से 5,180 वर्ग किमी भारतीय क्षेत्र चीन को सौंप दिया, जो 1948 से उसके कब्जे में है.’ जयशंकर सदन को जब इस बारे में बता रहे थे, तब सभी सांसद उनकी बातों को गौर से सुन रहे थे.

यहां सुनें- विदेश मंत्री जयशंकर का बयान 

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कैसे वापस मिलेगी भारतीय जमीन

जयशंकर ने आगे कहा कि, ‘सीमा मुद्दे को सुलझाने के लिए कई दशकों तक बातचीत की है, फिर भी कुछ क्षेत्रों को लेकर आम सहमति नहीं बन पाई है. सीमा विवाद के समाधान के लिए निष्पक्ष, उचित और पारस्परिक द्विपक्षीय वार्ता की गईं. हम चीन के साथ बातचीत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.’ साथ ही उन्होंने अप्रैल-मई 2020 में पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ टकराव के बारे में भी सदन को बताया. इसके कारण सीमा पर पेट्रोलिंग एक्टिविटीज में प्रभावित हुई थीं, लेकिन अब इस दिशा में सार्थक हुआ है.

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चीन को दिया ये कड़ा संदेश

विदेश मंत्री जयशंकर ने राज्यसभा से चीन को भी कड़ा संदेश दिया. सरकार की प्राथमिकता अब एलएसी पर तैनात सैनिकों की संख्या कम किए जाने पर ताकि तनाव कम हो सके. उन्होंने कहा, हम बहुत स्पष्ट हैं कि सभी परिस्थितियों में 3 प्रमुख सिद्धांतों का पालन किया जाना चाहिए. एक, दोनों पक्षों को एलएसी का सख्ती से सम्मान और पालन करना चाहिए. दो, किसी भी पक्ष को यथास्थिति को एकतरफा बदलने का प्रयास नहीं करना चाहिए और तीन, अतीत में किए गए समझौतों और समझ का पूरी तरह से पालन किया जाना चाहिए.

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