JK Election 2024: इंजीनियर से बारामूला के बाजीगर बने शेख अब्दुल रशीद को लेकर जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में जबरदस्त चर्चा हैं. अंतरिम बेल पर तिहाड़ से बाहर आए इंजीनियर रशीद की रिहाई क्या हुई? नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी जैसी मेनस्ट्रीम पार्टियों को इसमें बीजेपी का खेला दिखने लगा. घाटी में तेजी से सवाल कौंध रहे हैं कि आखिर इंजीनियर रशीद चुनाव में किसका गणित बिगाड़ेंगे.
चुनाव में उलटफेर करेगी API?
इंजीनियर रशीद ने सलाखों के पीछे से ही उमर अब्दुल्ला जैसे कद्दावर नेता को शिकस्त दी थी. तिहाड़ जेल से बारामूला सीट पर निर्दलीय लोकसभा चुनाव लड़ने और 2 लाख 4 हजार वोटों की मार्जिन से उमर अब्दुल्ला को हराने वाला लीडर अब बाहर आ गया है. ऐसे में सवाल है क्या वाकई इंजीनियर रशीद की पार्टी अवामी इत्तेहाद उलटफेर कर पाएगी.
इंजीनियर रशीद को चुनाव प्रचार के लिए जमानत मिलने के बाद ही विपक्षी दल चौकन्ने हो गए हैं, क्योंकि इसी बार इंजीनियर रशीद पूरी तैयारी के साथ चुनाव में उतरा है. उसकी पार्टी अवामी इत्तेहाद पार्टी के मुखिया इंजीनियर रशीद ने अपने 34 उम्मीदवार चुनाव में उतार रखे हैं और उनके डायरेक्ट निशाने पर कौन-कौन है.
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मैदान में उतरते ही इंजीनियर रशीद ने कश्मीर के दोनों बडे़ सियासी घरानों अब्दुल्ला और मुफ्ती के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. बारामूला में जिस तरह उसने शक्ति प्रदर्शन किया. कश्मीरी जज्बातों को हवा दी. उसने मेनस्ट्रीम पार्टियों के दिग्गजों की टेंशन बढ़ा दी. यही वजह है कि महबूबा मुफ्ती उसे बीजेपी की बी टीम बता रही है तो इंजीनियर रशीद से चुनाव हारने वाले उमर अब्दुल्ला चैलेंज से निपटने का दम भर रहे हैं.
रशीद ने 370 को बनाया हथियार
भड़काऊ एजेंडे के लिए कुख्यात इंजीनियर रशीद की घरवापसी होते ही बड़ा घमासान छिड़ गया है. उसने भी 370 को ही बड़ा हथियार बना रखा है. ठीक उसी तरह जिस तरह नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी जैसी मेनस्ट्रीम पार्टियों का कोर मुद्दा है. इंजीनियर रशीद ने अपनी जमीनी पॉलिटिक्स से मेन स्ट्रीम पार्टियों के धुरंधरों को खूब चौंकाया.
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2008 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने बतौर निर्दलीय उम्मीदवार महज 17 दिनों के चुनावी अभियान में पहली जीत दर्ज की थी और इसके बाद दूसरी जीत 2014 में नसीब हुई. कश्मीरी राजनीति के आज़ाद परिंदे के नाम से मशहूर इंजीनियर रशीद को 2019 के लोकसभा चुनाव में झटका लगा था. वो चुनाव हार गया था, लेकिन उसने भड़काऊ एजेंडा नहीं छोड़ा.
जब इंजीनियर रशीद पर लगे गंभीर आरोप
इन सबके बीच उस पर सबसे टेरर फंडिंग कनेक्शन होने के गंभीर आरोप लगे. 4 अक्टूबर 2019 को दायर एनआईए की दूसरी चार्जशीट में उसेे आरोपी बनाया गया था. उसके साथ यासीन मलिक, शब्बीर शाह, मसरत आलम और आसिया अंद्र जैसे आतंकियों के नाम थे. इन्हीं आरोपों के चलते 2019 में उसकी गिरफ्तारी हुई थी. तभी से तिहाड़ जेल में बंद था और सलाखों के अंदर बैठकर ही उसने कश्मीरी राजनीति में सिक्का मजबूत कर लिया था.
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