गुजरात (Gujarat) के गीर सोमनाथ में पुलिस ने एक महिला कार्यकर्ता काजल हिंदुस्तानी के खिलाफ कथित हेट स्पीच (Hate Speech) के मामले में एफआईआर दर्ज की है. इसके साथ ही 50 से अधिक लोगों को उना शहर में एक सांप्रदायिक झड़प (Communal Violence) के बाद दंगा करने के आरोप में हिरासत में लिया है. इस हिंसा में दो लोग घायल हुए थे. गुरुवार को रामनवमी (Ramnavmi) के अवसर पर एक कार्यक्रम में काजल हिंदुस्तानी के भाषण से उपजे तनाव के बीच उना शहर के एक संवेदनशील इलाके में शनिवार रात दो समूहों ने एक-दूसरे पर पथराव (Stone Pelting) कर दिया. बताया जा रहा है कि काजल हिंदुस्तानी ने अपने उकसावे वाले भाषण में अल्संख्यक (Minority) समुदाय को निशाना बनाया था, जिसकी परिणिति सांप्रदायिक हिंसा (Ramnavmi Violence) के रूप में सामने आई. कथित नफरत भरे भाषण के बाद से ही उना शहर में तनाव पसरा हुआ था. व्यापारियों द्वारा बाजार बंद रखने पर पुलिस और स्थानीय नेताओं ने शनिवार को शांति समिति की बैठक भी बुलाई थी, जिसमें दोनों समुदायों के प्रतिनिधि शामिल हुए थे. शांति समिति की इस बैठक के कुछ घंटे बाद ही सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील इलाके में झड़प हो गई. पुलिस अधीक्षक श्रीपाल शेषमा ने संवाददाताओं को बताया कि दो प्राथमिकी दर्ज की गई हैं. एक काजल हिंदुस्तानी के खिलाफ हेट स्पीच की और दूसरी भीड़ के खिलाफ है, जिसने दंगा किया.
काजल हिंदुस्तानी
इस फायरब्रांड कार्यकर्ता का असली नाम काजल शिंगला है. अपनी वेबसाइट पर नाम को लेकर खुलासा करती हैं कि राष्ट्रवादी दृष्टिकोण के अनुरूप हिंदुस्तानी को अपनाने के लिए उन्होंने अपना मूल उपनाम छोड़ दिया. काजल खुद को 'गुजरात की शेरनी' भी कहती हैं. काजल अपनी वेबसाइट पर खुद को एक युवा और गतिशील राष्ट्रवादी के रूप में वर्णित करती हैं, जो भारतीय संस्कृति और धर्म के बारे में जागरूकता फैलाने की दिशा में काम कर रही हैं. वह हिंदू मानवाधिकारों के लिए काम कर रही हैं. वह एक प्रसिद्ध राजनीतिक कार्यकर्ता हैं, जो हिंदू लड़कियों को जबरन धर्मांतरण से बचाने का काम भी करती हैं. वह फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर और क्लब हाउस पर भी खासी सक्रिय हैं. उन्हें हर उम्र के लोग फॉलो करते हैं. इसके जरिये अपने लाखों अनुयायियों के बीच वह संदेश फैलाने का काम करती हैं. वह नियमित रूप से टीवी बहसों में भाग लेती हैं और 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा की उपलब्धियों से लोगों को अवगत कराने का दावा करती हैं.
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उना और वड़ोदरा सांप्रदायिक हिंसा का कनेक्शन तो नहीं
रामनवमी के बाद हुई सांप्रदायिक हिंसा को लेकर पुलिस ने 50 से 60 लोगों को हिरासत में लिया है और सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं. पुलिस महकमे के आला अधिकारियों के मुताबिक सांप्रदायिक हिंसा की जांच में स्थानीय खुफिया जानकारी का उपयोग कर रहे हैं. साथ ही आगे की कार्रवाई के लिए हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ कर रहे हैं. आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. सभी इमरजेंसी कॉलों को तत्काल आधार पर निपटाया जा रहा है. इस मामले में अब तक उना में राज्य रिजर्व पुलिस बल (एसआरपीएफ) की दो टीमों को तैनात किया गया है. बताते हैं कि शांति समिति की बैठक में भाग लेने वाले दोनों समुदायों के नेता एक समाधान पर पहुंच चुके थे, लेकिन युवा पीढ़ी तक उनका संदेश नहीं पहुंचा. इस कारण पथराव की एक छोटी सी घटना ने सांप्रदायिक झड़प का रूप ले लिया. सांप्रदायिक झड़प के बाद पुलिस ने उना कस्बे में रात के दौरान तलाशी अभियान चलाया और कुछ घरों से तलवारें, लोहे की रॉड और ऐसी अन्य खतरनाक वस्तुएं जब्त कीं. इस बीच वडोदरा शहर में पुलिस ने शनिवार रात एक अन्य कार्यकर्ता रोहन शाह और कुछ अन्य लोगों को शहर में रामनवमी जुलूस के दौरान हेट स्पीच के आरोप में गिरफ्तार किया. उन पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153 (ए) (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 34 (सामूहिक इरादे) के तहत मामला दर्ज किया गया था. रोहन शाहविश्व हिंदू परिषद के स्थानीय नेता हैं. वडोदरा पुलिस के मुताबिक सांप्रदायिक वैमन्य फैलाने के इरादे से फेसबुक पर वीडियो पोस्ट करने के आरोप में मोहम्मद वोरा को भी गिरफ्तार किया गया है. वडोदरा में भी गुरुवार को रामनवमी के दो अलग-अलग जुलूसों पर पथराव के बाद दो समुदायों के लोग आपस में भिड़ गए. पुलिस ने यहां भी प्राथमिकी दर्ज कर दर्जनों लोगों को गिरफ्तार किया है.
HIGHLIGHTS
- वेबसाइट पर काजल खुद को गुजरात की शेरनी भी करार देती हैं
- काजल ने राष्ट्रवादी दृष्टिकोण के अनुरूप अपना मूल उपनाम छोड़ा
- खुद को युवा और गतिशील राष्ट्रवादी बताती हैं काजल हिंदुस्तानी