Advertisment

Karnataka Rice Row: चुनाव से पहले दूध तो अब चावल को लेकर मचा सियासी घमासान, जानें क्या है मामला

Karnataka Rice Row: कर्नाटक में खाने-पीने की चीजों पर बवाल कोई नया नहीं है, चुनाव से पहले जहां दूध पर सियासी उबाल आया था तो अब चावल पर जमकर बवाल मचा है.

author-image
Dheeraj Sharma
एडिट
New Update
Karnataka Rice Row

Karnataka Rice Row( Photo Credit : News Nation)

Advertisment

Karnataka Rice Row: देश के दक्षिण राज्य कर्नाटक में भले ही कांग्रेस ने सत्ता पर कब्जा जमा लिया हो, लेकिन विवादों का साथ चुनाव से पहले और चुनाव के बाद भी बना ही हुआ है. खास तौर पर कर्नाटक में सियासत का केंद्र खाने-पीने की चीजें बन रही हैं. पहले जहां दूध को लेकर चुनाव से पहले जमकर सियासी पारा हाई हुआ वहीं अब विधानसभा चुनाव के बाद चावल पर बवाल मचा हुआ है. बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही चावल को लेकर आमने सामने हैं. आइए जानते हैं आखिर क्या है पूरा मामला, क्यों चावल को लेकर कर्नाटक की राजनीति में इन दिनों उबाल आया हुआ है. 

क्या है चावल विवाद
दरअसल चुनाव से पहले ही कांग्रेस ने अपने चुनावी वादों में गरीबी रेखा से नीचे के परिवार के लोगों के 10 किलो चावल मुफ्त देने की घोषणा की थी. कांग्रेस ने कहा था कि जैसे ही हम सत्ता में आएंगे वैसे ही बीपीएल धारकों को अन्न की कमी नहीं होगी. इसी में 10 किलो चावल मुफ्त देने की बात भी शामिल थी. 

बीजेपी का क्या है सिद्दारमैया सरकार पर आरोप
भारतीय जनता पार्टी ने सत्ताधारी कांग्रेस और सिद्दारमैया सरकार पर तीखा हमला बोला है. बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस ने जनता के साथ वादा खिलाफी की है. 10 किलो चावल मुफ्त  देने का वादा अब तक कांग्रेस ने पूरा नहीं किया है. इसको लेकर बकायदा बीजेपी ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ प्रदर्शन भी किया. 

यह भी पढ़ें - Rajasthan Election: यूं आसान नहीं है पायलट को पार्टी से अलविदा कह देना, कांग्रेस भी कंफ्यूज

सिद्दारमैया सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने आरोप लगाया कि कांग्रेस हमेशा जनता को धोखा देने का काम करती आई है. अब बीपीएल धारकों के साथ भी छलावा किया जा रहा है. बता दें कि प्रदर्शन के दौरान पूर्व सीएम को हिरासत में भी लिया गया था. हालांकि बाद में उन्हें छोड़ दिया गया. 

कांग्रेस ने केंद्र पर साधा निशाना
मुफ्त चावल पर गर्माई सियासत के बीच कांग्रेस ने भी बीजेपी पर पलटवार किया. कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने चावल न दिए जाने के पीछे केंद्र सरकार को जिम्मेदार बता दिया. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि, हमारी सरकार ने गरीबों के लिअ अन्ना भाग्य योजना शुरू की थी, लेकिन केंद्र की ओर से इस योजना को लगातार बाधित किया जा रहा है. इस वजह से ही गरीबी रेखा के नीचे के लोगों को 10 किलो मुफ्त चावल देने में देरी हो रही है. 

यह भी पढ़ें - PM Modi US Visit: पीएम मोदी की मेहमान नवाजी में पकवान समेत क्या है व्हाइट हाउस की

सीएम सिद्दारमैया ने FCI को आड़े हाथों लिया
वहीं मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने भारती खाद्य निगम यानी FCI को आड़े हाथों लिया है. सीएम ने कहा कि, एफसीआई ने 12 जून तक 2.28 लाख मीट्रिक टन राइस मुहैया कराने का वादा किया था, लेकिन वादे के दो दिन बाद ही एफसीआई ने इससे इनकार कर दिया. 

FCI का क्या है कहना
खाद्य निगम की मानें तो मॉनसून गतिविधियों के चलते चावल और गेहूं की आपूर्ति बाधित हो जाती है. इसके साथ ही चवाल की ज्यादा बिक्री पहाड़ी राज्यों और कानून व्यवस्था का सामना कर रहे स्टेट्स, प्राकृतिक आपदाओं वाले राज्यों को प्राथमिकता पर दी जा रही है. यही नहीं निगम का कहना है कि एक साल के अंदर चावल के दामों में 10 प्रतिशत का इजाफा दर्ज किया गया है. ऐसे में अतिरिक्त चावल किसी भी राज्य को भेजना संभव नहीं है. 

बढ़े दाम चुकाने को तैयार कर्नाटक
वहीं मुख्यमंत्री की मानें तो कर्नाटक अतिरिक्त चावल के बढ़े दामों के साथ भुगतान को भी तैयार है. लेकिन केंद्र की ओर से जानबूझकर उन्हें समय पर चावल ही मुहैया नहीं करवाया जा रहा है. कुल मिलाकर सियासी घमासान के बीच योजनाएं और वादे पूरा ना होने से नुकसान सिर्फ जनता का ही हो रहा है.

HIGHLIGHTS

  • कर्नाटक में चावल पर सियासी तूफान 
  • चुनाव से पहले दूध पर आया था खूब उबाल
  • कांग्रेस और बीजेपी आमने सामने, लगाए एक दूसरे पर आरोप
DK Shivakumar Karnataka News siddaramaiah Karnataka Rice Row Karnataka Rice News CM Sidharamaiah
Advertisment
Advertisment