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Karnataka Elections: खड़गे का 'जहरीला सांप' बयान कहीं कांग्रेस पर ही न कर दे 'जहरीला' असर, कैसे समझें

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कर्नाटक में चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'जहरीला सांप' कहा और फिर बाद में उसकी लीपापोती की. इसके बाद भाजपा नेता तेजस्वी सूर्या ने इस बयान को कर्नाटक चुनाव में 'टर्निंग प्वाइंट' बताया.

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Nihar Saxena
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पीएम मोदी पर कांग्रेस के निजी हमले हमेशा पड़े हैं भारी.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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भारतीय जनता पार्टी सांसद (BJP) और भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या (Tejasvi Surya) ने दावा किया कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) का बयान कर्नाटक विधानसभा चुनाव (Karnataka Assembly Elections 2023) में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगा. वास्तव में तेजस्वी सूर्या कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) पर की गई टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसमें खड़गे ने 'मोदी एक जहरीले सांप की तरह' कहा था. गौरतलब है कि गुरुवार को मल्लिकार्जुन खड़गे ने कर्नाटक (Karnataka) के गडग में एक चुनाव प्रचार रैली के दौरान कहा था, 'मोदी एक जहरीले सांप की तरह है. अगर आपको लगता है कि यह जहर है या नहीं और आप इसे चाटते हैं, तो आप मर जाएंगे. आप सोच सकते हैं: क्या यह जहर है? मोदी एक अच्छे इंसान हैं. उन्होंने इसे दिया है और हम इसे चख कर देखेंगे. यदि आप इसे चाटते हैं तो आप पूरी तरह से सो रहे हैं.' आश्चर्य की बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ इस वक्त व्यक्तिगत हमले की जरूरत ही नहीं थी. वह भी ऐसे समय जब राजनीतिक पंडितों के मुताबिक आगामी कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस भाजपा पर बढ़त बनाए हुए है. एक नहीं बार-बार देखा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर व्यक्तिगत हमलों के बाद कांग्रेस (Congress) को कभी फायदा नहीं हुआ है.

कांग्रेस के पीएम मोदी पर निजी हमले

  • 2007 में कांग्रेस का 'मौत का सौदागर' हो या 2019 में 'चौकीदार चोर है' टिप्पणी हो, कांग्रेस पार्टी को मतदाताओं ने ऐसे निजी हमलों का कभी भी प्रतिसाद नहीं दिया है. 2007 में गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को भाजपा पर बढ़त हासिल थी. इसके बावजूद तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उस वक्त गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला और 2002 के गोधरा दंगों के संदर्भ में उन्हें 'मौत के सौदागर' कहा. मोदी ने इसका फायदा उठाया और बीजेपी गुजरात में प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में लौट आई.
  • इसके बाद नरेंद्र मोदी 2014 के आम चुनाव के लिए भाजपा के चुनाव अभियान का नेतृत्व कर रहे थे, जब कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने उनके खिलाफ 'चाय वाला' शब्द का इस्तेमाल किया. भाजपा ने 'चाय पे चर्चा' अभियान चलाकर इसका फायदा उठाया. नतीजतन भाजपा ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए को उखाड़ फेंका और केंद्र की सत्ता में आ गई.
  • 2017 में गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले खुद अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारने का जिम्मा फिर से मणिशंकर अय्यर ने संभाला. उन्होंने पीएम मोदी को 'नीच आदमी' कह डाला. मोदी जो तब प्रधानमंत्री थे ने अय्यर की टिप्पणी को जातिवादी गाली में बदल दिया और भाजपा के लिए सहानुभूति की लहर पैदा कर दी. गुजरात में बीजेपी की फिर सत्ता में वापसी हुई. 
  • इसी तरह 2019 के आम चुनाव प्रचार के दौरान तत्कालीन कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी ने पीएम मोदी के खिलाफ 'चौकीदार चोर है ' का सहारा लिया था. उन्होंने इसका इस्तेमाल राफेल सौदे का संदर्भ में किया था, जिसमें कांग्रेस ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. इस पर भाजपा ने 'मैं भी चौकीदार' अभियान के साथ राहुल के हमले का मुकाबला किया और भारी जीत के बाद सत्ता में लौट आई.
  • इस कड़ी में गुरुवार को मल्लिकार्जुन खड़गे की टिप्पणी पीएम मोदी के खिलाफ पहली टिप्पणी नहीं थी. उन्होंने 2022 में उन्हें 'रावण' कहा था. वह भी गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान, जिसे फिर से भाजपा ने जीत लिया.

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कर्नाटक चुनाव के बीच खड़गे की टिप्पणी 
मल्लिकार्जुन खड़गे की 'जहरीली सांप' टिप्पणी, जिसके लिए उन्होंने बाद में माफी मांगी, कई लोगों द्वारा पीएम मोदी के खिलाफ कांग्रेस द्वारा व्यक्तिगत हमलों की श्रृंखला के हिस्से के रूप में देखी गई है. हालांकि इसके समय ने कई लोगों को चौंका दिया, क्योंकि इस तरह के हमलों ने कभी भी कांग्रेस को चुनावी लाभ नहीं दिया. माना जाता है कि इससे कर्नाटकविधानसभा चुनाव में कांग्रेस की संभावना को नुकसान पहुंचा है. बीजेपी सांसद और बीजेपी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या शायद इसी बात का संकेत गुरुवार को दे रहे थे. उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, 'यह कर्नाटक चुनाव में एक महत्वपूर्ण मोड़ होगा. यहां के लोग किसी के खिलाफ व्यक्तिगत टिप्पणियों को स्वीकार नहीं करते हैं, हमारे सबसे प्यारे पीएम को छोड़ दें. बस इंतजार करें और देखें कि 10 मई को कांग्रेस के ताबूत पर आखिरी कील कैसे ठोकी जाएगी.'

HIGHLIGHTS

  • कांग्रेस के पीएम मोदी पर निजी हमले हमेशा से पड़े हैं भारी
  • अब खड़गे की टिप्पणी भी कर्नाटक में कहीं भारी न पड़ जाए
  • भाजपा नेता तेजस्वी सूर्या ने ट्वीट कर इसी बात के दिए संकेत

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