What is Sengol: देश में सेंगोल को लेकर एक बार फिर सियासी रार छिड़ गई है. समाजवादी पार्टी (सपा) ने संसद भवन से सेंगोल को हटाकर उसकी जगह पर संविधान की प्रति स्थापित करने की मांग की है. इसको लेकर सपा सांसद आर चौधरी ने इस बारे में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को एक पत्र लिखा है. सपा की मांग पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने पलटवार किया है और उस पर भारतीय संस्कृति का अनादर करने का आरोप लगाया है. इस सियासी घमासान के बीच, आइए जानते हैं कि सेंगोल क्या है, जिसे संसद से हटाने को लेकर सियासी रार छिड़ी हुई है.
सेंगोल पर क्यों छिड़ी सियासी रार?
18वीं लोकसभा में पहली बार राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु आज गुरुवार को संयुक्त सत्र को संबोधित करने के लिए संसद पहुंचीं. राष्ट्रपति मुर्मू के प्रवेश करते ही उनका नेतृत्व एक सेंगोल से किया गया. संसद का एक कर्मचारी सेंगोल लेकर उनके आगे लेकर चलता हुआ दिखता है. इस दौरान राष्ट्रपति मुर्मू के स्वागत के लिए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला मौजूद थे.
यहां देखें- संसद से राष्ट्रपति का वीडियो
#WATCH | President Droupadi Murmu leaves from Lok Sabha after concluding her address to a joint session of both Houses of the Parliament.
A Parliament official, carrying Sengol, leads the way. pic.twitter.com/wASuDWePCE
— ANI (@ANI) June 27, 2024
SP सांसद ने की सेंगोल को हटाने की मांग
सेंगोल को संसद से हटाने का मुद्दा सबसे सपा सांसद आरके चौधरी ने उठाया. उन्होंने कहा कि सेंगोल का अर्थ है राजदंड यानी राजा का डंडा. देश संविधान से चलता है राजा के डंडे से नहीं. संविधान को बचाने के लिए वे सेंगोल को हटाने की मांग करते हैं. उन्होंने संसद से सेंगोल को हटाने की मांग करते हुए कहा कि सेंगोल के स्थान पर संविधान की प्रति स्थापित करनी चाहिए क्योंकि, संविधान लोकतंत्र का प्रतीक है. इसको लेकर सपा सांसद ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने मांग की कि सेंगोल को संविधान की प्रति से बदला जाना चाहिए.
#WATCH | Samajwadi Party Lok Sabha MP RK Chaudhary says, "The Constitution is the symbol of democracy. In its previous tenure, the BJP govt under the leadership of PM Modi installed 'Sengol' in Parliament. 'Sengol' means 'Raj-Dand'. It also means 'Raja ka Danda'. After ending the… pic.twitter.com/LXM8iS0ssO
— ANI (@ANI) June 26, 2024
'देश संविधान से चलेगा या राजा की छड़ी से?'
आरके चौधरी ने कहा, 'संविधान को अपनाने से देश में लोकतंत्र की शुरुआत हुई और संविधान इसका प्रतीक है. बीजेपी सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी के बगल में सेंगोल स्थापित किया था. सेंगोल तमिल शब्द है जिसका अर्थ राजदंड होता है. राजदंड का अर्थ राजा की छड़ी भी होता है. राजाओं के युग के बाद हम आजाद हो गए हैं. अब, हर पुरुष और महिला जो एक योग्य मतदाता है, इस देश को चलाने के लिए सरकार चुनता है. तो क्या देश संविधान से चलेगा या राजा की छड़ी से?'
सेंगोल को लेकर किस-किस ने क्या-क्या कहा?
सपा सांसद आरके चौधरी की सेंगोल पर टिप्पणी पर विपक्षी सांसद एक जुट दिखे. INDIA ब्लॉक में शामिल आरजेडी सांसद मीसा भारती ने कहा, 'इसे हटा दिया जाना चाहिए क्योंकि यह एक लोकतांत्रिक देश है. सेंगोल को देश के म्यूजियम में रखा जाना चाहिए, जहां लोग आकर इसे देख सकें.'
#WATCH | On SP MP RK Chaudhary's remark on Sengol, RJD MP Misa Bharti says "It should be removed because it is a democratic country. The Sengol should be kept in the museum where people can come and see it..." pic.twitter.com/lFGRzZDzoZ
— ANI (@ANI) June 27, 2024
मीसा भारती के अलावा सपा सांसद अखिलेश यादव और आरजेडी सांसद मनोज झा ने आरके चौधरी की मांग का समर्थन किया.
क्या है सेंगोल?
- सेंगोल तमिल शब्द 'सेम्मई' (Semmai) से निकला है, जिसका अर्थ है धार्मिकता. चांदी और सोने की परत वाला राजदंड 5 फीट लंबा है, जिसके टॉप पर एक गोलाकार आकृति है, जिसमें एक बैल बना हुआ है. भारत के प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) के अनुसार बैल नंदी है - भगवान शिव का वाहन, और न्याय का प्रतीक है.
- सेंगोल को वुम्मिडी एथिराजुलु (Vummidi Ethirajulu) और वुम्मिडी सुधाकर (Vummidi Sudhakar) ने बनाया था. 1947 में वुम्मिडी बंगारू चेट्टी ज्वैलर्स (Vummidi Bangaru Chetty Jewellers) ने जवाहरलाल नेहरू को गिफ्ट करने के लिए इसका निर्माण किया था.
- सरकार के अनुसार, भारत के आखिरी गवर्नर जनरल सी राजगोपालाचारी ने तमिल मठ थिरुवदुथुरई अथेनम (Thiruvaduthurai Atheenam) से सेंगोल बनाने को कहा था. ताकि चोल राजवंश की रस्म की नकल करते हुए भारत की स्वतंत्रता के दिन उसे नेहरू को भेंट किया जाए. ऐसा सत्ता का हस्तांतरण के एक प्रतीक के रूप में किया जाता था. इसके बाद इसे इलाहाबाद संग्रहालय की नेहरू गैलरी में रखा गया, जहां इसे 'पंडित जवाहरलाल नेहरू को भेंट की गई स्वर्णिम छड़ी' के रूप में लेबल किया गया.
- सेंगोल को प्रधानमंत्री मोदी ने 28 मई, 2023 को नई संसद के उद्घाटन के लिए प्रतीक के रूप में अपनाने की मांग की. आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में 20 हिंदू पुजारियों की उपस्थिति में प्रधानमंत्री को राजदंड प्रदान किया गया. इसके बाद सेंगोल लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है.
#WATCH | On SP MP RK Chaudhary's 'Sengol' means 'Raja ka Danda' remark, BJP Spokesperson Shehzad Poonawalla says, "The Samajwadi Party has opposed Sengol in Parliament. It says that it is 'Raja ka Dand', if it was 'Raja ka Dand', why did Jawaharlal Nehru accept the Sengol? This… pic.twitter.com/gEB6Vyog7g
— ANI (@ANI) June 27, 2024
बीजेपी ने दिया करारा जवाब
सेंगोल हटाने की आरके चौधरी की मांग की बीजेपी ने कड़ी आलोचना की है. बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि समाजवादी पार्टी भारतीय और तमिल संस्कृति के अभिन्न अंग का अपमान करने पर तुली हुई है. उन्होंने सवाल किया कि अगर सेंगोल राजशाही का प्रतीक था, तो पहले प्रधानमंत्री नेहरू ने इसे क्यों स्वीकार किया? क्या वह उस प्रतीक और राजशाही को स्वीकार कर रहे थे.
#WATCH | On SP MP RK Chaudhary's remark on Sengol, Union Minister Chirag Paswan says, "It is beyond my understanding that the people of your area have chosen you for development work or to come here and do such controversial politics. The way such symbols have been tried to be… pic.twitter.com/NaToi28pMb
— ANI (@ANI) June 27, 2024
वहीं बीजेपी के एनडीए में सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के सांसद चिराग पासवान ने भी सपा सांसद की मांग पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकारों ने हमेशा ऐतिहासिक प्रतीकों को गलत तरीके से पेश करने का प्रयास किया है. उन्होंने कहा, 'ये लोग सकारात्मक राजनीति नहीं कर सकते… ये लोग केवल विभाजन की राजनीति करते हैं.
Source : News Nation Bureau