हालिया सुर्खियों में एक अमेरिकी स्थित संस्था इंडियन अमेरिकी मुस्लिम काउंसिल (IAMC) छाई हुई है. इसकी वजह संस्था की वेबसाइट और उसके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कंटेंट हैं. आईएएमसी हाल के समय में भारत (India) में सुर्खियों में तब आई, जब उसने भारतीय पत्रकारों को केंद्र में रख एक अभियान छेड़ा और उनसे आह्वान किया कि वे भारतीय मुसलमान (Muslims) और दलितों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ अपनी आवाज उठाएं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आईएएमसी ने एक विज्ञापन देकर उन पत्रकारों को ग्रांट देने का वादा किया है, जो भारत में 'मुसलमानों के नरसंहार' (Genocide) का मसला उठाते हुए देश के प्रतिष्ठित अखबारों और वेबसाइट पर लेख प्रकाशित करेंगे.
है क्या आईएएमसी
आईएएमसी वास्तव में एक भारत-अमेरिकी संगठन है जो अमेरिका से संचालित हो रहा है. वह अमेरिका में रह रहे भारतीय मुसलमानों के मुखपत्र बतौर खुद को पेश करता है और उसी के अनुरूप काम करता है. आईएएमसी भारत में बहुलतावाद और धार्मिक स्वतंत्रता का कथित तौर पर पैरोकार है. यद्यपि आईएएमसी की वेबसाइट और सोशल मीडिया पर उपलब्ध कंटेंट भारत में मुसलमानों और दलितों पर हुए अत्याचारों के प्रति 'जागरूकता' फैलाते नजर आते हैं. आईएएमसी ने इन घटनाओं को आवाज देने के तौर-तरीके सेअपनी वेबसाइट और सोशल मीडिया पर पेश किया है. इस लिहाज से देखें तो आईएएमसी का उद्देश्य दोषरहित लगता है, लेकिन भारत में तमाम लोगो इस संगठन को भारत विरोधी दुष्प्रचार और भ्रामक फर्जी समाचार फैलाने वाले संगठन बतौर देखते हैं.
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भारत में विवादास्पद क्यों है आईएएमसी
आईएएमसी संगठन भारत में हाल के दिनों में विवादों के केंद्र में तब घिरा, जब तमाम सोशल मीडिया यूजर्स ने संगठन पर भारत विरोधी भ्रामक और फर्जी खबरें प्रसारित करने का आरोप लगाया. भारतीय सोशल मीडिया यूजर्स का आरोप है कि संगठन ने आरोप लगाया है कि भारत में मुसलमानों और दलितों का नरसंहार हो रहा है. आईएएमसी की वेबसाइट के होमपेज पर एक टैब दिया गया है, जिस पर लिखा है 'भारतीय नरसंहार की खबरें', जहां भारत में मुसलमानों पर कथित अत्याचार से जुड़ी बातें हैं. संगठन ने इन घटनाओं को मुसलमानों के नरसंहार बतौर प्रस्तुत किया है. यही नहीं, भारत विरोधी साजिशों को रचने और अंजाम देने वाले संगठनों की जानकारियां भी आईएएमसी की वेबसाइट पर आसानी से उपलब्ध हैं. हाल ही में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारियों को भी भारत में मुसलमानों के दमन के तौर पर निरूपित किया गया है. भारत में कथित तौर पर मुसलमानों पर अत्याचार को आईएएमसी ने नरसंहार के तौर पर ही पेश किया है. खास बात यह है कि हर दूसरी खबर के शीर्षक के साथ 'नरसंहार' शब्द का इस्तेमाल किया गया है.
HIGHLIGHTS
- अमेरिका में रह रहे मुसलमानों के मुखपत्र बतौर खुद को पेश करता है आईएएमसी
- हाल ही में आईएएमसी ने पीएफआई पर प्रतिबंध को मुसलमानों का दमन बताया
- अमेरिकी संगठन का आरोप है कि भारत में मुस्लिमों और दलित पर हो रहा अत्याचार