Geetika Sharma Suicide Case: एयर होस्टेस गीतिका शर्मा सुसाइड केस में मंगलवार को दिल्ली की रॉउज एवेन्यू कोर्ट ने गोपाल कांडा को बरी कर दिया. कोर्ट को गोपाल कांडा खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं मिले. जिसका फायदा हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल गोयल कांडा को मिला. गीतिका शर्मा के आत्महत्या करने का ये मामले पूरे 11 साल तक चलता रहा. जिसमें गोपाल कांडा पर एयर होस्टेश को आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगा. इस मामले में गोपाल कांडा को 18 महीने जेल भी काटनी पड़ी. लेकिन मंगलवार को कोर्ट के स्पेशल जज विकास ढुल ने गोपाल कांडा और उनकी करीबी अरुणा चड्ढा को आरोप साबित न होने पर बरी कर दिया. कोर्ट का फैसला आने के बाद गीतिका शर्मा सुसाइड केस की फिर से चर्चा होने लगी.
जानिए क्या है गोपाल कांडा और गीतिका का पूरा मामला
बात 90 के दशक की है जब गोपाल गोयल कांडा ने हरियाणा के सिरसा में रेडियो रिपेयरिंग की दुकान खोली. उसके बाद उन्होंने अपने छोटे भाई के साथ मिलकर जूते-चप्पल बेचने की दुकान खोली. इस दुकान से कांडा ने खूब पैसा कमाया और जल्द ही उन्होंने खुद की जूता फैक्ट्री खोल ली. इसके बाद गोपाल कांडा ने अपना कारोबार बढ़ाना शुरु किया और रियल एस्टेट में किस्मत आजमाई. यहां से गोपाल कांडा ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और वह राजनीति में भी सक्रिय होने लगे. इसी दौरान वह विधायक बन गए.
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विधायक बनने के बाद उन्हें हरियाणा सरकार में मंत्री बनाया गया. विजय माल्या की लाइफस्टाइल को पसंद करने वाले गोपाल ने 2008 में एक एयरलाइंस की शुरूआत की. जिसका नाम था MDLR जो उनके पिता के नाम मुरलीधर लेखा राम के नाम पर था. लेकिन अगले ही साल कांडा की एयरलाइंस विवादों में घिर गई. इसके बाद एमडीएलआर एयरलाइंस को बंद कर दिया गया. तब गोपाल कांडा की 40 कंपनियां चल रही थीं.
एयर होस्टेस बनना चाहती थी गीतिका शर्मा
साल 2008 में जब गोपाल कांडा ने अपनी एयरलाइंस शुरू की तो उन्होंने एक ऐसी लड़की एयर होस्टस की नौकरी दी. जिसकी उम्र तब 18 साल से भी कम थी. उस लड़की का नाम था गीतिका शर्मा. वह दिल्ली के अशोक विहार में रहती थी. बचपन से ही गीतिका एयर होस्टेस बनना चाहती थी. जिसे गोपाल कांडा ने साकार कर दिया. गीतिका को ट्रेन केबिन क्रू का लेटर दिया गया. गीतिका की इतनी सुंदर थी कि गोपाल कांडा ने केवल 6 महीने बाद ही गीतिका को एयर होस्टेस बना दिया. गोपाल कांडा की एयरलाइंस बंद हो गई. लेकिन गीतिका शर्मी की तरक्की में कोई कमी नहीं आई. वह तीन साल के अंदर कंपनी की डायरेक्टर बन गई.
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गीतिका की रफ्तार पकड़ती तरक्की के बीच किसी बात को लेकर गोपाल कांडा और गीतिका की अनबन हो गई. इसके बाद गीतिका भारत छोड़कर दुबई चली गई. गोपाल कांडा पर आरोप लगा कि उन्होंने गीतिका मानसिक उत्पीड़न शुरू कर दिया. क्योंकि गोपाला कांडा राजनीति में थे तो उन्होंने इसी के दम पर गीतिका को दुबई की नौकर छोड़कर भारत लौटने को मजबूर कर दिया. आरोप है कि दिल्ली वापस आने के बाद भी गोपाल कांडा ने गीतिका का पीछा नहीं छोड़ा. जिससे गीतिका दबाव में आ गई और उसने आत्महत्या कर ली.
गीतिका के पास से बरामद हुआ था सुसाइड नोट
5 अगस्त 2012 को गीतिका का शव अशोक विहार स्थित उनके घर पर मिला. इसके साथ ही घर से गीपिका का एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ. जिसे गीतिका ने 4 अगस्त, 2012 को लिखा था. इस सुसाइड नोट में सीधे तौर पर गोपाल कांडा और अरुणा चड्ढा के उत्पीड़न से मजबूर होकर जीवन को समाप्त करने की बात कही गई थी. दो पेज के सुसाइड नोट में गीतिका ने लिखा था कि मैं अपने आप को खत्म कर रही हूं, क्योंकि मेरा विश्वास टूट गया है और मैं अंदर से टूट चुकी हूं. गीतिका ने लिखा था कि मेरे साथ धोखा हुआ है. मेरी मौत के लिए गोपाल कांडा और अरुणा चड्ढा जिम्मेदार हैं.
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इन दोनों ने मेरे विश्वास को तोड़कर अपने-अपने फायदे के लिए मेरा इस्तेमाल किया. यही नहीं गीतिका ने सुसाइड नोट में लिखा कि इन्होंने मेरा जीवन बर्बाद कर दिया और अब ये लोग मेरे परिवार को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं. इन्हें अपने गलत किए की सजा मिलनी चाहिए. गीतिका के आत्महत्या करने के करीब 6 महीने बाद ही उनकी मां ने भी खुदकुशी कर ली. इसका आरोप भी गोपाल कांडा के ऊपर लगा.
HIGHLIGHTS
- गोपाल कांडा ने शुरु की थी MDLR एयरलाइंस
- कांडा की एयरलाइंस में एयर होस्टेस थी गीतिका
- गीतिका ने सुसाइड नोट में कांडा पर लगाए थे आरोप
Source : News Nation Bureau