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Lok Sabha Election 2024: राहुल, ममता, नीतीश को छोड़ कैसे खड़गे बने PM Face के प्रबल दावेदार, जानें 3 बड़े कारण

Lok Sabha Election 2024: पीएम उम्मीदवार को रूप में ऐसे ही सामने नहीं आया मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम, पीछे तीन बड़ी वजह

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Dheeraj Sharma
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How Mallikarjun Kharge Became First Choice Of PM Candidate

How Mallikarjun Kharge Became First Choice Of PM Candidate ( Photo Credit : File)

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Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 की बिसात बिछ चुकी है. पांच राज्यों के विधानसभा नतीजे इसके सेमीफाइनल के तौर पर देखे गए हैं. इन राज्यों में भले ही बीजेपी ने शानदार जीत दर्ज की हो, लेकिन कांग्रेस अब बीजेपी (BJP) के लिए बड़ी चुनौती है. लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी के सामने सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस (Congress) के नेतृत्व वाला इंडिया गठबंधन (INDIA Alliance) है. हालांकि एनडीए (NDA) जिस तेज गति से आगे बढ़ रहा है और उसके कुनबे में इजाफा हो रहा है लगता नहीं 2024 का चुनाव एनडीए के लिए किसी भी तरह चुनौतीपूर्ण होगा. बहरहाल इंडिया गठबंधन की हालिया बैठक में एनडीए के रथ को रोकने के लिए शुरुआती रणनीति पर चर्चा हुई. इस बैठक से वो खबर सामने आई जिसने हर तरफ सुर्खियां बंटोरीं. 

ये खबर थी टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी की ओर से कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को बतौर पीएम उम्मीदवार प्रस्ताव देना. इस प्रस्ताव का तुरंत आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी समर्थन दे डाला. खड़गे के इस नाम ने ना सिर्फ सुर्खियां बंटोरी बल्कि उन बड़े चेहरों को सकते में डाल दिया जो पीएम उम्मीदवार को लेकर अटकलों के बाजार में गर्म रहते थे.

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जैसे राहुल गांधी, नीतीश कुमार, शरद पवार जैसे बड़े-बड़े नेताओं के नामों पर सीधे तौर पर ही अल्पविराम लग गया. आखिर इन बड़े नामों के बीच मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम ही कैसे आगे आया. इन दिग्गजों से आगे निकलने में खड़गे कैसे बाजी मार ली. इसके पीछे भी तीन अहम कारण हैं. आइए एक नजार डालते हैं उन बड़ी वजहों पर जिन्होंने मल्लिकार्जुन खड़गे का कद बतौर पीएम उम्मीदवार तक पहुंचा दिया. 

ये तीन अहम वजह खड़गे को बनाती हैं खास 

1. गांधी परिवार से निकटता
भले ही चुनाव दर चुनाव कांग्रेस का ग्राफ गिर रहा है, लेकिन अब देश में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर कांग्रेस ही आगे है. कांग्रेस पर लगातार परिवारवाद के आरोप लगते रहते हैं. लिहाजा गांधी परिवार को एक ऐसा उम्मीदवार चाहिए जो चले तो उनकी मर्जी से लेकिन परिवारवार से दूर हो. ऐसे में कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर अपना काम बखूबी निभा रहे मल्लिकार्जुन खड़गे इस रेस में प्रबल दावेदार बने. उनके नाम पर कांग्रेस भी इतनी जल्दी ना नहीं कह पाएगी और ना ही कोई ठोस वजह दे पाएगी. बल्कि गांधी परिवार के करीबी होने के चलते खड़गे को इस रेस में कांग्रेस से सबसे ज्यादा नंबर भी मिल सकते हैं. 

2. नीतीश समेत अन्य दिग्गजों को साइडलाइन 
ममता बनर्जी ने मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम को आगे कर के उन दिग्गजों के नाम पर अल्पविराम लगा दिया है जो अपने मन में शुरू से ही पीएम उम्मीदवार का सपना लेकर चल रहे हैं. इनमें सबसे बड़ा नाम बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू प्रमुख नीतीश कुमार हैं. इस रेस में खड़गे के नाम पर मिल रहा अन्य दलों के समर्थन ने भी नीतीश को तगड़ा झटका दिया है. वहीं शरद पवार, उद्धव ठाकरे जैसे नाम भी इस रेस से अपने आप किनारे हो गए हैं. 

3. दलित कार्ड
मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम में जो सबसे बड़ा कारण छिपा है वो दलित. खड़गे देश के बड़े दलित नेताओं में से एक हैं. ऐसे में इन दिनों दलित राजनीति पर खासा जोर है. बीजेपी भी इस लीग पर आगे बढ़ रही है, लिहाजा दलित नेता के तौर पर मल्लिकार्जुन खड़गे एक बेहतर विकल्प हैं. इन वोटों को बंटोरने में भी कांग्रेस समेत विपक्ष को कामयाबी मिल सकती है. यूपी के अलावा बिहार में भी एससी, एसटी, ओबीसी वोटरों की संख्या अच्छी खासी है. इसी तर्ज पर ही बीजेपी ने मध्य प्रदेश में अपना सीएम तय किया. बता दें कि देश में 17 फीसदी दलित वोट माने जाते हैं. वहीं लोकसभा सीटों की बात करें 150 सीट इनकी जद में आती हैं. 


ये भी है खड़गे के नाम की वजहें
मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम बतौर पीएम उम्मीदवार के रूप में आगे बढ़ाए जाने के पीछे तीन बड़े कारण के अलावा भी कुछ वजहें हैं जो उन्हें इस रेस का विनर बना सकती हैं. जैसे- 

- दक्षिण राज्य में अच्छी पकड़. खड़गे के नेतृत्व में कांग्रेस ने कर्नाटक के बाद तेलंगाना में भी अपनी शानदार जीत दर्ज की और बीजेपी को सत्ता से दूर रखा. इसके अलावा सभी दलों को साधने में माहिर. 

- 80 वर्षीय खड़गे अनुभव के साथ-साथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के नाते सभी दलों को साधने की भी कुवत रखते हैं. इंडिया गठबंधन की बैठकों को उन्होंने बखूबी हैंडल किया है. 

- खड़गे एक दो नहीं बल्कि 8 भाषाएं जानते हैं. यही वजह है कि इन भाषाओं के जरिए वह जनता के साथ-साथ नेताओं से भी संवाद में सहज रहते हैं. 

- 10 चुनाव जीतने का दम. मल्लिकार्जुन खगड़े एक जीताऊ नेता भी हैं. उन्होंने एक दो नहीं बल्कि 10 चुनाव जीतकर राजनीति में अपनी एक अलह पहचान बनाई है. ऐसे में INDIA गठबंधन के लिए उनके नाम पर मुहर लगने में दिक्कत कम आएगी.

HIGHLIGHTS

  • ऐसे ही नहीं आगे आया मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम
  • पीएम उम्मीदवार की रेस में आने के पीछे 3 बड़ी वजह
  • दलित चेहरा होने के साथ सबको साधने में माहिर
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