Lok Sabha Election 2024: दिल्ली की सातों सीटों का पूरा समीकरण, जानिए किसका पलड़ा भारी और कौन है कमजोर?

लोकसभा चुनाव अब अपने मुहाने पर है. दिल्ली में 25 मई को वोटिंग होगी. प्रदेश में इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस और AAP मिलकर चुनाव लड़ रही हैं. उधर, BJP का भी जोश हाई है. आइए जानते हैं दिल्ली की सातों सीटें का समीकरण?

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Ajay Bhartia
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Delhi Lok Sabha Election

दिल्ली लोकसभा चुनाव 2024( Photo Credit : Social Media)

Delhi Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव अब अपने मुहाने पर है. दिल्ली के महामुकाबले में 25 मई यानी कल वोटिंग होगी. प्रदेश में इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (एएपी) मिलकर चुनाव लड़ रही हैं. वो भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को टक्कर देने में पुरजोर कोशिश में लगी हुई हैं. उधर, बीजेपी का भी जोश हाई है. पार्टी एक बार फिर 2019 की तर्ज पर दिल्ली की सभी 7 सीटों को जीतने का दावा कर रही है. ऐसे में मतदान से पहले आइए जानते हैं दिल्ली के सातों सीटें के सियासी समीकरण, किस सीट पर किसका पलड़ा है भारी और कौन है कमजोर?

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दिल्ली में नई दिल्ली, चांदनी चौक, पूर्वी दिल्ली, उत्तर-पूर्वी दिल्ली, उत्तर-पश्चिमी दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली और दक्षिणी दिल्ली ये 7 लोकसभा सीटें हैं. इंडिया गठबंधन के तहत आम आदमी पार्टी चार और कांग्रेस तीन सीटों पर चुनाव लड़ रही है. आम आदमी पार्टी के साथ आने से कांग्रेस को बल मिला है. ऐसे में दोनों पार्टियां बीजेपी को कड़ी टक्कर देती नजर आ रही हैं. हालांकि इस बार बीजेपी ने केवल उत्तर-पूर्वी सीट को छोड़कर दिल्ली की सारे सीटों पर प्रत्याशियों को बदल दिया है.

1. उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट 

उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट प्रदेश की सभी सीटों में हॉट सीट बनी हुई है. बीजेपी ने इस सीट पर फिर एक बार मनोज तिवारी पर भरोसा जताया है. वह भोजपुरी सिनेगा के गायक और सुपरस्टार हैं. वह लगातार दो बार से इस सीट से सांसद हैं. उनका ताल्लुक बिहार से है, लेकिन उन्होंने दिल्ली की सियासत में अपनी पकड़ बना रही है. कांग्रेस ने मनोज तिवारी की काट निकालते हुए कन्हैया कुमार को टिकट दिया है. 

यही वजह है कि दिल्ली की इस लोकसभा सीट पर दो पूर्वांचलियों की लड़ाई में बाहरी का मुद्दा भी छाया रहा. इस सीट में अधिकतर मतदाता ऐसे हैं, जो पूर्वांचल के हैं. बिहार से आने वाले कन्हैया कुमार ने छात्र राजनीति से शुरुआत की थी, लेकिन अब उन्होंने देश की सियासत में भी अपनी जगह बना ली है. राहुल गांधी को भी उन पर पूरा भरोसा है कि वह इस बार चुनाव में मनोज तिवारी के खिलाफ अच्छा करेंगे.

बीजेपी ने मनोज तिवारी को लगातार तीसरी बार टिकट दिया है. मनोज तिवारी भी बिहार से आते हैं. मनोज तिवारी और कन्हैया कुमार में एक चीज यह भी कॉमन है कि दोनों की राजनीति दिल्ली में ही शुरू हुई है. इससे इस सीट पर मुकाबला और भी दिलचस्प हो गया है.

उत्तरी पूर्वी सीट पर मुस्लिम वोटर्स की तादाद अच्छी खासी है. यहां उत्तराखंड और पूर्वांचल के लोग भी बड़ी संख्या में रहते हैं. पिछले चुनाव इस सीट पर बीजेपी कैंडिडेट मनोज तिवारी के खिलाफ दिल्ली की तीन बार की चीफ मिनिस्टर शीला दीक्षित कांग्रेस से प्रत्याशी, लेकिन उनको हार का मुंह देखना पड़ा था. बता दें कि उत्तरी पूर्वी सीट के अंतर्गत 10 विधानसभा सीट आती हैं. इनमें से अधिकतर विधानसभा एएपी के कब्जे में है. यह दिल्ली के सबसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में से एक है.

2. नई दिल्ली लोकसभा सीट

नई दिल्ली लोकसभा सीट से बीजेपी की बांसुरी स्वराज और एएपी के सोमनाथ भारती के बीच जबरदस्त फाइट है. बांसुरी स्वराज बीजेपी की दिग्गज नेता रहीं पूर्व विदेश मंत्री स्वर्गीय सुषमा स्वराज की बेटी हैं. बीजेपी ने इस बार इस सीट से मीनाक्षी लेखी का टिकट काटकर बांसुरी स्वराज को कैंडिडेट बनाया. वहीं एएपी ने मालवीय नजर से विधायक सोमनाथ भारती को टिकट दिया है. दोनों ही पेशे से वकील हैं.

एएपी और कांग्रेस के बीच गठबंधन होने से यहां समीकरण बदले हैं, इसलिए दोनों दलों के सामने वोट प्रतिशत बढ़ाने की चुनौती होगी. नई दिल्ली सीट के अंतर्गत 10 विधानसभा सीट आती हैं, जिनमें से पटेल नगर और करोल बाग सुरक्षित विधानसभाएं हैं, बाकी आठ विधानसभा में से मिश्रित कल्चर के मतदाता रहते हैं. दिल्ली कैंट इलाके में अधिकांशत भारतीय सेना के लोग रहते हैं. यहां कुछ पुराने गांव भी स्थित हैं. नई दिल्ली क्षेत्र के अंतर्गत मालवीय नगर, ग्रेटर कैलाश दो ऐसे विधानसभा क्षेत्र हैं, जिसकी सीमा दक्षिणी दिल्ली लोकसभा सीट से सटी है.

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3. पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट

पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट पर पूर्वांचली वोटर्स की बड़ी संख्या है. 2019 के चुनाव में यहां से बीजेपी प्रत्याशी प्रवेश साहिब सिंह वर्मा जीते थे. हालांकि बीजेपी ने इस बार अपना प्रत्याशी बदल दिया है. पार्टी ने प्रवेश वर्मा का टिकट काटकर महिला प्रत्याशी कमलजीत सहरावत को दिया है. वहीं एएपी ने पूर्वांचल से ताल्लुक रखने वाले पर्व सांसद महाबल मिश्रा को कैंडिडेट बनाया है. इस सीट पर उनकी पहले से पकड़ है.

महाबल मिश्रा बिहार से आते हैं. पश्चिमी दिल्ली में बड़ी संख्या में बिहार के लोग भी रहते हैं. ऐसे में इस सीट पर दोनों पार्टियों ने वोटरों को साधने के लिए अलग-अलग दांव चले हैं. इस बार मुकाबला कांटे का होगा. इस लोकसभा क्षेत्र में 10 विधानसभा आते हैं. इसमें जनकपुरी, तिलक नगर, सुभाष नगर, राजौरी गार्डन, मदीपुर, हरिनगर, उत्तम नगर, द्वारका, नजफगढ़ और विकास पुरी शामिल हैं. इन सभी 10 विधानसभा सीटों पर एएपी के विधायक हैं. 

4. चांदनी चौक लोकसभा सीट

चांदनी चौक सीट दिल्ली व देशभर में ही नहीं विदेशों में भी मशहूर है. बीते दो लोकसभा चुनाव से बीजेपी के कब्जे में है. बीजेपी नेता डॉक्टर हर्षवर्धन यहां से सांसद थे, लेकिन पार्टी ने इस बार उनका टिकट काट दिया है. बीजेपी ने इस बार प्रवीण खंडेलवाल को कैंडिडेट बनाया है. बीजेपी प्रत्याशी प्रवीण खंडेलवाल व्यापारियों के सबसे बड़े संगठन कनफेडरेशन ऑफ इंडिया ट्रेडर्स के महासचिव हैं. चांदनी चौक व्यापारियों का अड्डा माना जाता है, ऐसे इस क्षेत्र में प्रवीण खंडेलवाल की मजबूत पकड़ बीजेपी को फायदा पहुंचा सकती. उनके खिलाफ इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार जेपी अग्रवाल से है. वह कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. जेपी अग्रवाल लोकसभा में उत्तर पूर्वी दिल्ली और चांदनी चौक का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. वह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं. ऐसे में इन नेताओं के बीच होने वाला मुकाबला काफी दिलचस्प होने जा रहा है. चांदनी चौक लोकसभा सीट के अंतर्गत 10 विधानसभा क्षेत्र हैं, यहा सभी सामान्य सीट है. इस लोकसभा सीट में 20.34 फीसदी मुसलमान हैं. वहीं, 21.14 फीसदी अनुसूचित जाति के लोग रहते हैं. 

5. दक्षिण दिल्ली लोकसभा सीट

बीजेपी ने इस बार दक्षिणी दिल्ली लोकसभा सीट से विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी को अपना प्रत्याशी बनाया है. 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के रमेश बिधूड़ी ने यहां से जीत हासिल की थी. हालांकि, 2024 के चुनाव में उनका टिकट कट गया है. वहीं, इंडिया गठबंधन की तरफ से यह सीट एएपी को मिली है. एएपी ने सहीराम पहलवान को कैंडिडेट बनाया है. यह सीट गुर्जर बहुल सीट मानी जाती है. यही वजह है कि दोनों ही पार्टियों ने इस सीट पर गुर्जर प्रत्याशी उतारे हैं. 

दक्षिणी दिल्ली लोकसभा सीट पर 1967 में पहला चुनाव हुआ था, जिसमें भारतीय जनसंघ को जीत मिली थी. यहां पर अब तक हुए 13 चुनावों में 7 बार बीजेपी और 4 बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की है. इसलिए आंकड़े इस बात पर मुहर लगाते हैं कि इस सीट पर बीजेपी का दबदबा रहा है. इस सीट के अंतर्गत बिजवासन, पालम, महरौली, छतरपुर, देवली, अंबेडकर नगर, संगम विहार, कालकाजी, तुगलकाबाद, बदरपुर विधानसभा क्षेत्र हैं.

6. पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट

2019 लोकसभा चुनाव में इस सीट से बीजेपी कैंडिडेट ने जीत की थी. उन्होंने पार्टी ने इस बार हर्ष मल्होत्रा को चुनावी रण में उतारा है. वह पूर्वी दिल्ली से निगम पार्षद और 2015-16 में दिल्ली के मेयर भी रह चुके हैं. वहीं एएपी ने हर्ष मल्होत्रा के खिलाफ कोंडली से विधायक कुलदीप कुमार को चुनावी रण में उतारा है. इस बार सीट पर कांग्रेस और एएपी गठबंधन का खासा असर दिखेगा. इससे ये होगा कि मुस्लिम वोट नहीं बटेंगें. साथ ही कुछ सिख वोट भी इंडिया अलायंस को मिलने की उम्मीद है. ऐसे में बीजेपी के लिए जीत का रास्ता कठिन हो सकता है.

7.  उत्तर पश्चिम दिल्ली लोकसभा सीट

उत्तर पश्चिम दिल्ली लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. इंडिया गठबंधन के तहत यह टिकट कांग्रेस के खाते में आई है. पार्टी ने पूर्व सांसद उदित राज को कैंडिडेट बनाया है. वहीं बीजेपी ने इस बार योगेंद्र चंदोलिया को टिकट दिया है. अगर 2019 के चुनाव की बात करें तो बीजेपी ने तब सूफी गायक हंसराज हंस को उम्मीदवार बनाया था. उनकी जीत हुई थी. वहीं 2014 में बीजेपी ने उदित राज को टिकट दिया था. तब उन्होंने एएपी प्रत्याशी राखी बिड़लान को हराया था. 2019 में टिकट कटने के बाद उदित का मोह बीजेपी से भंग हो गया था और फिर उन्होंने कांग्रेस का हाथ थाम लिया था. यही वजह है कि कांग्रेस ने इस बार चुनाव में उन पर दांव लगाया है.

उत्तर-पश्चिम सीट में 10 विधानसभा क्षेत्र आते हैं, जो नरेला, बादली, रिठाला, बवाना, मुंडका, किराड़ी, सुलतानपुर माजरा, नांगलोई जाट, मंगोलपुरी और रोहिणी हैं. इनमें से 9 विधानसभा सीटों पर आम आदमी पार्टी के विधायक हैं. जबकि रोहिणी विधानसभा सीट पर बीजेपी के विधायक विजेंद्र गुप्ता हैं. इस संसदीय क्षेत्र में आउटर रिंग रोड के पार रोहिणी, पीतमपुरा, सरस्वती विहार, मॉडल टाउन जैसी पाश कॉलोनियां है. तो वहीं, बवाना, मंगोलपुरी, सुल्तानपुरी, बवाना जैसे क्षेत्र में इंडस्ट्रीयल यूनिट्स भी हैं.

Source : News Nation Bureau

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