Advertisment

Manipur में फिर क्यों भड़की हिंसा? स्थिति को काबू करने के लिए बुलाई RAF, बंद किया गया इंटरनेट!

Manipur Violence: स्थिति को काबू में लाने के लिए दंगा नियंत्रण वाहनों के साथ RAF को बुलाया गया है. 15 सितंबर तक इंटरनेट पर रोक लगा दी गई है. Manipur में फिर क्यों भड़की हिंसा? जानें

author-image
Ajay Bhartia
New Update
Manipur Violence News

मणिपुर हिंसा (Image: File Photo/SocialMedia)

Manipur Violence: मणिपुर में मंगलवार को भी बवाल हुआ. बीते कई दिनों से प्रदेश में जारी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. स्थिति को काबू में लाने के लिए दंगा नियंत्रण वाहनों के साथ RAF को बुलाया गया है. भारी तादाद में पुलिस भी तैनात है. इतनी सख्ती के बावजूद मणिपुर में शांति कायम नहीं हो रही है. प्रदर्शनकारी पुलिस और सुरक्षा बलों पर पथराव कर रहे हैं. ताजा हिंसा को देखते हुए सरकार ने मंगलवार से 15 सितंबर तक राज्य में इंटरनेट पर रोक लगा दी है. अब सवाल ये है कि मणिपुर में हिंसा फिर क्यों भड़की.

Advertisment

हमलों के खिलाफ छात्रों का प्रदर्शन

मणिपुर में ड्रोन हमलों के खिलाफ छात्रों का उग्र प्रदर्शन जारी है. उन्होंने आज भी जमकर बवाल मचाया. प्रदर्शनकारियों ने ड्रोन हमलों के खिलाफ जबरदस्त तरीके से अपने गुस्से को जाहिर किया. सैकड़ों की तादाद में आंदोलनकारी छात्र फिर सड़क पर उतरे और राजभवन का घेराव करने की कोशिश की. इस दौरान फिर पुलिस से उनकी जोरदार झड़प हुई. प्रदर्शनकारी छात्रों को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे. जवाब में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया.

ये भी पढ़ें: India Semiconductor Mission क्या है, जिसके लिए अमेरिका ने की भारत संग बड़ी पार्टनरशिप, चीन की उड़ेगी नींद!

3 जिलों में लगाया गया कर्फ्यू

छात्रों का आरोप है कि डीजीपी और सुरक्षा सलाहकार प्रदेश में कानून व्यवस्था को संभालने में नाकाम हैं. ड्रोन हमलों के विरोध में छात्र आक्रोशित हैं और इनका ये प्रदर्शन थमता नहीं दिख रहा. ऐसे में छात्रों के खिलाफ सख्ती बरती जा रही है. राज्य के तीन जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है. हालांकि मीडिया, बिजली, कोर्ट और स्वास्थ्य समेत जरूरी सेवाओँ को कर्फ्यू के दायरे से बाहर रखा गया है. 

कराई जाएगी उच्च स्तरीय जांच 

इससे पहले मणिपुर के पुलिस महानिरीक्षक (ऑपरेशन) आईके मुविया ने कहा कि वे ड्रोन बम विस्फोट मामले की जांच के दौरान एकत्र किए गए सभी साक्ष्यों को केंद्रीय जांच एजेंसियों को सौंप देंगे और इसकी उच्च स्तर पर जांच की जाएगी. उन्होंने बताया कि, ‘हमने सभी बम के टुकड़े बरामद कर लिए हैं; उन्हें फोरेंसिक लैब में भेज दिया गया है ताकि इस्तेमाल किए गए रसायनों का पता लगाया जा सके.’

ये भी पढ़ें: Anna Maria On Muslims: कौन हैं एन्ना मारिया, जिन्होंने मुसलमानों के खिलाफ खोला मोर्चा, लगाए बैन से उड़ाए होश!

मैतई लोगों पर हुए थे ड्रोन अटैक

Advertisment

हाल ही में कुकी उग्रवादियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग के अलावा मैतई समुदाय पर ड्रोन से बम बरसाए. उग्रवादियों के इस नए ट्रेंड से सुरक्षाबलों की चुनौती और बढ़ गई है. अब सवाल उठता है कि इनके पास ये हथियार कहां से पहुंच रहे हैं. आखिर मणिपुर को कौन जलाना चाहता है. उग्रवादियों ने पहाड़ी की चोटी से निचले इलाके कोत्रुक और कडांगबांड घाटी को निशाना बनाया. हमले में 2 सुरक्षाकर्मियों समेत 9 लोग घायल हो गए थे. 

उग्रवादियों को कहां से मिले हथियार?

सूत्रों के हवाले से खबर है कि मणिपुर हिंसा में इस्तेमाल किए गए हथियार म्यांमार के रास्ते तस्करी के जरिए उग्रवादियों तक पहुंचते हैं. कथित तौर पर ये हथियार म्यांमार-चीन बॉर्डर के ब्लैक मार्केट से मणिपुर ले जाए जाते हैं और वहां से ये उग्रवादियों के हाथ लग जाते हैं. उग्रवादियों के पास हथियारों का दूसरा रूट लूट है, जो वो पुलिस और सशस्त्र बलों से छीनते हैं. 

अधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि दोनों समुदायों के पास अभी भी 3 हजार हथियार मौजूद हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन हथियारों में .303 राइफलें, मीडियम मशीन गन (MMG), AK असॉल्ट राइफलें, कार्बाइन, इंसास लाइट मशीन गन (LMG) एम-16 और एमपी-5 राइफलें शामिल हैं. इसके अलावा 6 लाख से ज्यादा बुलेट्स का भी स्टोक इनके पास है.

ये भी पढ़ें: Unique Court: दुनिया की सबसे अनोखी अदालत, भगवान को भी मिलती है ‘मौत की सजा’, चौंकाने वाली है हर बात!

मणिपुर में हिंसा के पीछे वजह 

मैतई और कुकी समुदाय के बीच टकराव है. नगा और कुकी आदिवासी समुदाय से आते हैं जो ज्यादातर ईसाई हैं जबकि मैतई ज्यादातर हिंदू हैं. मणिपुर में मैतई बहुसंख्यक हैं और उनकी पुरानी मांग है कि उन्हें भी नगा और कुकी की तरह जनजाति का दर्जा दिया जाए. मैतई समुदाय की इसी मांग का कुकी और नगा विरोध कर रहे हैं. पहली बार झड़पें 3 मई को इसी आरक्षण को लेकर हुई थीं.

मणिपुर की आबादी में मैतेई की हिस्सेदारी करीब 53 फीसदी है और वे मुख्य रूप से इम्फाल घाटी में रहते हैं जबकि आदिवासी- नागा और कुकी - आबादी का 40 फीसदी हिस्सा हैं जो पहाड़ी इलाकों में रहते हैं. हालांकि इनमें छुट-पुट हिंसा की खबरें पहले भी मिलती रही हैं. लेकिन ताजा हिंसा के बाद मणिपुर फिर दहल उठा है. 

ये भी पढ़ें: Assam:…निकाले जाएंगे ‘मियां मुसलमान’? CM हिमंता ने अचानक से क्यों लिया ये तगड़ा फैसला, जानें Inside Story

fight explains manipur violence Manipur violence Manipur news in Hindi Manipur Manipur News Manipur Violence Situation Manipur Violence reason Manipur violence reasons manipur violence Latest News Manipur violence news Explainer
Advertisment
Advertisment