Mission 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए राजनीतिक दलों का एक्शन मोड शुरू हो चुका है. फिर चाहे वो सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी हो या फिर विपक्ष की तमाम छोटी बड़ी पार्टियां. हर कोई अपने-अपने स्तर पर जीत सुनिश्चित करने की जुगत में लगा है. बीजेपी ने एक तरफ अभियानों के जरिये जनता तक अपने कामों का लेखा-जोखा पहुंचाना शुरू किया है तो वहीं विपक्ष अब भी बैठकों के जरिए बीजेपी के विजयी रथ पर ब्रेक लगाने की रणनीति तैयार कर रहा है. आम चुनाव में अभी 8 महीने से ज्यादा वक्त बचा है, लेकिन तैयारियां अभी से जारी है क्योंकि ये वक्त बीजेपी के मजबूत किले को ढहाने के लिए काफी कम है. वो ऐसे वक्त पर जब विपक्ष में अब तक किसी एक चेहरे पर सहमति नहीं बन पाई है.
दरअसल बीजेपी इस वक्त जीत के विमान में सवार है. दो कार्यकाल में मोदी सरकार ने अपने कई वादे पूरे कर दिए हैं और आगामी चुनाव के एजेंडे को तकरीबन तय कर दिया है. लेकिन विपक्ष अब तक ना तो मुद्दे तय कर पा रहा है और ना ही चेहरे को लेकर स्थिति स्पष्ट है. हां विपक्षी कुनबे की बात करें तो इसमें जरूर इजाफा हो रहा है. विपक्षी एकता को लेकर हुए पहली बैठक में जहां 17 राजनीतिक दलों को न्योता मिला था वहीं अब 24 पार्टीज को अगली बैठक में बुलाया गया है. यानी 7 नए दल भी विपक्ष के साथ खड़े नजर आ रहे हैं. आइए जानते हैं इन सात दलों की स्थिति और आगामी चुनाव में इनकी भूमिका.
विपक्षी कुनबे में शामिल हुए ये 7 नए दल
1. इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML)
विपक्ष की अगली बैठक में जिन नए दलों को जोड़ा गया और बुलावा भेजा गया है उनमें इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग शामिल है. आईयूएमएल साउथ की पार्टी है. केरल में इसका बड़ा जनाधार भी माना जाता है. हालांकि तमिलनाडु में कुछ हिस्सों में इस दल की पहचान लोगों में ठीक-ठाक है. लेकिन केरल के 30 फीसद वोट बैंक पर इस पार्टी की पकड़ बताई जाती है. इस दल के कुल 3 सांसद हैं.
2. विदुथलाई चिरुथिगल काची (VCK)
विपक्षी एकता में जिस एक और दल का साथ मिला है भी दक्षिण भारत से है. विदुथलाई चिरुथिगल काची नाम के इस दल का तमिलनाडु में ठीक ठाक जनाधार है. इस दल से कुल सांसद हैं. इस पार्टी का नेतृत्व थोलकप्पिया थिरुमावलवन कर रहे हैं. बता दें कि तीन वर्ष पहले यानी 2020 में ये दल डीएमकेस कांग्रेस और लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट का ही हिस्सा थी.
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3. फॉरवर्ड ब्लॉक
वामपंथियों की विचारधारा पर आधारित इस फॉरवर्ड ब्लॉक दल ने भी विपक्षी दलों के साथ आने का फैसला लिया है. अगली बैठक में फॉरवर्ड ब्लॉक भी हिस्सा लेगा और बीजेपी के विजयी रथ को रोकने की कोशिशों में अपनी आहुती देने के तैयार है. फॉरवर्ड ब्लॉक का मानना है कि वो एक वामपंथी विचारधारा पर आधारित पार्टी है इसलिए कभी भी एक तरफा सोच वाली पार्टी के साथ नहीं हो सकती है. यही वजह है कि इस दल ने बीजेपी से दूरी बनाने का फैसला लिया.
इन दलों ने भी बढ़ाया हाथ
उपर बताए तीन दलों के अलावा चार और ऐसी पार्टियां है जो विपक्षी कुनबे में जुड़ने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. इनमें केरल कांग्रेस, कोंगु देसा मक्कल काची, मरुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम और केरल कांग्रेस एम है. हालांकि रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी भी अपने छोटे दल के साथ बीजेपी के किले में सेंध लगान की कोशिश कर रही है.
विपक्ष अपना कुनबा भले ही बढ़ा रहा है, लेकिन चुनौतियां उन्हीं के सामने बड़ी होती हैं जिनमें विविधता होती है. जितने ज्यादा दल होंगे उतने मतभेद होने का भी खतरा है. यही नहीं कुछ दल अपनी शर्तों पर अभी से मनमुटाव में लगे हैं. इनमें आम आदमी पार्टी ने अध्यादेश को लेकर कांग्रेस की ओर से समर्थन ना मिलने को भी मुद्दा बना दिया है और विपक्षी दलों से अलग रहने का मन बना लिया है.
HIGHLIGHTS
- मिशन 2024 को लेकर विपक्षी एकता हो रही मजबूत
- पहली बैठक में 17 दल थे शामिल
- दूसरी बैठक के लिए 24 दलों को भेजा गया बुलावा