India became global player in exports: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने बड़ा कमाल कर दिया है. तेल के ‘खेल’ पर भारत ने कब्जा कर लिया है. देश ने ऐसा कीर्तिमान रच दिया कि अमेरिका और चीन को नींद उड़ गई है. भारत पेट्रोलियम, जेम्सस्टोन यानी रत्न और चीनी समेत कई सेक्टर्स में टॉप एक्सपोर्टर के रूप में उभर रहा है. ये सब पीएम मोदी की लीडरशिप और विजनरी प्लानिंग की बदौलत ही संभव हो पाया है.
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उपलब्धि से गदगद हर भारतीय
हाल ही में जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत ने पेट्रोलियम, जेम्सस्टोन और शुगर के निर्यात में पिछले साले रिकॉर्ड तोड़ते हुए दुनिया को हैरत में डाल दिया है. आर्थिक मोर्च पर मिली इस सफलता से मोदी सरकार गदगद है और भी क्यों ना हो, क्योंकि ये देश की इकोनॉमी में तेजी से होते सुधार का सबसे बड़ा प्रतीक है. इस खबर से हर भारतीय का चेहरा खिला हुआ है.
भारत की एक्सपोर्टर रैंक में उछाल
पेट्रोलियम, जेम्सस्टोन और शुगर समेत अन्य सेक्टर्स में बढ़ता एक्सपोर्ट ये दर्शाता है कि वैश्विक लेवल पर भारतीय प्रोडक्ट्स की क्वालिटी और डिमांड अब किसी भी बड़े देश से कम नहीं हैं. पिछले 5 सालों पर भारत का एक्सपोर्ट कई गुना बढ़ चुका है. साथ ही इन सेक्टर के एक्सपोर्टर की लिस्ट में भारत की रैंक में कई पायदान का उछाल आया है.
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तेल के ‘खेल’ पर भारत का कब्जा
भारत ने कीर्तिमान रचते हुए ‘तेल’ के खेल पर कब्जा किया है. अब भारत दूसरे देशों को दनादन पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स की सप्लाई कर रहा है. नतीजतन, पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के एक्सपोर्ट में भारत ने दूसरा स्थान हासिल कर लिया है. 2018 में भारत का पेट्रोलियम एक्सपोर्ट पांचवें स्थान पर था, लेकिन इस साल भारत ने लगभग 84 बिलियन डॉलर का पेट्रोलियम प्रोडक्ट एक्सपोर्ट किया है, जिससे भारत अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा पेट्रोलियम प्रोडक्ट एक्सपोर्टर बन चुका है.
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भारत का बढ़ा विदेशी मुद्रा भंडार
दरअसल, मोदी सरकार ने सूझबूझ के साथ पेट्रोलियम सेक्टर के लिए प्लानिंग बनाई. भारत ने क्रूड ऑयल को सस्ते में खरीदा और फिर उसे रिफाइन कर पेट्रोल और डीजल जैसे फ्यूल में बदलकर एक्सपोर्ट किया. इससे भारत को बड़ा फायदा हुआ, जिससे उसकी विदेशी मुद्रा भंडार में काफी बढ़ोतरी हुई. हाल में ये आंकड़ा $700 बिलियन के पार हो गया. हालांकि, अभी कुछ हफ्तों में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट देखी जा रही है.
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जेमस्टोन-चीनी एक्सपोर्ट में भी कमाल
पेट्रोलियम सेक्टर के अलावा भारत ने जेमस्टोन और चीनी एक्सपोर्ट करने के मामले में जबरदस्त बढ़ोतरी की है. जेमस्टोन एक्सपोर्ट में भारत दुनिया का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर बन गया है. इस व्यापार का कुल मूल्य 1.5 बिलियन डॉलर पहुंच चुका है. बता दें कि 2018 में भारत जेमस्टोन एक्सपोर्ट में दूसरे नंबर पर था.
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ऐसा ही कुछ कमाल शुगर सेक्टर में दिखता है. भारत चीनी एक्सपोर्टर देशों की लिस्ट में तीसरे नंबर पर पहुंच गया है. इंडिया अब दुनिया के टोटल शुगर मार्केट का 12 फीसदी कंट्रोल कर रहा है. ऐसी ही प्रगति एग्रीकल्चर, कैमिकल्स और मेडिसन सेक्टर में भी दिख रही है. आर्थिक मोर्चे पर अगर ऐसे ही विकास होता रहा तो वो दिन दूर नहीं जब पीएम मोदी का भारत को 5 ट्रिलियन की इकोनॉमी बनाने का सपना साकार हो जाएगा.
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