PM Modi In Russia: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के दो दिनों के दौरे पर मॉस्को पहुच गए हैं. उन्होंने राष्ट्रपति भवन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की. इसके बाद दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई. फिर पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ डिनर किया. मोदी और पुतिन की इस बैठक पर दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं. माना जा रहा है कि पीएम मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच यूक्रेन जंग पर भी बात हुई हो. बात होने की संभावना इसलिए भी है, क्योंकि दोनों युद्ध को किसी भी मसले का हल नहीं मानते, तो क्या पीएम मोदी के पास सीजफायर का कोई प्लान है?
मॉस्को में पीएम का भव्य स्वागत
रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह पहली मॉस्को यात्रा है. इससे पहले मॉस्को के वनुकुवो एयरपोर्ट (Vnukovo Airport) पर पीएम मोदी का विमान उतरा तो उनका भव्य स्वागत हुआ, जो इस बात की तस्दीक है कि पीएम मोदी का मॉस्को दौरा क्रेमलिन के लिए कितना अहम है. खास कर तब जब रूस यूक्रेन में ढाई साल से जंग छिड़ी हुई हो. यूरोप जंगी बारूद के ढेर पर बैठा हो, मिडिल ईस्ट में जंग का नया फ्रंट खुल गया हो, और वॉशिंगटन में 24 घंटे बाद NATO की अहम बैठक होने वाली हो, जिसमें यूक्रेन को लेकर अहम फैसले लिए जाने वाले हों.
#WATCH | Moscow: PM Modi meets Russian President Vladimir Putin at President's house. He will have a private meeting and dinner with Russian President Vladimir Putin shortly pic.twitter.com/rdFqlHvn2U
— ANI (@ANI) July 8, 2024
पीएम मोदी का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब रूस अमेरिका का दुश्मन नंबर वन बन चुका है और वैश्विक पटल पर रूसी प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन पश्चिम से कट चुके हैं. ऐसे में क्रेमलिन के निमंत्रण पर पीएम मोदी का मॉस्को पहुंचना. कीव से लेकर वाशिंगटन और बीजिंग से लेकर इस्लामाबाद तक सुर्खियां बन चुका है.
दुनिया की नजरें इस वक्त मोदी पुतिन की मुलाकात पर टिकी हुई हैं. सवाल पूछे जा रहे हैं कि पीएम मोदी इस बार रूसी प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन को यूक्रेन जंग रोकने के लिए क्या नसीहत देते हैं. क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास रूस यूक्रेन जंग रूकवाने का कोई सॉलिड फॉर्मूला है, क्योंकि दो साल पहले उजबेकिस्तान के समरकंद शहर में हुए SCO समिट से इतर पीएम मोदी और प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात हुई थी. तब बातचीत के दौरान पीएम मोदी प्रेसिडेंट पुतिन से कह चुके हैं कि युद्ध किसी भी मसले का हल नहीं है. पीएम मोदी ने तब पुतिन से कहा था, 'आज का युग युद्ध का है नहीं.'
क्या पुतिन को फिर नसीहत देंगे मोदी?
प्रेसिडेंट पुतिन के सामने पीएम मोदी का यही बेबाकी. तब पश्चिमी देशों के लिए मिसाल बन गया था. तब जोर शोर से कई पश्चिमी देशों ने पुतिन को ऐसी नसीहत देने के लिए पीएम मोदी की तारीफ की थी. एक बार फिर पीएम मोदी पर दुनिया की नजरें टिक गई हैं क्योंकि भारत और रूस के बीच रणनीतिक संबंधों को नई ऊंचाई देने पीएम मोदी मॉस्को पहुंच चुके हैं. जहां 22 वें भारत रूस शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए पीएम मोदी प्रेसिडेंट पुतिन के खास मेहमान हैं.
पीएम मोदी की यात्रा रूस के लिए क्यों अहम?
- ऐसे समय में जब अमेरिका समेत पश्चिमी देश रूस को दुनिया से अलग थलग करने की कोशिश में जुटे हैं. तब भारत जैसा सशक्त प्रजातंत्र देश का साथ रूस को मिल रहा है. यही नहीं अब तक धारणा यही रही है कि रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के साथ चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और नॉर्थ कोरिया का तानाशाह किम जोंग उन ही खड़े रहते हैं, लेकिन पीएम मोदी की मॉस्को यात्रा ये धारणा टूटेगी.
- जाहिर है रूस. ऐसे माहौल में भारत का साथ पाकर खुद का सीना चौड़ा कर सकता है. यही वजह है कि रूस के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास और कार्यालय क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने इस यात्रा को रूस और भारत के संबंधों के लिए महत्वपूर्ण बताया है. इतना ही नहीं उन्होंने पश्चिमी देशों पर तंज भी कसा है. पेस्कोव ने कहा है कि पीएम मोदी की रूस यात्रा को पश्चिमी देश ईर्ष्या भाव से देख रहे हैं.
वैसे तो सोमवार को पीएम मोदी की कोई आधिकारिक बैठक नहीं है, लेकिन रूसी प्रेसिडेंट पुतिन सोमवार को ही पीएम मोदी को प्राइवेट डिनर के लिए आमंत्रित किया है. मोदी-पुतिन की इसी कैमिस्ट्री को लेकर दुनिया भर में उम्मीद जगी है कि पीएम मोदी ही शायद रूस यूक्रेन जंग रोकने का कोई नया फॉर्मूला प्रेसिडेंट पुतिन को सुझा सकते हैं. सवाल यही है कि क्या इसी प्राइवेट डिनर में रूस-यूक्रेन जंग का एजेंडा सेट हो सकता है.
Source : News Nation Bureau