Advertisment

Monkeypox: पैनिक न हों, जानें- क्या है स्ट्रेन A.2 और hMPXV-1A क्लैड-3

भारत में रिसर्च के दौरान दो मरीजों के सैंपल की जांच रिपोर्ट में मंकीपॉक्स के स्ट्रेन A.2 से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है. ये संक्रमण  hMPXV-1A क्लैड-3 से संबंधित है. आइए, जानते हैं कि मंकीपॉक्स का स्ट्रेन A.2 और hMPXV-1A क्लैड-3 क्या है.

author-image
Keshav Kumar
एडिट
New Update
monekypox

सभी एयरपोर्ट पर मंकीपॉक्स को लेकर यात्रियों की एहतियान जांच( Photo Credit : News Nation)

Advertisment

दुनियाभर में 80 से ज्यादा देशों में मंकीपॉक्स वायरस ( Monkeypox ) के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. अभी तक इसके 23 हजार से ज्यादा मामले दर्ज किए जा चुके हैं. अपने देश भारत में नौ मरीजों की जांच में मंकीपॉक्स वायरस की पुष्टि हो चुकी है. इनमें पांच मरीज केरल और चार दिल्ली में सामने आए हैं. देश में मंकीपॉक्स से संक्रमित एक मरीज की इलाज के दौरान मौत भी हो चुकी है. इसके अलावा कई राज्यों में मंकीपॉक्स के संदिग्ध मामले भी लगातार सामने आ रहे हैं. मंकीपॉक्स के बढ़ते खतरे के मद्देनजर केंद्र सरकार और सभी राज्य सरकारों ने इसकी ट्रेसिंग और सर्विलांस को बढ़ाने के लिए कहा है.

देश के सभी एयरपोर्ट पर मंकीपॉक्स को लेकर यात्रियों की एहतियान जांच की जा रही है. केंद्र और राज्यों में मंकीपॉक्स से निपटने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स का गठन भी किया गया है. वहीं, मंकीपॉक्स के बढ़ते मामले को लेकर दुनियाभर में वायरस के म्यूटेशन की आशंका को लेकर रिसर्च भी कई गुना बढ़ा दी गई है. भारत में रिसर्च के दौरान दो मरीजों के सैंपल की जांच रिपोर्ट में मंकीपॉक्स के स्ट्रेन A.2 से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है. ये संक्रमण  hMPXV-1A क्लैड-3 से संबंधित है. आइए, जानते हैं कि मंकीपॉक्स का स्ट्रेन A.2 और hMPXV-1A क्लैड-3 क्या है.

स्ट्रेन A.2 और hMPXV-1A क्लैड-3 क्या है ?

वायरोलॉजी एक्सपर्ट्स के मुताबिक स्ट्रेन A.2 मंकीपॉक्स का पुराना ही स्ट्रेन हैं. दुनिया के अधिकतर देशों में इसी का संक्रमण फैल रहा है. फिलहाल दुनिया में मंकीपॉक्स के मध्य अफ्रीकी (कांगो बेसिन) क्लैड और पश्चिम अफ्रीकी क्लैड दो स्ट्रेन मौजूद हैं. भारत समेत दुनिया के तमाम देशों में अभी पश्चिम अफ्रीकी क्लैड स्ट्रेन फैल रहा है. यह ज्यादा घातक यानी जानलेवा नहीं है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि इस मंकीपॉक्स वायरस से मरीजों को बहुत अधिक खतरा नहीं होगा. 

मंकीपॉक्स से डरें-घबराएं नहीं, जागरूक रहें

दुनियाभर के डॉक्टर्स का मानना है कि मंकीपॉक्स एक जूनोटिक वायरस है. यानी यह वायरस जानवरों से ही इंसानों में फैला है. अभी तक सामने आए इसके 99 फीसदी मामले समलैंगिक पुरुषों में पाए गए हैं. दूसरे मरीजों में इसकी पुष्टि बेहद कम हुई है. डॉक्टर्स ने पाया है कि मंकीपॉक्स वायरस का ट्रांसमिशन बहुत तेज नहीं है. ये वायरस आम लोगों को चपेट में नहीं ले रहा है. बुजुर्गों को कोरोनावायरस की तरह इस खतरे को लेकर घबराने की जरूरत भी नहीं है. देश के ज्यादातर बुजुर्गों को पहले से स्मॉलपॉक्स की वैक्सीन लगी होने के चलते उन पर इसका खतरा न के बराबर है.

दूसरी ओर अभी तक जिन देशों में मंकीपॉक्स फैला है वहां भी बच्चों या महिलाओं में संक्रमण के ज्यादा केस सामने नहीं आए हैं. मंकीपॉक्स से होनेवाली मौत भी बेहद कम दर्ज हुई हैं. स्किन टू स्किन टच और नजदीकी संपर्क में आने पर ही मंकीपॉक्स के संक्रमण का खतरा बढ़ता है.  इसका वायरस कोरोना की तरह हवा में नहीं फैलता है. इसलिए मंकापॉक्स को लेकर पैनिक होने की कोई बात नहीं है.

पश्चिम अफ्रीकी क्लैड स्ट्रेन में म्यूटेशन नहीं

दुनिया के अधिकतर देशों में मंकीपॉक्स का पश्चिम अफ्रीकी क्लैड स्ट्रेन ही फैल रहा है. इससे मरीजों को ज्यादा खतरा नहीं है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक मंकीपॉक्स का पश्चिम अफ्रीकी क्लैड स्ट्रेन कम गंभीर है. इस वायरस में म्यूटेशन की कोई जानकारी भी अभी तक सामने नहां आई है. ये स्ट्रेन नया नहीं, बल्कि 50 साल से भी ज्यादा पुराना है. इतने सालों में ये वायरस कभी म्यूडेट नहीं हुआ है. इसके संक्रमण में डेथ रेट भी काफी कम है. वायरस में म्यूटेशन नहीं होने से इसका टीका भी जल्दी और आसानी से बन जाने की उम्मीद है.

टीकाकरण अभियान तेज करने की जरूरत

महामारी विशेषज्ञों के मुताबिक मंकीपॉक्स से बचाव के लिए देश को टीकाकरण पर ज्यादा ध्यान देना होगा. टीकाकरण अभियान में हेल्थकेयर वर्कर्स और पुरानी बीमारी से पीड़ित लोगों को प्राथमिकता के हिसाब से आगे रखना होगा. स्मॉलपॉक्स का टीका नहीं लगवाने वाले लोगों को टीकाकरण ज्यादा जरूरी बताया जा रहा है. इसके बाद समलैंगिक पुरुषों को अधिक सावधान रहने की जरूरत है. खासकर मंकीपॉक्स के लक्षणों के दिखने पर खुद को आइसोलेट करने के साथ तुरंत जांच और इलाज करवाने की हिदायत दी गई है.

ये भी पढ़ें - एशिया-अफ्रीका से ही क्यों उभर रहीं वायरस जनित खतरनाक बीमारियां...

मंकीपॉक्स से बचने के लिए अपनाएं ये सावधानी

देश में फिलहाल दिल्ली, महाराष्ट्र, केरल और उत्तर प्रदेश राज्यों में मंकीपॉक्स के संदिग्ध मरीज सामने आ रहे हैं. इन मरीजों के सैंपल की जांच एनआईवी पुणे में की जा रही है. ये देश का इकलौता जांच सेंटर हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सलाह दी है कि मंकीपॉक्स से बचाव पर ज्यादा ध्यान दें. इसके लिए नियमित तौर पर हाथ धोते रहें. अगर आसपास किसी शख्स में वायरल और फ्लू वगैरह के लक्षण दिख रहे हैं तो उसके सीधे संपर्क में आने से बचें. मंकीपॉक्स प्रभावित देशों में जाना हो तो यात्रा को फिलहाल टालें. 

HIGHLIGHTS

  • देश के सभी एयरपोर्ट पर मंकीपॉक्स को लेकर यात्रियों की एहतियान जांच
  • वायरस के म्यूटेशन की आशंका को लेकर रिसर्च भी कई गुना बढ़ा दी गई
  • मंकीपॉक्स के मध्य अफ्रीकी (कांगो बेसिन) क्लैड और पश्चिम अफ्रीकी क्लैड
vaccination coronavirus कोरोनावायरस Monkeypox मंकीपॉक्स monkeypox virus NIV Pune टीकाकरण एनआईवी पुणे
Advertisment
Advertisment
Advertisment