Muslim Population in India: जनसंख्या के बारे में रिसर्च करने वाली संस्था प्यू रिसर्च के ताजा आंकड़े चौंकाने और चिंता बढ़ाने वाले हैं. प्यू रिसर्च सेंटर (Pew Research Centre) ने दुनिया की आबादी और अलग-अलग धर्म को मानने वालों की संख्या पर एक अनुमान लगाया है, जिसके मुताबिक साल 2030 तक मुस्लिम आबादी 1.5 प्रतिशत की ग्रोथ रेट के साथ बढ़ेगी तो वहीं गैर मुसलमानों की आबादी 0.7 फीसदी ग्रोथ रेट के साथ बढ़ेगी यानी दुनिया में मुसलमानों की आबादी में गैर मुसलमानों के मुकाबले दोगुनी रफ्तार से इजाफा होगा.
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2050 दुनिया में होंगे 29.7% मुस्लिम
मुस्लिमों की आबादी के बढ़ने की रफ्तार का असर दुनिया पर भी दिखाई देगा. प्यू रिसर्च सेंटर के द फ्यूचर ऑफ वर्ल्ड रीजंस अध्ययन में अनुमान लगाया गया है कि साल 2050 तक दुनिया में ईसाइयों की आबादी 31.4 फीसदी और मुसलमानों की आबादी 29.7 फीसदी हो जाएगी. इसके बाद दुनिया की कुल आबादी में हिंदू 14.9 फीसदी होंगे. फिलहाल हिंदुओं की आबादी 1.2 अरब है, जो पूरी दुनिया की आबादी का 15 फीसदी है. वहीं मुसलमानों की आबादी 1.9 अरब है जो पूरी दुनिया की आबादी का करीब 24 फीसदी है.
हिंदुओं से कहीं ज्यादा बढ़ेंगे मुस्लिम
प्यू रिसर्च के अध्ययन में लगाए गए अनुमान के मुताबिक, कुछ साल में दुनिया में इस्लाम को मानने वालों की संख्या सबसे ज्यादा हो जाएगी. दुनिया में मुस्लिमों की हिस्सेदारी का बढ़ता ट्रेंड इसकी तस्दीक कर रहा है. प्यू रिसर्च के डाटा के मुताबिक फिलहाल दुनिया में मुस्लिमों की भागीदार 24 फीसदी है, जो साल 2050 तक 29.7 फीसदी हो जाएगी. हिंदुओं की भागीदारी का ट्रेंड देखें तो फिलहाल दुनिया में हिंदुओं की संख्या 15 फीसदी है, जिसके साल 2050 तक 14.9 फीसदी रह जाने का अनुमान है यानी हिंदुओं की आबादी दुनिया की जनसंख्या के ग्रोथ रेट के मुताबिक ही बढ़ेगी लेकिन मुस्लिम आबादी की ग्रोथ रेट कहीं ज्यादा होगी.
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भारत मुस्लिमों की संख्या के मामले में होगा नंबर वन
दुनिया की जनसंख्या के इस ट्रेंड का असर देश में अलग-अलग धर्म को मानने वाले लोग लोगों की भागीदारी पर भी पड़ेगा. प्यू रिसर्च के अध्ययन के मुताबिक, साल 2050 तक भारत सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाले देश के रूप में इंडोनेशिया को पीछे छोड़ देगा. 2050 तक भारत में मुसलमानों की संख्या 310 मिलियन से अधिक हो जाएगी. हालांकि, 77 फीसदी आबादी के साथ हिंदू बहुसंख्यक रहेंगे और मुस्लिम 18 फीसदी आबादी के साथ सबसे बड़े अल्पसंख्यक बने रहेंगे यानी हिंदुओं की संख्या के साथ-साथ देश में मुसलमानों की संख्या में भी तेजी से बढ़ोतरी होगी.
हिंदुओं की आबादी में दर्ज होगी गिरावट
इस रिसर्च में कुछ देशों में हिंदुओं की आबादी में खतरनाक रूप से गिरावट दर्ज होने की संभावना भी जताई गई है. कम प्रजनन दर धर्मांतरण और प्रवासन जैसे कारणों की वजह से 2050 में कई देशों में हिंदुओं की आबादी तेजी से गिरेगी, जिन देशों में हिंदुओं की आबादी कम होगी. उनमें पाकिस्तान के साथ-साथ बांग्लादेश और अफगानिस्तान भी शामिल हैं. इन देशों में हिंदू अल्पसंख्यक हैं और आने वाले 25 साल में ना के बराबर बचेंगे.
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3 मुस्लिम देशों में हिंदू हो जाएंगे लगभग खत्म
आंकड़ों के मुताबिक, पाकिस्तान में 2010 में हिंदुओं की आबादी 1.6 फीसदी थी, जो प्यू रिसर्च के मुताबिक साल 2050 में गिरकर 1.3 फीसदी रह जाएगी. बांग्लादेश में साल 2010 में 88.5 फीसदी हिंदू थे, जिनके 2050 में घटकर 7.2 फीसदी रह जाने का अनुमान है. वहीं, अफगानिस्तान में साल 2010 में 0.4 फीसदी हिंदू थे, जिनके घटकर 0.3 फीसदी होने का अनुमान है यानी जिन देशों में हिंदू अल्पसंख्यक हैं, वहां उनकी आबादी बहुसंख्यक के मुकाबले कम रफ्तार से बढ़ेगी.
दुनिया में हिंदुओं की आबादी तो बढ़ेगी, लेकिन उनकी कुल आबादी में हिस्सेदारी में मामूली गिरावट आएगी. प्यू रिसर्च की स्टडी से साफ है कि दुनिया में इस्लाम को मानने वालों की आबादी में इजाफा देखने को मिलेगा और आने वाले कुछ साल में दुनिया में इस्लाम को मानने वालों की संख्या सबसे ज्यादा होगी.
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