Advertisment

नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा उकसा रही है चीन को, जानें पूरा मसला

बीते तीन दशकों से कांग्रेस अध्यक्ष नैंसी चीन की कट्टर और मुखर आलोचक रही हैं. उन्होंने 1989 में बीजिंग के थियानमेन चौक पर लोकतंत्र समर्थकों के हुए नरसंहार के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताने के लिए बैनर तक लहराया था.

author-image
Nihar Saxena
एडिट
New Update
Nancy Pelocy

नैंसी पेलोसी पहलेअप्रैल में आने वाली थीं ताइवान दौरे पर.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

Advertisment

चीन (China) ने अमेरिकी कांग्रेस अध्यक्ष नैंसी पेलोसी (Nancy Pelosi) की प्रस्तावित ताइवान यात्रा पर सैन्य कार्रवाई की धमकी दी है. चीन ताइवान (Taiwan) पर अपना दावा ठोंकता आ रहा है. खासकर द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से दोनों देशों के संबंध हमेशा तनावपूर्ण रहे हैं. चीन ताइवान को किसी भी सूरत में संप्रभु राष्ट्र की तरह महत्व दिए जाने के खिलाफ रहा है. ऐसे में अमेरिकी राजनीति में राष्ट्रपति के बाद दूसरी ताकतवर शख्सियत बतौर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा उसके लिए किसी चुनौती सी है. ऐसे में उसने सैन्य कार्रवाई की धमकी दी है. इसके जवाब में ताइवान ने अपनी नौसेना और वायुसेना का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास शुरू कर दिया है. ऐसे में विशेषज्ञ आशंका जता रहे हैं कि पेलोसी की ताइवान यात्रा एशियाई (Asia) उपमहाद्वीप में रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे हालात पैदा कर सकती है. खासकर अमेरिका के लिए नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा नाक के बाल का प्रश्न बन गई है. अगर नैंसी पेलोसी ताइवान की यात्रा रद्द करती हैं, तो इसे ड्रैगन के सामने आत्मसमर्पण माना जाएगा. इसके उलट अगर नैसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के दौरान चीन ताइवान पर हमला कर देता है, तो भी अमेरिका के लिए स्थिति बहुत असहज हो जाएगी.

ताइवान क्यों जा रही हैं नैंसी
बीते तीन दशकों से कांग्रेस अध्यक्ष नैंसी चीन की कट्टर और मुखर आलोचक रही हैं. उन्होंने 1989 में बीजिंग के थियानमेन चौक पर लोकतंत्र समर्थकों के हुए नरसंहार के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताने के लिए बैनर तक लहराया था. यही नहीं, 2019 में हांगकांग में लोकतंत्र समर्थक आंदोलन को अपना समर्थन दिया था. इस कारण चीन नैंसी पेलोसी का नाम आते ही भड़क जाता है. अमेरिका का ताइवान को पूरा समर्थन प्राप्त है. अब नैंसी पेलोसी ताइवान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दर्शाने यह दौरा कर रही हैं. ऐसे में नैंसी पेलोसी के दौरा पर ड्रैगन के आगबबूला होने पर ताइवान की राष्ट्रपति त्‍साई इंग वेन ने भी त्योरियां चढ़ा ली हैं. इसके साथ ही उन्होंने लोकतांत्रिक मूल्यों, उदारवादी नीतियों, समलैंगिक शादियों और मजबूत नागरिक सुरक्षा तंत्र पर पेलोसी के सुर में सुर मिलाते हुए चीन को कड़ा जवाब दिया है. नैंसी भी त्साई इंग वेन के बयानों को अपना समर्थन दे रही हैं. बस चीन इसी बात से सैन्य कार्रवाई की धमकी दे रहा है. 

यह भी पढ़ेंः  इराक में श्रीलंका जैसे हालात, भ्रष्टाचार-कुशासन के खिलाफ प्रदर्शनकारियों का संसद पर कब्जा

नैंसी के दौरे से तनाव इसलिए भी है बढ़ा
चीन शुरुआत से ताइवान पर अपना दावा ठोंकता आया है. यहां तक कि इसके लिए वह किसी भी तरह की सैन्य कार्रवाई से पीछे नहीं हटने की बात भी करता है. इसीलिए उसने हालिया वर्षों में ताइवान को लेकर अपनी सैन्य तैयारियां पुख्ता कर ली हैं. इसके उलट अमेरिका लोकतांत्रिक ताइवान को समर्थन देता आया है. ऐसे में बीजिंग को वॉशिंगटन और ताइपे के आधिकारिक संबंध रास नहीं आते. इस बार नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे से मामला मूंछ के बाल का बन गया है. 1995 में चीन ने ताइवान के तत्कालीन राष्ट्रपति ली तेंग हुई के वॉशिंगटन दौरे के विरोध में न सिर्फ युद्धाभ्यास किया था, बल्कि ताइवान की समुद्री सीमा के पास पानी में मिसाइल भी दागी थी. ऐसे में पेलोसी की ताइवान यात्रा ने एशिया में तनाव बढ़ा दिया है. हालांकि सामरिक और कूटनीतिक विसेषज्ञ इस बात की आशंका से इंकार करते हैं बीजिंग पेलोसी के प्लेन को ताइपे में नहीं उतरने देने के लिए सैन्य शक्ति का इस्तेमाल करेगा. फिर भी एक वर्ग का मानना है कि ड्रैगन के अगले कदम को लेकर निश्चित तौर पर कुछ भी नहीं कहा जा सकता है. 

यह समय संवेदनशील क्यों
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन प्रशासन चीन के साथ अपने संबंधों को लेकर हमेशा मुखर रहा है. इसके पहले पेलोसी ने अप्रैल में ताइवान यात्रा की योजना बनाई थी, जो उनके कोरोना संक्रमित होने से खटाई में पड़ गई. हालांकि उसके बाद उन्होंने अपने ताइवान दौरे को लेकर खुलासे से मना कर दिया. अब जब उनके ताइवान दौरे की चर्चा सुर्खियों में है तो संयोग से 1 अगस्त सामने हैं. 1 अगस्त को चीन पिपुल्स लिबरेशन आर्मी की स्थापना का समारोह मनाने जा रहा है. पीएलए सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की सैन्य इकाई है. ऐसे में नैंसी पेलोसी का दौरा उसके समारोह में खलल डाल सकता है. इसके अलावा शी जिनपिंग नैंसी के दौरे का विरोध और सैन्य अभियान की धमकी देकर अपनी राष्ट्रवादी छवि को और धार देना चाहते हैं. गौरतलब है कि जल्द ही कम्युनिस्ट पार्टी की बैठक होने वाली है और जिनपिंग तीसरे कार्यकाल के लिए जमीन तैयार करना चाहते हैं. इस लिहाज से भी नैंसी के ताइवान दौरे के विरोध का आधार बना वह अपनी इस छवि को और पुख्तापन दे सकते हैं. 

यह भी पढ़ेंः पाक महिला हैण्डलरों के संपर्क में था सेना का जवान, आरोपी को पुलिस रिमांड पर भेजा

ताइवान का बीजिंग को लेकर है यह रुख
ताइवान की राष्‍ट्रपति त्‍साई इंग वेन अमेरिका, यूरोप और एशिया से आने वाले हर विदेशी राजनेता और राजनयिक का तहे दिल से स्वागत करती हैं. ऐसे दौरों को वह बीजिंग की ताइवान को मान्यता नहीं देने और कूटनीतिक स्तर पर अलग-थलग करने के प्रयासों के प्रतीकात्मक विरोध बतौर देखती हैं. हालांकि ऐसे मौकों पर धारदार बयानबाजी नहीं करतीं और ड्रैगन को उकसाने से बचती हैं. इसकी एक वजह यह भी है ताइवान के लिए चीन एक बेहतर आर्थिक साझेदार भी है. लाखों ताइवानी चीन में रह रहे हैं. हालांकि नैंसी पेलोसी के दौरे को लेकर ड्रैगन की धमकी को उन्होंने इस बार अपेक्षाकृत सख्त रुख अपनाया है. ड्रैगन की धमकी के बाद ताइपे में सोमवार को सिविल डिफेंस ड्रिल किया गया तो खुद त्साई इंग वेन ने अपने 6 साल के कार्यकाल में दूसरी बार मंगलवार को एक युद्धपोत पर सवार होकर ड्रैगन को सख्‍त संदेश दिया है. आम ताइवानी भी चीन के साथ जाना नहीं चाहता. फिर भी अकेले दम चीन की सैन्य शक्ति का मुकाबला करने का माद्दा ताइवान के पास नहीं है. फिर भी सिविल डिफेंस ड्रिल और नौसेना-वायुसेना का संयुक्त अभ्यास कर त्साई इंग वेन ड्रैगन को अपनी तरफ से सख्त संदेश देने की कोशिश कर रही हैं. इन्हीं सब कारणों से नैंसी पेलोसी का ताइवान दौरान एशियाई उपमहाद्वीप की शांति-सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील हो गया है. 

HIGHLIGHTS

  • 1 अगस्त को पीएलए अपना स्थापना दिवस मना रही है
  • नैंसी पेलोसी का दौरा इस समारोह में खलल डाल सकता है
  • बीजिंग ने नैंसी के दौर पर सैन्य कार्रवाई की धमकी दी है
taiwan ताइवान चीन America china Xi Jinping russia ukraine war अमेरिका tension एशिया Asia Nancy Pelosi शी जिनपिंंग नैंसी पेलोसी
Advertisment
Advertisment