Lok sabha speaker 2024: 18वें लोकसभा के स्पीकर पद को लेकर सियासत गरमा गई है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेतृत्व वाला सत्तारूढ़ नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (एनडीए) और कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया ब्लॉक स्पीकर पद को लेकर आमने-सामने हैं. दोनों ही गठबंधनों के बीच स्पीकर पद लेकर सहमति नहीं बन पाई है. अब मंगलवार को सुबह 11 बजे सदन में स्पीकर पद के लिए वोटिंग होगी. स्पीकर पद को लेकर इससे पहले जबरदस्त बयानबाजी हो रही है और खूब हंगामा बरपा हुआ है. ऐसे में स्पीकर पद की वोटिंग से पहले लोकसभा में क्या नंबरगेम है? आइए जानते हैं.
यह पहली बार होगा जब लोकसभा के स्पीकर के लिए चुनाव होंगे. इंडिया ब्लॉक की ओर के. सुरेश ने स्पीकर पद के लिए नामांकन दाखिल कर दिया. एनडीए ने एक बार फिर ओम बिरला पर भरोसा जताया है और उनको स्पीकर पद का उम्मीदवार बनाया. उन्होंने आज बीजेपी सासंद ओम बिरला ने सदस्य के रूप में शपथ ली.
स्पीकर पद लेकर NDA-INDIA में क्यों तकरार?
आजादी के बाद से, लोकसभा स्पीकर और डिप्टी स्पीकर का चुनाव सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आम सहमति से होता रहा है. इस बार ऐसा होता नहीं दिख रहा है, क्योंकि एनडीए और इंडिया अलायंस दोनों ही अपने-अपने कैंडिडेट उतार चुके हैं. आखिर एनडीए गठबंधन और इंडिया ब्लॉक के बीच सहमति क्यों नहीं बन पाई. दरअसल, कांग्रेस की मांग थी कि बीजेपी भरोसा दिलाए कि डिप्टी स्पीकर पद विपक्ष को दिया जाएगा, लेकिन बीजेपी ने कोई उचित जवाब नहीं दिया. इसके बाद दोनों के बीच बात बिगड़ गई और फिर इंडिया ब्लॉक की ओर से के. सुरेश ने स्पीकर पद के लिए नोमिनेशन फाइल कर दिया.
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा- 'हम स्पीकर को समर्थन देंगे, लेकिन डिप्टी स्पीकर विपक्ष का होगा'#RahulGandhi #Congress #LoksabhaSpeaker #DeputySpeaker @iamsachindubey pic.twitter.com/u3XIR85ZaM
— News Nation (@NewsNationTV) June 25, 2024
'सरकार की नीयत साफ नहीं
रायबरेली से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को फोन आया. उन्होंने कहा कि आप हमारे स्पीकर को सपोर्ट करिए. इसको लेकर अपने पूरे विपक्ष से बात की, सभी ने यही कहा कि हम स्पीकर को सपोर्ट करेंगे, लेकिन डिप्टी स्पीकर पद विपक्ष को मिलना चाहिए. राजनाथ सिंह ने कल कहा था कि मल्लिकार्जुन खरगे को कॉल रिटर्न करेंगे, लेकिन उन्होंने कॉल रिटर्न नहीं किया. प्रधानमंत्री मोदी कह रहे हैं कि कंस्ट्रक्टिव सहयोग हो, लेकिन हमारे नेता की इंसल्ट की जा रही है. सरकार की नीयत साफ नहीं है.
डिप्टी स्पीकर पद: कांग्रेस को BJP की मंशा पर शक
कांग्रेस को डिप्टी स्पीकर पद को लेकर सत्तारूढ़ बीजेपी की मंशा पर शक है. इसकी वजह है पिछले कार्यकाल में विपक्ष के पास उचित संख्या बल नहीं था, तो डिप्टी स्पीकर का पद खाली रहा था. बीजेपी ने कांग्रेस को इस लायक नहीं समझा था कि डिप्टी स्पीकर का पद उसे दिया जाए. इसलिए 17वीं लोकसभा के दौरान डिप्टी स्पीकर का पद पूरे कार्यकाल में खाली रहा था.
वहीं, बीजेपी ने 2014 में अपने सहयोगी AIADMK के थम्बी धुरई को यह पद देने की पेशकश की थी. हालांकि संसदीय परंपरा के हिसाब से डिप्टीस्पीकर का पद विपक्ष को दिया जाता है. इस बार कांग्रेस का संख्या बल सदन में बढ़ा है, ऐसे में विपक्ष को ये पद मिलना चाहिए था, लेकिन बीजेपी ने इस पर अपना रुख साफ नहीं किया.
कैसे होता है लोकसभा स्पीकर का चुनाव?
संविधान के अनुच्छेद 93 के मुताबिक- सांसद, सदन के दो सांसदों को स्पीकर और डिप्टी स्पीकर चुनते हैं. लोकसभा स्पीकर के चुनाव से एक दिन पहले सदस्यों को उम्मीदवारों को समर्थन का नोटिस जमा करना होता है. यह चुनाव साधारण बहुमत के जरिए होता है. जिस कैंडिडेट को वोटिंग के दिए लोकसभा में मौजूद आधे से ज्यादा सांसद वोट देते हैं, वह लोकसभा अध्यक्ष बनता हैं.
लोकसभा में अभी क्या है नंबरगेम?
लोकसभा में नंबरगेम के हिसाब से देखा जाए तो सत्ता पक्ष एनडीए गठबंधन के पास बहुमत है. स्पीकर पद को लेकर मंगलवार को चुनाव होना है. हालांकि क्या होना है, वह सबके सामने है. 543 सदस्यीय लोकसभा में एनडीए के 293 सांसद हैं, और उन्हें स्पष्ट बहुमत प्राप्त है जबकि विपक्षी इंडिया ब्लॉक के पास 233 सांसद हैं, जबकि 16 अन्य दलों के सांसद हैं. साफ है कि लोकसभा स्पीकर को लेकर होने वाले चुनाव में एनडीए का पलड़ा भारी है. लेकिन, इंडिया ब्लॉक ने जो अपना तेवर दिखाया है. उससे साफ कर दिया कि संसद का जो भी सत्र आगे चलेगा. उनका रवैया इसी तरह का रहेगा.
कांग्रेस ने अभी से BJP को दिखाए तेवर
लोकसभा चुनाव में अच्छे प्रदर्शन के बाद इंडिया ब्लॉक का जोश हाई है. वो इस बार बेहतर तरीके से विपक्षी की भूमिका अदा करने के मूड में है. लोकसभा स्पीकर चुनाव से पहले ही कांग्रेस ने अपनी शर्तें सरकार के सामने रखनी शुरू कर दी है. डिप्टी स्पीकर पर बीजेपी के रुख को कांग्रेस ने तानाशाही करार दिया. वहीं इंडिया गठबंधन में उसके सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने कहा कि जो माहौल बीजेपी की तरफ से बनाया गया है कि वो ठीक नहीं है. डिप्टी स्पीकर पद विपक्ष को दिए जाने की परंपरा है तो सत्तारूढ़ बीजेपी को उसका पालन करना चाहिए.
Source : News Nation Bureau