Pakistan Election: बैलेट पेपर से मतदान, फिर भी एक ही दिन में कैसे आ जाता है पाकिस्तान चुनाव का रिजल्ट?

Pakistan Election: पाकिस्तान में इस बार तीन पार्टियों के बीच चुनावी मुकाबला है. इमरान खान जेल में बंद हैं और उनकी पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ के नेता निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में ही इस बार चुनाव लड़ रहे हैं

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Suhel Khan
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Pakistan Election

Pakistan Election ( Photo Credit : Social Media)

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Pakistan Election: आतंकवाद और आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान में कल यानी 8 फरवरी को आम चुनाव हुए. मतदान के दौरान कई स्थानों  से हिंसा की खबरें भी आईं. इसके बाद भी चुनाव सम्पन्न हुए और आज नतीजे भी आ रहे हैं. हालांकि, पाकिस्तान में ये पहली बार है जब चुनावी नतीजों में इतना वक्त लग रहा है. अमूमन पाकिस्तान चुनाव के नतीजे वोटिंग वाले दिन देर रात तक आ जाते हैं. चुनावी नतीजों में देरी के चलते इसपर सवाल भी उठ रहे हैं. बता दें कि पाकिस्तान में अब भी बैलेट पेपर से मतदान होता है. बावजूद इसके यहां चुनाव परिणाम इतने जल्द कैसे आ जाते हैं? जबकि भारत में ईवीएम से चुनाव होने के बाद भी चुनावी परिणामों के लिए इंतजार करना पड़ता है. आज हम आपको पाकिस्तान में चुनाव प्रक्रिया से जुड़ी तमाम जानकारियां आपको देने जा रहे हैं.

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इमरान, बिलावल और नवाज शरीफ की पार्टियों के बीच मुकाबला

पाकिस्तान में इस बार तीन पार्टियों के बीच चुनावी मुकाबला है. इमरान खान जेल में बंद हैं और उनकी पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ के नेता निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में ही इस बार चुनाव लड़ रहे हैं क्योंकि उनकी पार्टी का नामांकन पिछले साल चुनाव आयोग ने रद्द कर दिया था. जबकि नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज भी चुनावी मैदान में है. वहीं तीसरी पार्टी बिलावल जरदारी भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) है. तीनों पार्टियों के बीच टक्कर है लेकिन बिलावल की पार्टी इस चुनाव में अब तक आए नतीजों में तीसरे स्थान पर नजर आ रही है.

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12 करोड़ से ज्यादा लोगों ने लिया चुनाव में भाग

पाकिस्तान में 22 करोड़ से ज्यादा जनसख्या है. लेकिन इसमें से सिर्फ 12 करोड़ 85 लाख से कुछ ज्यादा ही मतदाता है. ऐसे में में कल हुए चुनाव में 12.85  करोड़ लोगों ने भाग लिया. चुनाव आयोग ने 8 फरवरी को चुनाव कराने की तारीख तय की थी. इस चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने कुल 26 करोड़ बैलेट पेपर छपवाए. इनका वहन करीब 2100 टन बताया गया था. बता दें कि पाकिस्तान में ईवीएम से चुनाव नहीं कराए जाते. हालांकि इमरान खान ने अपने कार्यकाल के दौरान ईवीएम से चुनाव कराने की कोशिश की थी. इसके लिए उन्होंने मई 2021 में संसद में एक प्रस्ताव पेश किया, लेकिन 11 विपक्षी पार्टियों के सांसदों ने इसका विरोध किया. जिसके चलते ये प्रस्ताव पास नहीं हो पाया.

मतदान में बूथ कैप्चरिंग की घटनाएं आम

पाकिस्तान में बैलेट पेपर से मतदान होने के चलते देश में बूथ कैप्चरिंग की घटनाएं आम बात हैं. पाकिस्तान के सबसे अशांत रहने वाले खैबर पख्तूनख्वा में इस प्रकार की घटनाएं सबसे ज्यादा होती है. इसीलिए यहां के 80 फीसदी से ज्यादा मतदान केंद्र अति संवेदनशील माने जाते हैं. गुरुवार को हुए चुनाव में भी पाकिस्तान में हिंसा की कई घटनाएं सामने आईं. वहीं बलूचिस्तान में भी चुनाव कराना आसान नहीं माना जाता. यहां के 80 फीसदी मतदान केंद्र भी अति संवेदनशील हैं.

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पाकिस्तान के इस इलाके में कुल 5,028 मतदान केंद्र बनाए गए. इनमें से सिर्फ 961 यानी करीब 19 फीसदी केंद्रों को ही चुनाव आयोग ने सामान्य माना. वहीं 2,337 मतदान केंद्रों को 'संवेदनशील' और 1,730 को अत्यधिक संवेदनशील घोषित किया गया था. मतदान केंद्रों पर सुरक्षा बलों की तैनाती के साथ-साथ कई इलाकों में इंटरनेट सेवा को भी बंद करना पड़ा था.

कैसे एक ही दिन में आ जाता है पाकिस्तान के चुनाव का परिणाण?

बता दें कि पाकिस्तान में बैलेट पेपर से मतदान होता है. मतदान खत्म होने के तुरंत बाद ही वोटों की गिनती भी शुरू हो जाती है. जिससे बैलेट बॉक्स में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न की जा सके. वोटिंग खत्म होने के तुरंत बाद मतगणना शुरू होने के कुछ घंटों के भीतर ही परिणाम भी आना शुरू हो जाते हैं. दरअसल, इतनी तेजी से चुनाव परिणाम आने की पीछे की खास वजह ये है कि पोलिंग बूथ पर ही अधिकारी अपने हाथ से वोटों की गिनती करते रहते हैं.

इसीलिए चुनाव के दिन ही देर रात तक चुनावी नतीजे जारी कर दिए जाते है. हमारे देश में जहां वोटिंग के बाद बैलेट बॉक्स को सील कर जिला मुख्यालयों पर ले जाया जाता है. जहां बाद में वोटों की गिनती होती है. जबकि पाकिस्तान में ऐसा नहीं है. वहां वोटिंग के बाद ही बूथ पर ही वोटों की गिनती की जाती है. इसके साथ ही अगर तय समय पर चुनाव के नतीजे नहीं आते तो रिटर्निंग ऑफिसर को चुनाव आयोग को इस बारे में लिखित में जानकारी देनी पड़ती है.

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सरकार बनाने कि लिए कितनी सीटों की होती है जरूरत?

पाकिस्तान में भी भारत की तरह ही आम चुनाव होते हैं. लेकिन यहां नेशनल असेंबली की कुल 342 सीटें हैं जबकि भारत में 543 सीटों के लिए मतदान होता है और दो सीटों पर राष्ट्रपति द्वारा सदस्यों का चयन किया जाता है. पाकिस्तान में 272 सीटों पर चुनाव होते हैं इनमें 60 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं. नेशनल असेंबली के 272 सांसद का चयन होने के बाद जिस पार्टी के पास बहुमत होता है उसी पार्टी की सरकार बनती है.

पाकिस्तान की राजनीति में ये पार्टियां है अहम

पाकिस्तान की राजनीति में जो नेता सबसे ज्यादा अहमित रखते हैं उनमें नवाज शरीफ, बिलावल भुट्टो और इमरान खान है. ये तीनों ही नेता प्रधानमंत्री पद के लिए प्रमुख दावेदार हैं. हालांकि इमरान खान के जेल जाने के बाद नवाज शरीफ और बिलावल जरदारी भुट्टो पीएम की रेस में हैं. नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज, पूर्व पीएम इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) और बिलावल भुट्टो की पार्टी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी मुख्य राजनीति पार्टियां हैं.

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Source : News Nation Bureau

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