Quad Summit 2024: प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका दौरे पर है, जहां उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ-साथ क्वाड देशों राष्ट्राध्यक्षों के साथ मुलाकात की. प्रधानमंत्री मोदी का ये अमेरिका दौरा ऐसे वक्त में हो रहा है. जब अमेरिका में चुनावी सरगर्मी है. दूसरी तरफ दुनिया में अलग अलग मोर्चो पर जंग छिड़ी है. ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिका दौरे पर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी है. उधर, अमेरिका में पीएम मोदी के ‘पावरगेम’ से चीन हैरान हैं, क्योंकि ड्रैगन की जेब पर तगड़ी चोट पड़ी है. आइए जानते हैं कि क्वाड समिट से भारत को क्या मिलेगा.
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मजबूत होते भारत-अमेरिका संबंध
अमेरिका और भारत के संबंध अब तक के सबसे मजबूत दौर में हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि भारत उसके खेमे में शामिल हो जाए. भारत अपने हितों को देखते हुए आगे बढ़ना चाहता हैं. हर चुनौती का सामना अपने दम पर करना चाहता है. अमेरिका के लिए भारत क्या अहमियत रखता है. आप अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि जब पीएम मोदी विलमिंगटन में द्विपक्षीय वार्ता के लिए पहुंचे तो अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने उनका गले लगाकर स्वागत किया और हाथ पकड़कर उन्हें घर के अंदर ले गए. जब मीटिंग खत्म हुई तो अमेरिकी राष्ट्रपति पीएम मोदी बाहर तक छोड़ने आए और गले लगाकर विदा किया.
STORY | PM meets US President Biden ahead of Quad summit
— Press Trust of India (@PTI_News) September 21, 2024
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(Source: Third Party)
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बाइडेन ने की PM मोदी की तारीफ
पीएम मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन के बीच कैसी बॉन्डिंग हैं. आप राष्ट्रपति बाइडेन के पोस्ट से अंदाजा लगा सकते हैं. राष्ट्रपति बाइडेन ने एक्स पर लिखा, ‘भारत के साथ अमेरिका की साझेदारी इतिहास में किसी भी समय की तुलना में अधिक मजबूत, करीबी और अधिक गतिशील है. प्रधानमंत्री मोदी के साथ जब हम बैठते हैं तो मैं नए क्षेत्रों को खोजने की हमारी क्षमता से चकित रह जाता हूं. आज की बैठक भी कुछ ऐसी ही रही.’
The United States' partnership with India is stronger, closer, and more dynamic than any time in history.
— President Biden (@POTUS) September 21, 2024
Prime Minister Modi, each time we sit down, I'm struck by our ability to find new areas of cooperation. Today was no different. pic.twitter.com/TdcIpF23mV
भारत को क्या मिलेगा?
द्विपक्षीय वार्ता में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पीएम मोदी के यूक्रेन दौरे की तारीफ की. इससे भारत की दुनिया में बढ़ती धमक को बल मिलेगा. साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति ने संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थाई सदस्यता का भी समर्थन किया. पीएम मोदी का ये अमेरिका दौरा कई मायनों में अहम साबित होगा, क्योंकि इससे भारत को वैश्विक, रणनीतिक और आर्थिक मोर्चे पर काफी कुछ मिलेगा.
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पहला ये कि भारत और अमेरिका का रिश्ता बराबरी के तराजू पर है.
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दूसरा रूस से घनिष्ठ दोस्ती के साथ ही भारत अमेरिका का भी दोस्त रहेगा.
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तीसरा चीन और पाकिस्तान से निपटने के लिए अमेरिका से बड़ी रक्षा डील.
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चौथा भारतीय इकोनोमी में अमेरिकी कारोबारियों का निवेश.
क्वाड समिट में शामिल PM मोदी
जो बाइडेन से मुलाकात और द्विपक्षीय मीटिंग के बाद पीएम मोदी QUAD समिट में हिस्सा लेने जो बाइडेन के स्कूल पहुंचे. समिट में पीएम मोदी के अलावा अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और जापान के पीएम फुमियो किशिदा भी शामिल हुए. क्वॉड समिट में स्वास्थ्य सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, उभरती टेक्नोलॉजी, इंफ्रास्ट्रक्चर, कनेक्टिविटी और आतंकवाद पर चर्चा हुई.
दुनिया बेहद ही खतरनाक मोड पर खड़ी है. रूस-यूक्रेन युद्ध का परमाणु युद्ध में बदलने का खतरा मंडरा रहा है. दूसरी तरफ इजरायल ने हिजबुल्लाह के खिलाफ जंग छेड़ दी है. इन दो महायुद्धों से दुनिया के सामने विकास, व्यापार, भोजन का संकट है. इस संकट बीच क्वॉड के मंच से बोलते हुए पीएम मोदी ने एक बार फिर शांति की बात की. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘हम सभी नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था और सभी मुद्दों के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करते हैं. स्वतंत्र और समावेशी इंडो-पेसिफिक हमारी प्राथमिकता है.’
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पीएम ने इशारों पर चीन को घेरा
पीएम मोदी ने संधे हुए शब्दों में चीन को भी चेतावनी दे डाली. क्वाड समिट हिंद प्रशांत महासागर का जो पूरा क्षेत्र है, वहां पर शांति, स्थायित्व और दुनिया की अखंडता बनाए रखने में जोर दिया गया है. साथ ही पीएम मोदी ने कहा, ‘क्वाड साझेदारी और सहयोग के लिए है. हमने मिलकर स्वास्थ्य, सुरक्षा, टेक्नोलॉजी, जलवायु परिवर्तन और कैपेसिटी बिल्डिंग जैसे क्षेत्रों में कई सकारात्मक और समावेशी पहल की हैं.’
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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के समिट में बोलते हुए क्वॉड की मजबूती की बात कही. जो बाइडेन ने कहा, ‘हम लोकतांत्रिक देश हैं जो जानते हैं कि काम कैसे करना है. हम क्वाड को और अधिक परिणामी बना रहे हैं. 4 साल बाद, हम चार देश पहले से कहीं अधिक रणनीतिक रूप से एकजुट हैं. मेरा विश्वास है चुनौतिया आएंगी, दुनिया बदेली क्योंकि क्वाड यहां है.’
ड्रैगन की जेब पर ऐसे चोट
क्वाड से भारत को काफी मदद मिली है. बीते सालों में इंडिया का रुतबा काफी बढ़ा है. क्वाड के चलते पूरी दुनिया में चीन की जगह भारत एक ग्लोबल मार्केट बनता जा रहा है. दुनिया के कई बड़े देश भारत में निवेश करना चाहते हैं और कर भी रहे हैं. ऐसा होने से भारत की अर्थव्यवस्था को मजूबती मिल रही है. कहीं न कहीं इससे ड्रैगन की जेब पर तगड़ी चोट जरूर लगी है, क्योंकि दुनिया की कई बड़ी कंपनियां चीन में भी निवेश करती हैं, लेकिन बदलती परिस्थितियां वे चीन के बजाय भारत में निवेश कर रही हैं.