Rahul Gandhi may have to vacate official bungalow : राहुल गांधी अब कांग्रेस के कार्यकर्ता हैं. वो पार्टी में किसी पद पर नहीं हैं. अब सांसद भी नहीं हैं. न तो वो कभी मंत्री रहे हैं और न ही किसी अन्य संवैधानिक पद पर. लेकिन अब तक सांसदी, पारिवारिक इतिहास और राजनीति में उनकी अहम जगह को देखते हुए अभी तक उन्हें सरकारी घरों में सबसे बेहतरीन स्तर का जो घर मिला हुआ था, वो सांसदी जाने के बाद छिन सकता है. राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहरा दिया गया है. उन्हें सूरत की एक कोर्ट ने मानहानि के मामले में दो साल की सजा और 15 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है. ऐसे में सांसदी जाने के बाद वो अपने तुगलक लेन वाले घर से भी हाथ धो सकते हैं.
क्या हैं सरकारी बंगलों से जुड़े नियम?
दिल्ली में टाइप I से लेकर टाइप VIII तक के घर हैं. टाइप I से टाइप IV तक सरकारी अधिकारियों को वरीयता क्रम के हिसाब से मिलते हैं. उनकी जरूरतों का भी ध्यान रखा जाता है. लेकिन टाइप VI से लेकर टाइप VIII तक सांसदों, मंत्रियों, पूर्व राज्यपालों, पूर्व केंद्रीय मंत्रियों, पूर्व उपराष्ट्रपतियों जैसे वरिष्ठतम लोगों को मिलते हैं. इसमें से भी VIII सबसे उच्च स्तर का होता है, जिसमें 5 बेडरूम होते हैं. ऐसे घर पूर्व कैबिनेट मंत्रियों, पूर्व उपराष्ट्रपतियों, योजना आयोग ( अब नीति आयोग ) के पूर्व अध्यक्ष, पूर्व प्रधानमंत्रियों को मिल सकते हैं. वहीं, इसके बाद का घर VII स्तर का होता है. इसमें 4 बेडरूम होते हैं. ऐसे घर कम से कम 5 बार सांसद रहे वरिष्ठतम नेताओं को मिल सकता है. पूर्व कैबिनेट मंत्रियों को भी इसमें जगह मिल सकती है, तो अभी शीर्ष मंत्रियों को ऐसे घर मिले हुए हैं. सुप्रीम कोर्ट के जजों को भी इस तरह के घर मिलते हैं. इन घरों के आवंटन से लेकर रख-रखाव और किराए का काम डीओई (डायरेक्टोरेट ऑफ एस्टेट) देखता है, जो शहरी विकास मंत्रालय के अधीर आया है. इन घरों को सरकारी घरों के आवंटन से संबंधित नियमावली-1963 के हिसाब से बांटा जाता है.
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अभी कैसा है राहुल गांधी का घर?
राहुल गांधी साल 2014 से 12, तुगलक लेन में बने टाइप VIII बंगले में रह रहे हैं. जो सबसे बेहतरीन और बड़ा बंगला होता है. ऊपर बताया ही जा चुका है कि ये किन लोगों को मिल सकता है. चूंकि राहुल गांधी के पास कुछ समय पहले तक एसपीजी सुरक्षा थी, और अब जेड+ सुरक्षा है, तो उनके आसपास बड़ा सुरक्षा घेरा होता है. ऐसे में उन्हें बड़ा घर दिया गया है. शुरूआत से ही उन्हें ऐसा घर मिला है, क्योंकि वो पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी (जिनकी हत्या कर दी गई) के बेटे हैं और उनकी दादी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ( प्रधानमंत्री रहते हुए साल 1984 में घर में ही हत्या ) के परिवार से हैं. लेकिन अब चूंकि वो न तो किसी राजनीतिक दल के बड़े पदाधिकारी हैं और न ही संसदीय जिम्मेदारियां उनके ऊपर हैं. ऐसे में उनसे ये घर खाली करवाया जा सकता है.
क्या जुर्माना और किराया देकर घर बचा सकते हैं राहुल गांधी?
हालांकि साल 2019 में मोदी सरकार एक नियम और ले आई थी, वो नियम था कि अगर कोई पूर्व सांसद, मंत्री ऐसे घरों को किसी बहाने से खाली नहीं कर रहा है, तो उस पर 10 लाख का जुर्माना लगाया जाएगा, साथ ही उससे किराए की वसूली की जाएगी. अगर ऐसा हुआ और सरकार इसकी मंजूरी दे, तो राहुल गांधी अपने घर में बने रह सकते हैं. लेकिन इसके लिए उन्हें सरकार की कृपा पर निर्भर रहना पड़ेगा. वैसे, सुरक्षा का महत्वपूर्ण मुद्दा उनके साथ है, इसलिए हो सकता है कि सरकार राहुल गांधी से टाइप VIII बंगले के लिए किराए की वसूली तक ही खुद को सीमित रखे. हालांकि इस मामले में सरकार क्या कदम उठाएगी और राजनीतिक परिस्थितियां क्या होंगी, ये देखने वाली बात होगी.
HIGHLIGHTS
- राहुल गांधी को खाली करना पड़ सकता है बंगला?
- संसद की सदस्यता जाने के बाद सिर्फ 15 दिनों का वक्त
- सरकार नोटिस देकर उसके तीन दिन बाद करा सकती है घर खाली