लंदन में रेल यात्रियों को रेल कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से जबर्दस्त परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसका पूरे देश में रेल सेवा परअसर पड़ा है. अगर मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बुधवार को पांच में से महज एक ट्रेन ही चल सकी और वह भी पूरे रेल नेटवर्क की आधी दूरी तक ही. इसकी वजह यह रही कि कुछ इलाकों के लिए एक भी ट्रेन मौजूद नहीं थी. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में भी रेल कर्मियों की हड़ताल का असर रहेगा, जो बेहद गंभीर भी हो सकती है. इसके पहले जून में भी तीन दशकों की सबसे बड़ी रेल हड़ताल का सामना प्रशासन को करना पड़ा था. उस वक्त लगभग 50 हजार रेल, मेरी टाइम और ट्रांसपोर्ट यूनियन (आरएमटी) कर्मी इस हड़ताल में शामिल हुए थे. इस बार भी लगभग 40 हजार कर्मी हड़ताल पर हैं. इस बार स्थिति इसलिए और गंभीर हो सकती है, क्योंकि नौकरी और पेंशन को लेकर 14 रेल कंपनियों के भी हड़ताल में शामिल होने की संभावना है.
हड़ताल की वजह
रेल कर्मी काम की स्थितियों में बदलाव, वेतन वृद्धि नहीं होने और संभावित छंटनी के मद्देनजर आंदोलनरत हैं. आरएमटी कर्मियों का कहना है कि बीते 2-3 सालों से उन्हें वेतन वृद्धि नहीं मिली है. वह भी तब जब आर्थिक स्तर पर उनकी जेब पर खर्च का बोझ बढ़ गया है. वह महंगाई में हुई वृद्धि के मद्देनजर न्यूनतम 7 फीसदी वेतन वृद्धि की मांग कर रहे हैं. उनका आरोप है कि रेल नेटवर्क ने पहले के वेतन स्तर में कोई बदलाव नहीं किया है. इसी तरह ट्रेन कंपनी भी कुछ नया प्रस्ताव नहीं दे रही हैं. कर्मियों का आरोप है कि ऊपर से धमकी ये दी जा रही है कि मेंटिनेंस के काम से जुड़े कर्मियों ने अगर हड़ताल वापस नहीं ली, तो 50 फीसदी छंटनी कर दी जाएगी. आरएमटी के महासचिव मिक लिंच के मुताबिक सिर्फ ड्राइवरों से उनकी मांगों को लेकर बात की जा रही है, जबकि बाकी कर्मियों की शर्तों और मांगों को कोई तवज्जो नहीं दी जा रही. उनका कहना है कि हड़ताल खत्म करने को आरएमटी सकारात्मक बातचीत को तैयार है, लेकिन किसी किस्म की धमकी बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
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कॉमनवेल्थ खेल होने वाले हैं शुरू
गौरतलब है कि रेल कर्मियों की हड़ताल ऐसे समय आई है जब कॉमनवेल्थ गेम्स समेत यूईएफए वूमेंस यूरो 2022 का सेमी फाइनल मैच सामने है. ऐसे में रेल कर्मियों की इस हड़ताल से आम लोगों को हो रही परेशानी को देखते हुए प्रधानमंत्री के प्रवक्ता ने आरएमटी यूनियन से हड़ताल खत्म करने का आह्वान किया है. आरएमटी और ट्रांसपोर्ट सेलरीड स्टाफ एसोसिएशन (टीएसएसए) लंबे समय से नौकरी, पेंशन और अन्य मसलों पर अपनी मांग उठाते आ रहे हैं. यह अलग बात है कि उनपर कोई सुनवाई नहीं हुई. ऐसे में जून में और अब मंगलवार से उन्होंने हड़ताल कर अपने कड़े रुख का प्रदर्शन किया है. इसके अलावा अपनी मांगों को मनवाने के लिए आगे की रणनीति भी घोषित कर दी है. इसके तहत आरएमटी और टीएसएसए 18 और 20 अगस्त को संयुक्त रूप से हड़ताल करेंगे. वहीं, आरएमटी ने 19 अगस्त के अंडरग्राउंड रेल की हड़ताल की बात की है. आरएमटी कर्मियों के बिना स्टेशनों का संचालन संभव नहीं है. उल्लेखनीय है कि यह लंदन अंडरग्राउंड रेल कर्मियों की इस साल की पांचवीं हड़ताल है.
HIGHLIGHTS
- पांच में से एक ही ट्रेन चल सकी, वह भी आधी दूरी तक
- इस साल रेल कर्मियों की पांचवीं बड़ी हड़ताल है यह